पत्नी की हत्या कर शव घर में गड्ढा खोदकर दबाया:बदबू आने लगी तो निकालकर नहर में फेंका; पिता और दो भाइयों ने भी दिया साथ
हत्या कर पत्नी की लाश को नहर में फेंक दिया था।
पत्नी को डेढ़ लाख रुपए गुजारा भत्ता नहीं देना पड़े इसलिए पति ने पिता और दो भाइयों के साथ मिलकर हत्या कर दी। हत्यारों ने पहले महिला का सिर पत्थर से कुचला और फिर घर में ही शव को गड्ढे में दबा दिया। पड़ोसियों के बदबू आने की शिकायत पर शव को गड्ढे से निकालकर नहर में फेंक दिया। पुलिस ने नहर से शव बरामद कर पति समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मामला कोटा के रेलवे कॉलोनी थाना इलाके का है।
एसपी शरद चौधरी ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को आरोपी बंटी (29), पिता पन्ना लाल (64), भाई दिलीप (26) और रवि (24) को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे राहगीर को प्लास्टिक के थैले में लिपटी लाश नहर (रोटेदा माइनर नहर) के पास दिखाई दी। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। बॉडी फूली हुई थी और प्लास्टिक में रस्सियों के जरिए बांधी हुई थी। पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ डॉग स्क्वाॅयड भी मौके पर बुलाया। महिला का सिर बुरी तरह पत्थर से कुचला हुआ था। लाश की पहचान के लिए पुलिस ने प्रयास किए।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें तीनों भाई और पिता इस हत्या में शामिल है।
आस-पास पूछताछ की तो मालूम चला कि कुछ दिन पहले ही शालू (26) की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने शिनाख्त के लिए ज्योति महावर (मृतका की बहन) को बुलाया। उसने मृतका के बाएं हाथ पर SM के टैटू से पहचान लिया कि वो उसकी बहन ही है।
ज्योति ने सीधा-सीधा अपने जीजा बंटी पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई और आरोपी बंटी से पूछताछ शुरू की।
जब महिला के शव को नहर के किनारे से लाया गया तो पूरी बॉडी फूल गई थी और सिर पत्थर से कुचला होने के कारण पहचान में परेशानी हुई।
एसपी ने बताया कि कोटा ग्रामीण के लुहावद की रहने वाली शालू की शादी रेलवे कॉलोनी इलाके में रहने वाले बंटी के साथ साल 2015 में हुई थी। शादी कुछ समय तक तो दोनों के बीच सब कुछ ठीक था। कुछ साल बाद दोनों के बीच लड़ाई-झगडे़ होने लगे।
शालू अपने 2 बच्चों (1 लड़का और लड़की) के साथ ससुराल के ही एक कमरे में रहती थी।
इसके बाद शालू की तरफ से साल 202़1 में फैमिली कोर्ट में मामला ले जाया गया था। जिसमें जुलाई 2023 में फैसला शालू के हक में आया। कोर्ट ने शालू के पति बंटी को डेढ़ लाख रुपए के हिसाब से 31 जुलाई को एक मुश्त गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए थे, जिसे बंटी को काेर्ट में जमा कराना था।
पहले मुकर गया, फिर बताई उस रात की कहानी
पूछताछ में आरोपी बंटी पहले तो मुकरता रहा। वह कहता रहा कि मैं खुद शालू को ढूंढ रहा हूं वो कहा गई? फिर उसने एक-एक कर पूरी कहानी बयां कर दी।
बंटी ने बताया कि उसके परिवार ने शालू को खत्म करने की योजना बनाना शुरू कर दिया था। उसने अपने भाई दिलीप, रवि और पिता पन्ना लाल के साथ मारने की प्लानिंग बना ली। 31 जुलाई (जिस दिन उसे कोर्ट में पैसे जमा कराने थे) की सुबह जब उसकी पत्नी शालू चाय बना रही थी। तब पन्ना लाल, रवि और दिलीप ने शालू के हाथ पकड़े और बंटी ने पत्थर से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी।
इसके बाद प्री-प्लानिंग के तहत उसकी बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए अपने ही कमरे में एक 6 फीट का गड्ढा खोद कर उसमें शालू की लाश को बोरे में भरकर दफना दिया।
पड़ोसियों को आने लगी थी बदबू
आरोपी ने मृतका के घरवालों को कॉल कर कहा कि वो कहीं चली गई है। इसके बाद 31 जुलाई को ही मृतका की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इधर, 2 दिन बीते तो कमरे में ज्यादा गहरा गड्ढा नहीं होने के कारण लाश फूलने लगी थी और बाहर आने लगी। आसपास के लोगों ने भी बदबू आने की शिकायत की। पकड़े जाने के डर से चारों आरोपियों ने शालू की लाश को फिर से बाहर निकाला।
2 अगस्त की रात को ही रोटेदा माइनर नहर में पानी छोड़ा गया था। ऐसे में आरोपियों के घर के सामने से गुजर रही नहर में उन्होंने प्लास्टिक में लाश को रस्सियों के सहारे बांधा और फेंक दिया। रात भर लाश बहती रही और 1 किमी दूर जाकर पानी के ऊपर आ गई।
मृतका के परिजनों को बंटी पर शुरू से शक था। जब लाश नहर से बरामद की गई तो शालू की बहन ज्योति ने उसके बाएं हाथ पर टैटू से उसकी पहचान की।
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