पोकरण में फ्रांस के सेनाध्यक्ष ने देखी पिनाका की ताकत:75 किमी की रेंज तक निशाने दागे; दुश्मन के ठिकानों को किया ध्वस्त
जैसलमेर
पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की ताकत का प्रदर्शन किया गया।
जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने फ्रांस के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल के सामने पिनाका मिसाइल के पराक्रम का प्रदर्शन किया। पिनाका ने इस दौरान 75 किमी की रेंज तक निशाने दागे और दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
राइजिंग सन आर्टिलरी ने दिखाया पराक्रम
दरअसल फ्रांस आर्मी के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल इन दिनों भारत की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं। पियरे शिल ने गुरुवार को जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया। शिल ने पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की शक्ति देखी। भारतीय सेना की राइजिंग सन आर्टिलरी ने पराक्रम दिखाया।
पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम का दिखा पराक्रम।
दुनिया के लिए एक स्पष्ट आह्वान
भारतीय सेना के अनुसार पिनाका मिसाइल की सामरिक प्रतिभा और अदम्य भावना का यह भव्य प्रदर्शन दुनिया के लिए एक स्पष्ट आह्वान है, जो भारतीय सेना और उभरते भारतीय रक्षा उद्योग की अद्वितीय शक्ति को प्रदर्शित करता है।
भारतीय सेना की राइजिंग सन आर्टिलरी के साथ फ्रांस आर्मी के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल।
स्वदेशी मिसाइल पिनाका में दुनिया की दिलचस्पी
भारत के स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, पिनाका का डंका अब पश्चिमी देशों तक बज रहा है। आर्मेनिया को एक्सपोर्ट करने के बाद इंडोनेशिया और नाइजीरिया जैसे देश पिनाका में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, अब फ्रांस भी खासा प्रभावित है। यही वजह है कि भारत के दौरे पर आए फ्रांस के सेनाध्यक्ष पिनाका के फायरिंग प्रदर्शन देखने के लिए राजस्थान आए हैं।
दरअसल, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा विकसित पिनाका, एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है। 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागता है। भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक के नाम पर इस रॉकेट सिस्टम को नाम दिया गया है जो चंद सेकेंड में दुश्मन के बंकर, चौकियों और दूसरे महत्वपूर्ण ठिकानों को नेस्तनाबूद कर देने की क्षमता रखता है। 90 के दशक के मध्य से भारतीय सेना पिनाका को इस्तेमाल कर रही है। करगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया था।
मिसाइल सिस्टम की जानकारी लेते फ्रांस आर्मी के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल।
75KM रेंज तक टारगेट को करती है हिट
पिनाका की रेंज करीब 40 किलोमीटर है, लेकिन साल 2019 में DRDO ने इस रॉकेट को मिसाइल सिस्टम में तब्दील कर दिया था ताकि मारक क्षमता और रेंज को बढ़ाया जा सके। अब पिनाका सिस्टम की रेंज करीब 75 किलोमीटर हो गई है। हाल ही में भारतीय सेना ने इन पिनाका सिस्टम की 6 नई रेजीमेंट को पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी पर तैनात किया है। पिछले साल जुलाई के महीने में आर्मेनिया ने करीब 2000 करोड़ रुपये में भारत से पिनाका की 4 बैटरी (यूनिट) खरीदी थी। इसको लेकर आर्मेनिया के पड़ोसी और दुश्मन देश अजरबैजान ने भारत से अपनी नाराजगी जताई थी।
पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज और हथियारों के बारे में जानकारी देते भारतीय सेना के अधिकारी।
मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम अहम हथियार
दरअसल, किसी भी तोप से एक के बाद एक गोला दागने में काफी समय लगता है। मिसाइल सिस्टम भी एक बार में एक या दो बार ही दागी जा सकती है। लेकिन दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह तबाह करने के लिए एक के बाद एक रैपिड फायरिंग के लिए रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। फ्रांस सहित ज्यादा से ज्यादा देशों की सेनाओं की दिलचस्पी पिनाका जैसे रॉकेट सिस्टम में काफी बढ़ गई है।
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