पीयूष मिश्रा, अनूप सोनी भी लेंगे नाटकों के साथ हिस्सा
रंग राजस्थान में पीयूष मिश्रा, अनूप सोनी, हिमानी शिवपुरी, राजेन्द्र गुप्ता अपने नाटकों और टॉक शोज के साथ करेंगे शिरकत
रंग राजस्थान की औपचारिक शुरुआत आज से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में नाटक श्री राम की शक्ति पूजा के साथ हुई
रंग राजस्थान के चौथे दिन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के मैन ऑडिटोरियम में हुआ चंडीगढ़ का नाटक श्री राम की शक्ति पूजा, नाटक निरेश कुमार के निर्देशन में हुआ,
राम की शक्ति पूजा’ कवी सूर्यकांत त्रिपाठी निराली की कविता “राम की शक्ति पूजा का” पर आधारित नाट्य रूपांतरण है। उन्होंने इसे 23 अक्टूबर, 1936 को पूरा किया था. यह कविता पहली बार 26 अक्टूबर, 1936 को इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले अखबार ‘भारत’ में छपी थी. इसका मूल निराला के कविता संग्रह ‘अनामिका’ के पहले संस्करण में छपा था.
कहानी में लेखक ने श्री राम को एक साधारण मानव के धरातल पर खड़ा किया है, जो थकता भी है, टूटता भी है और उसके मन में जय एवं पराजय का भीषण द्वन्द्व भी चलता है.
नाटक में राम रावण युद्ध के प्रसंग का प्रयोग किया है।
रावण के सभी योद्धा मारे जा चुके है कुम्भकरण मेघनाथ और अब रावण स्वयं युद्ध में आगया है।
जैसा की हम सब जानते है की रावण बहुत शक्तिशाली था वो बहुत सी दैवी शक्तियों का धनि था। युद्ध में श्री राम के सभी बाण पथ ब्रेस्ट हो रहे थे एक भी बाण रावण को छू नहीं पा रहा था। रावण की सेना को परास्त करना असंभव जान पद रहा था। चढ़ उपरांत श्री राम के शिविर में शान्ति है सभी योद्धा आज घायल है। यह देख कर श्री राम व्याकुल हो रहे थ। तब वह अंतर धयान कर देखते है की आज रणभूमि में रावण का साथ स्वयं शक्ति माँ दे रही है यह जानते ही उनका मन अधीर होता है उन्हें अपनी हार की चिंता सताने लगी ऐसे में उन्हें लगा वो अपनी जीत कैसे सुनिश्चोट करेंग। और ऐसे में उन्हें सीता जी की चिंता होने लगती है । तब जामवंत जी उन्हें सांत्वना देते है और शक्ति की आराधना करने की सलाह देते है। फिर श्री राम जी शक्ति माँ की आराधना करते है जिसमें वह माँ शक्ति को 108 कमल चढ़ाने का प्रण लेते है।
माँ शक्ति राम जी की परीक्षा लेती है और अंतिम आहुति का कमल छुपा देती है ।
ऐसे में प्रभु राम क्या करेंगे ??
इसी परीक्षा की गाथा है राम की शक्ति पूजा |
29 फरवरी को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शाम 7 बजे जयपुर के अभिषेक मुद्गल के निर्देशन में मंचित होगा नाटक रश्मिरथी , नाटक के लेखक है रामधारी सिंह दिनकर
1 मार्च यह महोत्सव जवाहर कला केंद्र में भी शुरु हो जाएगा, नाटक “करवट”, “बागड़ बिल्ला”, और “माय वाइफ 8th वचन” का मंचन होगा।
2 मार्च को, नाटक “नौ एग्जिट”, “भागी हुई लड़कियां”, और पियूष मिश्र का नाटक “गगन दमामा बाज्यो” का मंचन होगा।
3 मार्च को, नाटक “रिहला”, “जीना इसी का नाम है”, और कथा सुकवि सूर्यमल का मंचन होगा।
महोत्सव में रंगकर्मी सरताज नारायण माथुर पर केंद्रित एक एग्जिबिशन का भी अयोजन किया गया है एवं रंग नवरस रंगमंच चित्र प्रदर्शनी भी राजेश कुमार सोनी जी द्वारा अलंकार आर्ट गैलरी जे के के में लगाई जाएगी
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