MHA: बीएसएफ में खाली हैं IPS DIG के पद, 15 कैडर अफसर बनेंगे डीआईजी, आईपीएस के आते ही तुरंत होंगे वापस
सार
वैकेंसी ईयर 2024 के तहत बीएसएफ में आईपीएस डीआईजी के 15 पदों को कैडर अफसरों के माध्यम से भरने के लिए डीओपीटी के पास 5 सितंबर को एक प्रपोजल भेजा गया था। 14 दिसंबर को जारी आदेश में डीओपीटी ने आईपीएस के लिए तय पदों को अस्थायी तौर पर कैडर अफसरों से भरने की इजाजत दे दी है…
विस्तार
केंद्र सरकार में बतौर प्रतिनियुक्ति पर आने वाले ‘आईपीएस’ अफसरों का तय कोटा भर नहीं पा रहा है। खासतौर पर, केंद्रीय जांच एजेंसियों/अर्धसैनिक बलों में आईपीएस अफसरों के अनेक पद रिक्त पड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल ‘बीएसएफ’ में आईपीएस के लिए निर्धारित डीआईजी की 15 वैकेंसी को कैडर अफसरों की तरफ शिफ्ट कर दिया है। यानी बीएसएफ में अब आईपीएस के लिए तय 15 डीआईजी के पदों पर कैडर अधिकारी तैनात होंगे। उम्मीद है कि कमांडेंट को डीआईजी बनने का अवसर मिलेगा। गृह मंत्रालय ने यहां पर ये स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही बीएसएफ में आईपीएस/डीआईजी आएंगे, कैडर अधिकारियों से वह पद तुरंत वापस ले लिया जाएगा। मतलब, अगर किसी कमांडेंट को डीआईजी लगाया गया है, तो आईपीएस के आते ही वह दोबारा से नीचे वाले पायदान पर आ जाएगा।
डीओपीटी ने कहा, कोई स्थायी समाधान तलाशा जाए
वैकेंसी ईयर 2024 के तहत बीएसएफ में आईपीएस डीआईजी के 15 पदों को कैडर अफसरों के माध्यम से भरने के लिए डीओपीटी के पास 5 सितंबर को एक प्रपोजल भेजा गया था। 14 दिसंबर को जारी आदेश में डीओपीटी ने आईपीएस के लिए तय पदों को अस्थायी तौर पर कैडर अफसरों से भरने की इजाजत दे दी है। यानी डीओपीटी ने ‘नो ऑब्जेक्शन’ पत्र जारी कर दिया। उसमें कहा गया कि आईपीएस डीआईजी के 15 पदों को अस्थायी तौर पर कैडर अफसरों से भरा जाए। यह भी कहा गया है कि जिस भी वक्त आईपीएस ज्वाइन करेंगे, वह पद तुरंत प्रभाव से खाली समझा जाए। मतलब, कैडर अफसर को अविलंब वह पद छोड़ना होगा। आईजी ‘पर्स’ बीएसएफ, को डीओपीटी ने यह भी कहा है कि इस तरह के पदों को भरने के लिए कोई स्थायी समाधान तलाशा जाए। वैकेंसी ईयर 2025 में आईपीएस डीआईजी के 15 पदों को नियमानुसार ही भरा जाए। यानी, वे पद अगर आईपीएस के लिए निर्धारित हैं, तो वहां पर आईपीसी डीआईजी ही ज्वाइन करे।
प्रतिनियुक्ति के लिए बदले गए थे नियम
लंबे समय से विशेषकर आईपीएस डीआईजी/एसपी, केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने का मन नहीं बना पा रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक कमेटी ने सुझाव दिया था कि इन अधिकारियों के लिए पैनल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाए। इसके पूरा होने में काफी समय लगता है। सरकार के इस कदम का मकसद, केंद्र में डीआईजी-रैंक के अधिकारियों की भारी कमी को दूर करना था। कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास यह प्रस्ताव कई बार भेजा गया था। गत वर्ष 10 फरवरी को इसे कमेटी की मंजूरी मिल गई थी। केंद्र सरकार का मानना था कि डीआईजी-रैंक के अधिकारियों के लिए पैनल सिस्टम को खत्म करने से अब प्रतिनियुक्ति पर अधिक आईपीएस केंद्र में आ सकेंगे। मनोनयन प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक साल लग जाता था। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि जो भी आईपीएस एसपी या डीआईजी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं आएंगे, उन्हें बाकी सेवा के दौरान केंद्रीय नियुक्ति से प्रतिबंधित किया जा सकता है। इससे पहले केंद्र ने ‘अखिल भारतीय सेवा’ नियमों में संशोधन भी किया था। उसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार, आईएएस व आईपीएस अधिकारी को राज्य की अनुमति या बिना अनुमति के भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला सकती है।
200 से अधिक पद खाली पड़े हैं
केंद्र सरकार में आईपीएस की प्रतिनियुक्ति के 679 पद निर्धारित किए गए हैं। 21 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों, पुलिस संगठनों एवं अर्धसैनिक बलों में आईपीएस अफसरों के 215 पद खाली पड़े हैं। एसपी से लेकर आईजी रैंक तक, आईपीएस अफसरों की बड़ी कमी हो गई है। पिछले दिनों स्पेशल डीजी और आईजी पद के लिए निर्धारित वैकेंसी बढ़ा दी गई थी। 10 अक्तूबर की स्टे्टस रिपोर्ट में डीजी के 15, एसडीजी के 12, एडीजी के 26, आईजी के 146, डीआईजी के 255 और एसपी के 225 पद स्वीकृत दिखाए गए थे, जबकि 11 अगस्त को जारी आईपीएस प्रतिनियुक्ति स्टे्टस के अनुसार, केंद्र में डीजी के लिए 15, एसडीजी के 10, एडीजी के 26, आईजी के 138, डीआईजी के 255 और एसपी के 225 पद स्वीकृत थे। मौजूदा समय में केंद्र की आईपीएस प्रतिनियुक्ति के लिए डीजी के तीन, एसडीजी का एक, एडीजी के 5, आईजी के 28, डीआईजी के 87 और एसपी के 91 पद खाली पड़े हैं।
साल 2020 में आईपीएस प्रतिनियुक्ति का कोटा
30 जुलाई 2020 की स्थिति के मुताबिक, केंद्र में बतौर प्रतिनियुक्ति डीआईजी ‘आईपीएस’ के लिए 254 पद स्वीकृत थे। इनमें से 164 पद थे। आईजी ‘आईपीएस’ के लिए स्वीकृत 135 पदों में से 20 पद खाली पड़े थे। डीजी रैंक के लिए 13 पद स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से दो पद खाली थे। एसडीजी ‘आईपीएस’ के 10 में से 3 पद रिक्त थे। एडीजी ‘आईपीएस’ के 27 पदों में से चार पद खाली रहे। उस दौरान एसपी ‘आईपीएस’ के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 199 थी, मगर इनमें से 97 पद रिक्त रहे। हैरानी की बात रही कि उस वर्ष बीएसएफ में आईपीएस डीआईजी के 26 पदों में से 22 पद खाली थे। सीआरपीएफ में ये पद 38 थे, जिनमें से केवल एक ही पद भरा हुआ था। सीबीआई में 35 में से 20 पद खाली थे, जबकि सीआईएसएफ में 20 में से 16 पद रिक्त थे। आईबी में आईपीएस डीआईजी के 63 में से 28 पद और आईपीएस एसपी के 83 में से 49 पद खाली रह गए थे।
2021 में आईपीएस डीआईजी के 186 पद खाली
9 जून 2021 की स्थिति के अनुसार, केंद्र में बतौर प्रतिनियुक्ति डीआईजी ‘आईपीएस’ के लिए 251 पद स्वीकृत थे। इनमें से 186 पद खाली थे। आईजी ‘आईपीएस’ के लिए स्वीकृत 140 पदों में से 26 पद खाली पड़े थे। हैं। डीजी रैंक के लिए 13 पद स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से चार पद खाली थे। एसपी ‘आईपीएस’ के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 203 थी, मगर इनमें से 96 पद रिक्त रहे। उस दौरान सीआरपीएफ व बीएसएफ में आईपीएस डीआईजी के अधिकांश पद खाली रहने के कारण उन्हें सीएपीएफ कैडर अधिकारियों की ओर डायवर्ट कर दिया गया था।
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