
कोयला किल्लत के कारण बना संकट अभी रहेगा बरकरार, डिमांड और सप्लाई में 6 करोड़ यूनिट तक का फर्क, दूसरी ओर प्रदेश में 15 दिन बाद खेती के लिए बढ़ेगी डिमांड, करीब 10 फीसदी तक और बढ़ सकती डिमांड, हालात नहीं सुधरने पर रबी फसल की बुआई में होगी देरी, ऐसे में इंडस्ट्रीज सेक्टर की बिजली और शहरों में कटौती के अलावा नहीं विकल्प, दिवाली बाद जिला मुख्यालयों में भी एक 4 कोयला रैकव घंटे की कटौती का विकल्प, फिलहाल 24 कोयला रैक की जगह मिल रहे सिर्फ 10 रैक ही
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