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बिना विपक्ष के सदन की परिकल्पना लोकतंत्र की हत्या है : कमल कल्ला
विपक्ष को कुचलने की कोशिश असंवैधानिक है : अनिल व्यास
मोदी शाह का पुतला फूंक कर सेवादल ने जताया रोष

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बिना विपक्ष के सदन की परिकल्पना लोकतंत्र की हत्या है : कमल कल्ला
विपक्ष को कुचलने की कोशिश असंवैधानिक है : अनिल व्यास
मोदी शाह का पुतला फूंक कर सेवादल ने जताया रोष
बीकानेर। सेवादल के राष्टीय नेत्रत्व के आह्वान पर दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के प्रथम दिन आज सेवादल के सदस्यों ने प्रदेश उपाध्यक्ष कमल कल्ला के निर्देश व शहर अध्यक्ष अनिल व्यास के नेतृत्व में बीकानेर के ह्दय स्थल कोटगेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूक कर विरोध जताया। साथ ही जिला कलक्टर को महामहीम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपकर कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया। इस उपलक्ष्य पर कमल कल्ला ने कहा कि बिना विपक्ष के सदन की परिकल्पना लोकतंत्र की हत्या है। भारतीय संविधान और इससे बनी पिछली सभी सरकारों ने पूरे विश्व में सुचिता की राजनीति के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इतिहास गवाह है की भारत में विपक्ष की आवश्यकता और प्रतिष्ठा को पिछली सभी सरकारों ने सम्मान दिया है। स्व जवाहर लाल नेहरू और स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने अपने कार्यकाल में जो उदाहरण स्थापित किए, उससे पूरे विश्व को राजनीतिक दिशा मिली। रेलवे कर्मचारी नेता व सेवादल के शहर अध्यक्ष अनिल व्यास ने कहा कि विपक्ष को कुचलने की कोशिश असंवैधानिक है आज ये बेहद दुखद है कि भारत में राजनीतिक घटनाक्रम रोजाना निंदनीय रसातल को छू रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने जनमत को पा कर सरकार बनाई है लेकिन आज सरकार के द्वारा जन कल्याण के कार्यों को छोड़कर, विपक्ष के नेताओं और श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय जैसी सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग एक निंदनीय उदाहरण स्थापित कर रहा है।


सेवादल के वरिष्ठ नेता शिव शंकर हर्ष ने कहा कि नेशनल हेराल्ड का गौरवशाली अतीत रहा है। अंग्रेजी हुकूमत को उखाडऩे के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला था। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलनÓ के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा।
आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस अखबार को बदनाम करने और विपक्ष के नेताओं पर प्रतिशोध की राजनीति करने का ये निंदनीय प्रयास है। जिलाधीश को सौपे गए ज्ञापन में इस बात के लिए दुख जताया गया है कि देशभक्ति और शहीदों की विरासत जिस परिवार ने आज तक संजोकर रखा है। सोनिया गांधी ने भारतीय आदर्श बहु के रूप में देश के नाम शहीद होने वाले स्व राजीव गांधी के वैधव्य का कष्ट उठा रही है। राहुल गांधी जिन्होंने अपनी आंखो के सामने पहले अपनी दादीजी स्व इंदिरा गांधी को राष्ट्रीय एकता के लिए कुर्बान होते देखा फिर अपने पिता स्व. राजीव गांधी को विश्वशांति के लिए शहादत होते देखा, ऐसे प्रतिष्ठित लोगों पर अन्याय का प्रहार कर गृह मंत्री अमित शाह और नरेंद्र मोदी जी देश की जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं? स्वतंत्रता सेनानियों और एक शहीद परिवार को अकारण परेशान करना, प्रत्येक भारतीय के लिए कष्टदायक है।
विरोध के इस अवसर पर सेवादल के वरिष्ठ नेता नृसिंहदास व्यास, धनसुख आचार्य, रईस अली, रामनिवास गोदारा, पार्षद प्रफुल हटिला, हंसराज विश्नोई, जाकिर नागौरी, हैदर बेग, एन.डी. कादरी, देवेश दुजारी, राजा काका, गौरव मूधंड़ा, लालचन्द गहलोत, रत्ना कलवानी, अकरम नागौरी सहित अनेक सेवादल कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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