पंजाब पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन एसपी ऑपरेशन सस्पेंड, जांच में पाए गए दोषी
एसपी के खिलाफ यह कार्रवाई गृह विभाग के सचिन गुरु कृपाल सिंह के आदेश पर हुई है। आदेश में कहा गया उन्हें डीजीपी पंजाब के दफ्तर में रिपोर्ट करनी होगी। इस समय वह एसपी बठिंडा के पद पर तैनात हैं। उनका सस्पेंशन का समय डीजीपी दफ्तर पंजाब में कटेगा।
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पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा ने हुई चूक के मामले में पंजाब के गृह विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। उस समय के तत्काकालीन एसपी ऑपरेशन गुरविंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें जांच में दोषी पाया गया है। यह फैसला डीजीपी पंजाब तरफ से दी गई रिपोर्ट के बाद लिया गया है।
एसपी के खिलाफ यह कार्रवाई गृह विभाग के सचिन गुरु कृपाल सिंह के आदेश पर हुई है। आदेश में कहा गया उन्हें डीजीपी पंजाब के दफ्तर में रिपोर्ट करनी होगी। इस समय वह एसपी बठिंडा के पद पर तैनात हैं। उनका सस्पेंशन का समय डीजीपी दफ्तर पंजाब में कटेगा। वह आज्ञा लिए बिना दफ्तर नहीं छोड़ेंगे। बठिंडा छोड़ने के बाद उन्हें तुरंत डीजीपी दफ्तर पहुंचना होगा।
पंजाब में पीएम की सुरक्षा में हुई थी बड़ी चूक
पांच जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शनकारी मिल गए, जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा। जिस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था।
गृह मंत्रालय ने लगाया था पंजाब सरकार पर आरोप
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और ट्रेवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। उन्हें इससे जुड़े इंतजाम करने थे, जो नहीं किए गए। गृह मंत्रालय ने कहा कि जब यात्रा मार्ग बदल गया तो पंजाब सरकार को अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती करनी थी ताकि सड़क मार्ग से यात्रा सुरक्षित रहे, लेकिन अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में हुई सुरक्षा चूक के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त जांच समिति ने फिरोजपुर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को जिम्मेदार माना था। समिति ने कहा था कि पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध होने के बाद भी एसएसपी कर्तव्य पालन में विफल रहे।
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