*पाकिस्तान तक महकता है राजस्थानी गुलाब:300 किसान कर रहे खेती, 5 करोड़ रुपए का टर्नओवर*
राजस्थान के किसान गुलाब के फूलों की खेती से करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। पाकिस्तान, दुबई और मलेशिया समेत अन्य देशों में गुलाब एक्सपोर्ट किया जा रहा है। नागौर के MA पास 25 साल के किसान किशोर खालिया का रिया बड़ी में गुलाब के खेत हैं। उन्होंने बताया कि 40 साल पहले उनके पिता ने गुलाब की खेती की शुरुआत की थी। उस समय तक गुलाब लोकल मार्केट तक सप्लाई होता था। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ी मार्केट बढ़ता गया। अब उनके साथ-साथ इलाके के 300 से ज्यादा किसान फूलों की खेती कर रहे हैं। किशोर ने बताया कि रोजाना 3 से 4 हजार रुपए के गुलाब बिकते हैं। इनमें से करीब 40 फीसदी गुलाब व्यापारी दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करते हैं।
*गुलाब के लिए सबसे अच्छी मिट्टी अजमेर और नागौर जिले में*
किशोर खालिया ने बताया गुलाब की खेती के लिए राजस्थान में सबसे अच्छी मिट्टी अजमेर और नागौर की है। पहले इन एरिया में पानी की समस्या नहीं थी, लेकिन अब जलस्तर नीचे पहुंच गया है। अभी एक बीघा में गुलाब के 2400 पौधे लगाने में 24 हजार का प्रारंभिक खर्च आता है।
*ऐसे होती है गुलाब की खेती*
इसमें सबसे पहले खेत की मिट्टी में गोबर खाद डलवा कर उसे अच्छे से मिक्स-अप करते हैं। साथ में इसमें अच्छी तरह से जुताई कराकर खाद और भूसी मिलाते हैं। फिर दो दिन उसे छोड़ देते हैं। फिर हल्का पानी डालकर मेड़ तैयार किया जाता है। मेड़ ढाई फीट चौड़ा और एक फीट ऊंचा होता है। बीच में एक फीट की दूरी रखी जाती है।
एक मेड़ पर दो लाइन में गुलाब के पौधे जिग-जैग स्टाइल में 12 इंच की दूरी पर लगाए जाते हैं। पानी देने के लिए सबसे बेहतर तकनीक ड्रिप इरीगेशन है।
*75 दिन में आने लगते हैं फूल*
गुलाब के पौधों पर 75 दिन बाद फूल आने लगते हैं। गुलाब के पौधे काफी नाजुक होते हैं। इसमें फफूंद जनित रोग, सफेद मकड़ी सहित कई रोग लगते हैं। ध्यान नहीं देने पर पूरा पौधा सूख जाता है। सबसे अहम यह है कि पौधे के लिए मिट्टी न तो ज्यादा गीली और न ज्यादा सूखी होनी चाहिए। गर्मी के दिनों में तापमान नियंत्रित करना पड़ता है। गुलाब में फरवरी से जून तक सबसे अधिक फूल आते हैं। ठंड के दिनों में फूलों की मात्रा कम हो जाती है।
फूलों की कटिंग में भी बड़ी सावधानी की जरूरत होती है। इसे नीचे से तीन से चार पत्ती छोड़कर तने सहित काटना पड़ता है। 20 गुलाब का बंच बनाया जाता है। एक बंच बाजार में भाव के अनुसार 100 रुपए से 350 रुपए तक बिकता है।
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