Pakistan Economic Update: पाकिस्तान इस समय अपनी गरीबी को दूर करने की कोशिशों में जुटा है। पाकिस्तान GCC के साथ लंबे समय से स्थगित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहताहै। पिछले 19 वर्षों से दोनों के बीच यह समझौता नहीं हुआ है। अगर यह समझौता हो जाता है तो पाकिस्तान को बड़ा फायदा मिल सकता है।
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान और GCC के बीच 19 वर्षों से FTA लंबित है
- अब पाकिस्तान इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगा है
- अगर यह समझौता हो जाता है तो GCC की ओर से 15 वर्षों में पहला FTA होगा
इस्लामाबाद: कंगाल पाकिस्तान अपनी गरीबी को खत्म करने के लिए हाथपैर मार रहा है। पाकिस्तान में इस समय अंतरिम सरकार है। लेकिन वह भी महत्वपूर्ण डील करने में लगी है। पाकिस्तानी सरकार अब मुस्लिम देशों से डील में जुटी है। रिपोर्ट् के मुताबिक पाकिस्तान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के साथ एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर कर सकता है। जो पिछले 19 वर्षों से लंबित है। अंतरिम वाणिज्य मंत्री गौहर इजाज के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को रियाद में जीसीसी के मुख्य वार्ताकार के साथ अंतिम दौर की चर्चा की।
इस मीटिंग का लक्ष्य FTA के निवेश खंड को अंतिम रूप देना था। इस पर सहमति बनने के बाद इसे GCC मंत्रियों के सामने रखा जाएगा। GCC में सऊदी अरब, कुवैत, यूएई, कतर, बहरीन और ओमान आते हैं। GCC सचिवालय के पास छह सदस्यीय देशों की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर का अधिकार है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह पिछले 15 वर्षों में जीसीसी की ओर से किया गया पहला व्यापार और निवेश समझौता होगा।
सऊदी नहीं हुआ था तैयार
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इजाज ने कहा, ‘आज हमने रियाद में जीसीसी टीम के साथ एफटीए के निवेश अध्याय को अंतिम रूप दे दिया है।’ उन्होंने कहा कि आठ महीने की अवधि जोड़कर एक क्रमिक दृष्टिकोण वह बनाने में सफल रहे। दोनों निवेशक अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में मध्यस्थता के लिए जाने से पहले विवादों का समाधान आपसी बातचीत के जरिए करेंगे। सितंबर में पाकिस्तान GCC पर हस्ताक्षर के लिए सहमत हुआ था। हालांकि समझौते को स्थगित कर दिया गया क्योंकि सऊदी ने समझौते में निवेश के अध्ययाय को जोड़ने की मांग की थी।
2004 से ही नहीं हो रहा समझौता
इस अध्ययाय का प्रमुख उद्देश्य एक सुरक्षा खंड शामिल करना था, विशेष रूप से निवेश से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए। साल 2004 से ही पाकिस्तान GCC के साथ FTA की संभावना तलाशने में लगा है। हालांकि अभी तक बातचीत के ही कुछ दौर हुए हैं। लंबे समय के बाद 2021 में एक बार फिर इस पर बातचीत शुरू हुई है। अगर यह समझौता हो जाता है तो पाकिस्तान बिना किसी टैक्स के अपना सामान इन देशों में भेज सकता है। लेकिन सवाल है कि आखिर इस समझौते से किसे फायदा होगा। क्योंकि GCC देश पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में तेल बेचते हैं। संभव है कि उन्हें ही इससे फायदा हो।
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