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नूंह हिंसा के बाद कमान IPS बिजारणिया को क्यों?:ट्रेनिंग के दौरान ही कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर कराया, अब दंगाइयों से निपटेंगे

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नूंह हिंसा के बाद कमान IPS बिजारणिया को क्यों?:ट्रेनिंग के दौरान ही कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर कराया, अब दंगाइयों से निपटेंगे

हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद सरकार ने एक दिन पहले IPS वरूण सिंगला को हटाकर नूंह की कमान भिवानी SP नरेन्द्र बिजारणिया को दे दी। तेज तर्रार IPS नरेन्द्र बिजारनिया 2015 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले भी लंबे वक्त तक नूंह में तैनात रह चुके हैं। इसलिए उनके पास यहां का लंबा अनुभव हैं। लेकिन इन सबके बीच उनका एक किस्सा राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर रहे आनंदपाल से भी जुड़ा हुआ है।

ट्रेनिंग के आखिरी दिन IPS नरेन्द्र बिजारणिया ने आनंदपाल का एनकाउंटर कराया। कई सालों तक आनंदपाल को राजस्थान पुलिस की तमाम टीमें उसे खोजती रही, लेकिन नरेन्द्र बिजारणिया की टीम ने पहले उसके दोनों भाइयों को पकड़ा और फिर आनंदपाल की पुख्ता लोकेशन पता कर एनकाउंटर टीम का भी हिस्सा रहे। IPS अधिकारी बनने से पहले नरेन्द्र सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट में भी रह चुके हैं।

हिंसा के तुरंत बाद सरकार ने बिजारणिया को भेजा
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद पूरे शहर में हिंसा फैल गई थी। उस वक्त नूंह के एसपी वरूण सिंगला छुट्‌टी पर गए हुए थे। जिसकी वजह से साथ लगते पलवल के एसपी लोकेन्द्र सिंह को एडिशनल चार्ज दिया हुआ था। हिंसा कंट्रोल नहीं होने पर सरकार ने अगले ही दिन लोकेन्द्र सिंह से चार्ज वापस लेकर भिवानी के एसपी नरेन्द्र को दे दिया था। हालांकि बाद में 2 अगस्त को वरूण सिंगला भी छूटी से वापस लौट गए।

परंतु सरकार ने नरेन्द्र बिजारणिया को नूंह में ही रखा। 4 अगस्त को वरूण सिंगला को हटाकर नरेन्द्र बिजारणिया को फुल फ्लैश नूंह का एसपी बना दिया गया। नरेन्द्र इससे पहले भी डेढ़ साल तक नूंह में एसपी रह चुके हैं। उस वक्त उन्होंने नूंह में कई बड़ी कार्रवाईं की थी। उनके कार्यकाल में यहां पनपने वाले अपराधियों में खौफ पैदा हो गया था। हालांकि बाद में रूटीन के चलते उनका ट्रांसफर हो गया था।

सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट में भी रहे
मूलरूप से राजस्थान के सीकर जिले में किसान परिवार में जन्में IPS नरेंद्र ने मालवीय राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पुलिस सर्विसेज को चुना। उनका 2015 में यूपीएसपी के जरिए IPS अधिकारी के रूप में चयन हुआ। इससे पहले वे 2011 से 2014 के बीच सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट में रहे।

ट्रेनिंग के आखिरी दिन कराया एनकाउंटर
2015 में IPS अधिकारी बनने के बाद उन्हें सिरसा जिले में पोस्टिंग मिली। बतौर ट्रेनी IPS नरेंद्र को फरवरी 2017 में हरियाणा के सिरसा जिला में भेजा गया था। यहां उन्हें थाना डिंग का कार्यभार सौंपा गया था। IPS नरेंद्र को एक मुखबिर ने इन्फॉर्मेशन दी थी कि सिरसा के गांव शेरपुरा में सुरेंद्र नाम के शख्स के घर कुख्यात आनंदपाल के भाई विक्की और देवेन्द्र छुपे हुए हैं।

IPS नरेंद्र ने इस बात की सूचना एसएसपी को दी। एसएसपी ने राजस्थान पुलिस को सूचना देकर नरेंद्र के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। पुलिस फोर्स ने घर की घेराबंदी कर आनंदपाल के भाई विक्की और देवेंद्र को हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने आनंदपाल के चुरू जिले के मालासर में छुपे होने की जानकारी दी थी।

एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मी भी हुए थे घायल
इसके बाद IPS नरेंद्र अपनी टीम के साथ राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशनग्रुप के साथ मिले और आनंदपाल की घेराबंदी की। पुलिस फोर्स से खुद को घिरा देख गैंगस्टर आनंदपाल ने करीब 100 राउंड फायर किए, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आनंदपाल को मार गिराया था। यह दिन उनकी ट्रेनिंग का आखिरी दिन था।

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