नागौर। 7 वर्षीय बालिका के अपहरण दुष्कर्म तथा उसके पश्चात हत्या के मामले में 24 दिन में आरोपी को फांसी की सजा दिलवाकर राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर मिसाल पेश की है ।उल्लेखनीय है कि नागौर के पादूकलां थाना अंतर्गत 7 वर्षीय बच्ची के साथ पहले रेप किया गया और फिर उसे मारकर, लाश को खेत में फेंक दिया गया। पुलिस के अनुसार दोपहर को आरोपी दिनेश बच्ची के घर गया था। उसने मृतका के परिवार से कहा था कि किसी को वो उसके साथ भेज दें, उसे अपने घर जाने में कुत्तों से डर लगता है।
परिवार वालों ने लड़की को आरोपी के साथ भेज दिया। जिसके बाद उनकी बेटी जब घर नहीं लौटी तो उन्होंने खोजबीन शुरू कर दी। पुलिस को लड़की के गायब होने की सूचना दी गई। जिसके बाद मासूम की लाश उसी के घर के पीछे खेतों में मिली। पुलिस को लाश के पास से चिप्स और बिस्कुट के पैकेट भी मिले । सूचना मिलने के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मामले में डीजीपी एम एल लाठर के निर्देशन में अजमेर रेंज आईजी और नागौर एसपी अभिजीत सिंह तथा डेगाना सीईओ नंदलाल सैनी को आईईओ बनाकर नागौर पुलिस ने त्वरित गति से जांच कर मात्र 6 दिनों में आरोप पत्र सहित आरोपी को को कोर्ट में पेश कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने तत्काल कार्यवाही करते हुए मात्र 24 दिनों में आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुना दी।मामले में पॉक्सो विशेष कोर्ट की जज रेखा राठौड़ ने दोषी दिनेश जाट को फांसी की सजा सुनाते हुए टिप्पणी की कि यह क्रूूरतापूर्ण अपराध है और राक्षस की प्रवृत्ति को दर्शाता है. बच्चों को बिना भय और असुरक्षा के समाज में प्रसन्नतापूर्वक जीने का अधिकार है. यदि बच्चे घर और घर के बाहर सुरक्षित नहीं हैं तो यह चिंता का विषय है. बच्चों की रक्षा माता-पिता के लिए चुनौतीपूर्ण काम हो चुका है. दोषी समाज के लिए कलंक है. अगर उसे जिंदा रखा गया तो उसके भविष्य में अपराध करने की आशंका रहेगी और अन्य अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा.
आरोपी को सजा दिलवाने में राजस्थान पुलिस की बेहतर भूमिका के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस की प्रशंसा की है तथा डीजीपी लाठर ने भी इस केस में रात दिन एक करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली और कर्मण्यता को मिसाल बताया है।
Report Sahil Pathan
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