बीकानेर संभाग में बैंक लूटने आए बदमाश से भिड़ी मैनेजर:बोलीं- गैंगस्टर लॉरेंस का नाम लेकर धमकाया; हमने भी नहीं छोड़ा
शाम के करीब 4 बजे थे। अचानक एक लुटेरा हाथ में चाकू लिए बैंक में घुसा…लेकिन उसे नहीं पता था कि उसे ही जान बचाने के लिए गुहार लगानी पड़ेगी।
लुटेरा एक-एक कर बैंक के स्टाफ को साइड में खड़े होने के लिए बोलता रहा। मोबाइल लेता गया..इतने में बैंक की महिला मैनेजर पूनम गुप्ता से सामना हुआ। एक बार तो लुटेरे को देखकर वह भी पीछे हटीं। उन्हें भी लगा की मौत सामने खड़ी है।
फिर उनकी हिम्मत ने सभी को चौंका दिया। मैनेजर पूनम लुटेरे से लड़ गईं। उन्हें चाकू का भी खौफ नहीं था। पूनम को देख बैंक का बाकी स्टाफ भी साथ हो गया। आखिर बदमाश को मौके पर ही दबोच लिया गया।
ढाई मिनट तक चले इस पूरे घटनाक्रम पर बैंक मैनेजर पूनम गुप्ता से बात की। आगे पूनम की जुबानी पढ़िए, उन ढाई मिनट की पूरी कहानी….
बदमाश चाकू दिखा डराता रहा, लेकिन बदमाश से लड़ती रही…
पूनम गुप्ता 10 साल से बैंक सर्विस में हैं। करीब 2 महीने पहले ही राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में आई हैं।
मुझे बैंकिंग सर्विस में करीब 10 साल हो गए हैं। पहली बार मेरे सामने ऐसी कोई घटना हुई। शनिवार को शाम के करीब 4 बजे थे। बैंक में 7 लोग मौजूद थे। हम सभी बैंक में अपना-अपना काम कर रहे थे। मैं अपने कैबिन में थी। अचानक एक व्यक्ति (बदमाश लवीश (29) उर्फ टिशु ) बैंक में घुसने की कोशिश करने लगा, जिसे लोन मैनेजर प्रदीप ने बाहर जाने के लिए कह दिया। कुछ देर बात बदमाश फिर लौटकर आ गया। सीधे प्रदीप के पास गया।
बदमाश ने प्रदीप को चाकू दिखाकर डराया। फिर मोबाइल ले लिया। कुछ ही सेकेंड में बदमाश मेरे केबिन में घुस गया। चाकू दिखाकर डराने की कोशिश करने लगा। एक बार के लिए मैं भी डर गई। बदमाश सामने चाकू लेकर खड़ा था। ऐसा लगा कि जैसे मौत सामने खड़ी है।
नकाब पहनकर बैंक में घुसता बदमाश भी सीसीटीवी में कैद हो गया। इस दौरान लोग पास से गुजरते रहे, लेकिन किसी को शक नहीं हुआ।
जोर-जोर से चिल्लाकर रुपए मांगने लगा
बदमाश मुझे चाकू दिखाते हुए जोर से चिल्लाया और बोला- जितने रुपए हैं मुझे दे दो, नहीं तो एक-एक को चाकू से काट डालूंगा। इसके बाद बिना पूछे मेरा मोबाइल फोन उठा लिया। फिर बैंक की लॉबी में आ गया। मैं भी उसके पीछे-पीछे आ गई। यहां पहले से लोन मैनेजर और अन्य स्टाफ खड़ा था।
वह चाकू लहराते हुए मेरी तरफ लपका, मैं पीछे हट गई। इस बीच उसकी जेब से प्लास नीचे गिर गया। बदमाश का ध्यान दूसरी तरफ जाते ही मौका देख मैंने उसका प्लास उठा लिया। प्लास हाथ में आते ही मुझमें बदमाश से लड़ने की हिम्मत आ गई। मैं उसकी तरफ बढ़ गई।
पहली बार बैंक में घुसा बदमाश गेट पर ही खड़ा रहा। जिसे लोन मैनेजर ने वापस बाहर भेज दिया।
जब मैं उसकी तरफ बढ़ी तो बदमाश ने मुझ पर चाकू से हमला कर दिया, जो मेरे करीब से होता हुआ निकल गया। मैंने भी प्लास से हमला किया। बदमाश धमकाने लगा- मुझसे उलझो नहीं, मैं लॉरेंस गैंग का आदमी हूं। मैं अकेला नहीं हूं…मेरे पीछे पांच लोग आ रहे हैं, लेकिन, मुझे पता चल गया था कि वह डराने के लिए ऐसा कह रहा है।
दूसरी बार चाकू लहराता हुआ बैंक में घुसा बदमाश। कर्मचारी का मोबाइल ले लिया।
मैंने प्लास से जैसे ही उस पर वार करने की कोशिश की, वह बाहर की तरफ भागने लगा। इसी दौरान गेट पर खड़े प्रदीप कुमार ने उसे दबोच लिया। बैंक का बाकी स्टाफ भी साथ आ गया। सभी ने मिलकर बदमाश को पकड़ लिया। फिर पुलिस को फोन किया। पुलिस के आने तक हम सभी बैंक में बदमाश को पकड़कर बैठे रहे।
मैनेजर पूनम गुप्ता के कैबिन में घुसा बदमाश। मोबाइल लेकर बाहर आ गया।
इससे पहले वे नागौर की मेड़ता ब्रांच में रह चुकी हैं। करीब दस साल से बैंक सर्विस में रही हैं। चाकू के दम पर बैंक लूटने जैसी वारदात या ऐसी किसी घटना से कभी सामना नहीं हुआ।
पहले अंदर आकर जायजा लिया
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बदमाश पहले लोन मैनेजर के कहने पर बाहर नहीं गया था। वो बैंक का जायजा लेने आया था। वो देख रहा था कि बैंक में कितने लोग मौजूद हैं। इसके बाद बाहर गया और चाकू लेकर अंदर घुसा। इस दौरान एक बैग भी उसके पास मौजूद था।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी लवीश उर्फ टिशू ।
आरोपी बोला- बदला लेने आया था
घटना की जानकारी मिलते ही मीरा चौकी थाने का स्टाफ मौके पर पहुंचा। आरोपी लवीश को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका किसी से झगड़ा हुआ था। उसने राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक मिलने की बात कही। इस पर वह अपने दुश्मन की तलाश में बैंक में आया। हालांकि पुलिस इसे सही नहीं मान रही।
आरोपी लवीश उर्फ टिशू अरोड़ा (29) नशे का आदी है। नशे की जरूरत पूरी करने और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया।
बैंक में एक गार्ड तक नहीं
पूरी घटना में बैंक की भी खामी रही, जहां सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड तैनात नहीं था। सामान्यत: बैंक में रोजाना 50 से 70 लाख रुपए का लेनदेन होता है। पुलिस के अनुसार घटना के समय 35 लाख नकदी मौजूद थी।
पहले भी हो चुकी लूट की वारदात
इलाके में इससे पहले भी बैंक लूट की वारदातें हुई हैं। जनवरी 2020 में अज्ञात लुटेरे ने इलाहाबाद बैंक की पुरानी आबादी ब्रांच में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम दिया। लुटेरे ने बैंक स्टाफ और मैनेजर को हथियार दिखाकर लाखों रुपए लूट लिए थे। यह राशि चार लाख रुपए से ज्यादा थी।
वहीं, गांव मन्नीवाली की मरुधरा ग्रामीण बैंक में भी लूट की वारदात हुई थी। इसमें भी आरोपी बैंक मैनेजर और स्टाफ को धमकाकर डेढ लाख रुपए लूटने में कामयाब हो गए थे।
तीन महीने में बैंक डकैती की कई घटनाएं
राजस्थान में तीन महीने में बैंक डकैती की कई घटनाएं हो चुकी हैं। तीन महीने पहले अलवर के एक्सिस बैंक से 78 लाख रुपए और 26 लाख रुपए का सोना लूटकर फरार हो गए थे। 6 बदमाश हथियार के साथ बैंक में घुसे थे और उन्होंने महज 30 मिनट में डकैती को अंजाम दिया।
अगस्त 2022 में ही अलवर के भूगोर स्थित बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में लूट हुई थी।
अगस्त महीने में ही अलवर में 3 नकाबपोश बदमाशों ने हथियार के बल पर 10 मिनट में बैंक से साढ़े 76 हजार रुपए लूट लिए थे। बदमाशों ने कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। कैशियर से कैश लेने के बाद वे फरार हो गए थे। लूट अलवर जिले के भूगोर में गुरुवार दोपहर 2:20 बजे बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में हुई थी। घटना का CCTV भी सामने आया था
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