पायलट-चांदना की लड़ाई में पर्दे के पीछे कोई और:गुर्जर समाज में चांदना को पायलट के मुकाबले बड़ा नेता बनाने की रणनीति
पुष्कर की सभा में जूता उछाल कांड के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर खुलकर हमले कर रहे हैं। पहली बार सचिन पायलट पर गहलोत सरकार का कोई मंत्री इस अंदाज में निशाना साध रहा है।राजनीतिक जानकार इसके पीछे सियासी कारण बता रहे हैं। साथ ही अब यह लड़ाई और तेज होने की संभावना जताई जा रही है। इसे अशोक गहलोत खेमे की तरफ से लड़ी जाने वाली लड़ाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पायलट को लेकर चांदना की तल्खी की सियासी कई वजह हो सकती हैं। वे दोनों गुर्जर समाज से आते हैं। पायलट परिवार का राजस्थान और पड़ोसी राज्यों गुर्जर समाज में बड़ा प्रभाव है। इसका फायदा सीधे तौर पर सचिन पायलट को मिला। पायलट के मुकाबले चांदना गुर्जर समाज में प्रभाव के मामले में अभी जूनियर माने जाते हैं।
यूथ कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहने से लेकर आंदोलन करने के कारण प्रदेश भर में चांदना की पहचान जरूर है, लेकिन पायलट की सियासी लकीर बड़ी है। बताते हैं कि अब पायलट विरोधी खेमा चांदना की लकीर काे बड़ा करने के प्रयास में है। इसलिए गहलोत और पायलट के खेमों की लड़ाई के बीच चांदना की एंट्री हुई है।
गुर्जर समाज में चांदना को बड़ा नेता बनाने की मुहिम
जूता उछाल घटना के बाद कांग्रेस में पायलट विरोधी घड़ा लगातार आक्रामक है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चांदना को अब पायलट विरोधी खेमा गुर्जर समाज में बड़ा नेता बनाने की मुहिम पर काम कर रहा है। पायलट विराेधी धड़े की रणनीति जुझारू चेहरे के तौर पर अशोक चांदना को गुर्जर समाज में बड़े नेता के तौर पर स्थापित करने की है।
गुर्जर समाज में पायलट के बराबर नेता तैयार करने की रणनीति पर काम चल रहा है। पायलट फैक्टर को बैलेंस करने के लिए गहलोत सरकार में गुर्जर समाज से अशोक चांदना के बाद शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
पायलट फैक्टर के कारण 2018 में बीजेपी से कोई गुर्जर विधायक नहीं बना
पिछले विधानसभा चुनावों में सचिन पायलट के सीएम बनने के पर्सेप्शन से गुर्जर वोटों का कांग्रेस को जबरदस्त फायदा मिला था। राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि गुर्जर समाज के एकतरफा वोट कांग्रेस को मिले थे। इसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी से एक भी गुर्जर विधायक नहीं जीता और कांग्रेस के गुर्जर समाज से आठ विधायक बने।
गुर्जर पहले बीजेपी की तरफ रुझान रखते थे, लेकिन पायलट फैक्टर से नरेटिव बदला। गुर्जर समाज के वोटर्स पर सामाजिक तौर पर पकड़ बनाने के मकसद से अब लकीर बड़ी करने की लड़ाई शुरू हो गई है।
चांदना-पायलट ने साथ-साथ लाठियां खाईं, सरकार बनते मतभेद, अब मनभेद तक बात आई
सचिन पायलट जब प्रदेशाध्यक्ष बनकर आए उस वक्त अशोक चांदना यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष होने के अलावा कांग्रेस के 21 विधायकों में से सबसे युवा विधायक थे। उस वक्त चांदना और पायलट के रिश्ते सहज थे। विपक्ष में रहते हुए यूथ कांग्रेस ने जब भी बड़ा प्रदर्शन किया उसमें सचिन पायलट जरूर रहते थे।
किसानों के मुद्दों को लेकर बीजेपी राज में मार्च 2015 में विधानसभा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में सचिन पायलट, अशोक चांदना और उस समय के राजस्थान यूथ कांग्रेस के इंचार्ज और पंजाब के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अमरिंन्दर सिहं राजा वड़िंग भी घायल हुए थे। चांदना और पायलट ने साथ साथ लाठियां खाईं। बीजेपी राज में किसानों के मुद्दों काे लेकर दिल्ली में कांग्रेस की रैली और प्रदर्शन में सचिन पायलट ने चांदना की युवा विधायक के तौर पर संघर्ष और मेहनत की भी जमकर तारीफ की थी।
विपक्ष तक तो सब ठीक रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार बनते ही दूरियां बन गईं और बाद में मतभेद मनभेद में बदल गए। दो साल पहले सियासी संकट के समय अशोक चांदना सहित गुर्जर समाज के 5 विधायक अशोक गहलोत कैंप के साथ रहे। इसके बाद से चांदना और पायलट के बीच तल्खी बढ़ी हुई है।
सीएम के प्रमुख सचिव तक को निशाने पर ले चुके, स्पोट्र्स काउंसिल अध्यक्ष से भी विवाद
चांदना ने सीएम के प्रमुख सचिव पर निशाना साधते हुए मई में इस्तीफे तक की पेशकश कर दी थी। चांदना ने सीएम के प्रमुख सचिव को खुद के विभाग सौंपने और जलालत भरे पद से मुक्त करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया था जिस पर खूब चर्चा हुई थी। सीएम ने चांदना की नाराजगी दूर कर उन्हें मना लिया था। चांदना की नाराजगी की असली वजह स्पोर्ट्स काउंसिल अध्यक्ष कृष्णा पूनिया से विवाद था। दोनों के बीच अब भी मतभेद हैं।
पायलट समथर्कों की रणनीतिक चुप्पी, चांदना को महत्व नहीं देने का मैसेज देने की कोशिश
मंत्री अशोक चांदना के सचिन पायलट को सीधी चुनौती और धमकी देने के बावजूद अब तक उनके खेमे से कोई बयान नहीं आया है। पायलट समर्थक किसी भी विधायक और नेता ने चांदना को जवाब नहीं दिया है। बताया जाता है कि पायलट खेमा सियासी रणनीति के तहत चांदना को जवाब नहीं दे रहा। इसके पीछे चांदना को अहमियत नहीं देने का मैसेज देने की कोशिश है।
हाईकमान तक जाएगा मामला, प्रदेश प्रभारी ने लिया ब्योरा, प्रियंका गांधी तक पहुंचाया विवाद
पुष्कर घटनाक्रम और अशोक चांदना के पायलट पर खुला हमला बोलने की घटना की दिल्ली तक चर्चा है। जल्द इस मामले की रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजने की तैयारी है। गहलोत और पायलट खेमे अपने अपने हिसाब से हाईकमान तक मामला पहुंचाने की कोशिश में है। पायलट कैंप प्रदेश प्रभारी अजय माकन तक मामले की डिटेल पहुंचा चुका है। माकन ने भी ब्योरा लिया है। उधर, सचिन पायलट कैंप ने प्रियंका गांधी को भी पूरे विवाद में मंत्री अशोक चांदना के बयानों का ब्योरा भेजा है। पायलट कैंप इस मामले को कांग्रेस हाईकमान तक ले जाने की तैयारी में है।

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