बेटे का गला काटने वाली मां का कैमरे पर कबूलनामा:बोली- चिल्लाता था, मैं सो नहीं पाती थी, पिता के क्लिनिक से लाई सर्जिकल ब्लेड, एक नहीं दो बार काटा
जयपुर
‘अल्लाह मेरे कर्म को माफ करे, मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई, अब जहन्नुम में भी जगह नसीब नहीं होगी। मैंने अपने डेढ़ महीने के बेटे उजेफ को मार डाला। अपने पिता के क्लिनिक से सर्जिकल ब्लेड चुराकर लाई थी। उसी से गर्दन काटी। पहली बार में ब्लेड अटक गया तो वो नहीं मरा, इसलिए दूसरी बार ब्लेड फेर डाला।’
यह कबूलनामा अंजुम (35) का है। अंजुम तेलियों का मोहल्ला चौकड़ी तोपखाना हजूरी गेट की रहने वाली है। डेढ़ माह के बेटे की सिर्फ इसलिए जान ले ली क्योंकि वह दिन रात रोता रहता था। उसके चिल्लाने के शोर में नींद पूरी नहीं हो पाती थी। इसलिए उसकी आवाज को हमेशा के लिए शांत कर दिया।
कैमरे पर कबूला गुनाह- अल्लाह माफ करे
जयपुर के रामगंज थाना इलाके में हुए इस सनसनीखेज मर्डर की रिपोर्ट के लिए टीम जब थाने पहुंची, तो हत्या की आरोपी अंजुम के चेहरे पर कोई शिकन नजर नहीं आ रही थी। न दर्द का भाव और न ही बेटे को खोने का कोई गम। ऑन कैमरा जब हमने हत्या का कारण पूछा तो बोली- मेरा बीपी तब बहुत बढ़ गया था।
मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या कर रही हूं। उजेफ दिन रात चिल्लाता था, मैं सो नहीं पाती थी। पता नहीं क्या सूझा। अल्लाह मेरे कर्म को माफ नहीं करेगा। अल्लाह मेरे इस गुनाह को माफ कर दे।
मुझे लगा मेरा ही बेटा है मैं मार डालूं या कुछ भी करूं
अंजुम ने पुलिस को बताया कि मुझे इस बात का एहसास ही नहीं था कि बेटे की जान हमेशा के लिए चली जाएगी। मुझे लगता था, मेरा बेटा है, मैं जब चाहे मार डालूं। इसमें कोई क्या करेगा। उसके बार-बार चिल्लाने से मेरा दिमाग खराब हो चुका था।
अंजुम ने बेटे की हत्या को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया। जिसकी कहानी उसने पुलिस के सामने कबूल की है….
पुलिस से कहा- मासूम बिलखता था, उसकी आवाज चुभती थी
SHO उदय सिंह यादव ने बताया कि हत्या के मामले में आरोपी मां अंजूम को अरेस्ट किया है। वह 9वीं क्लास तक पढ़ी-लिखी है। करीब 15 साल पहले उसकी शादी अहमद खान से हुई थी। उसके 12 साल और 9 साल के दो बच्चे हैं। करीब डेढ़ महीने पहले ही अंजुम ने एक ओर बेटे को जन्म दिया था।
गर्भवती होने से लेकर डेढ़ महीने के मासूम की देख-रेख को लेकर वह परेशान थी। घर में अकेली रहती थी। पति काम पर चला जाता था। इस दौरान दिनभर दुधमुंहे बच्चे के रोने की आवाजें उसके कानों में चुभने लगी थीं।
अंजुम ने पूछताछ में कबूला कि मासूम बेटे को मारने के लिए उसने 5 दिन पहले ही प्लानिंग कर ली थी। अंजुम के पिता मोहल्ले में एक क्लिनिक चलाते हैं। पिता के घर जाने पर उसको सर्जिकल ब्लेड से बेटे को मारने का आइडिया आया। उसने अपने पिता से यह कहकर सर्जिकल ब्लेड मांगा कि- मेरे दांतों के बीच में खाने की चीज फंस जाती है। दांत कुरेदने के लिए आप मुझे सर्जिकल ब्लेड दे दो।
एक बार में ब्लेड अटका तो दूसरा वार किया
सर्जिकल ब्लेड लेकर वह अपने घर आ गई थी। अंजुम का प्लान था कि वह सोते समय सर्जिकल ब्लेड से बेटे का गला काट देगी और बाद में यह साबित कर देगी कोई उसकी हत्या कर भाग गया। अंजुम ने बिल्कुल वैसे ही किया।
2 मार्च की रात में सोते समय मासूम बेटे के गले पर सर्जिकल ब्लेड से वार किया। इस बीच ब्लेड गले की हड्डी में अटक गया। उसके कपड़े खून से सन गए थे लेकिन सांस चल रही थी। गुस्से में पागल अंजुम ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। दूसरी बार ब्लेड उठाया और इस बार पूरा जोर लगाकर गले की पूरी नसें काट डाली।
गुमराह करने के लिए रची कहानी
अंजुम पत्नी अमजद ने प्लानिंग के तहत अंजुम ने गला रेतने के बाद जोर-जोर से चिल्लाकर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए ड्रामा रचा। घरवालों का ध्यान भटकाने के लिए कह दिया कि कोई बच्चे का गला काट कर भाग गया है। जिसने लाल रंग की शर्ट पहन रखी थी।
इस पर अंजुम के देवर जावेद खान ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई अमजद का बेटा उजेफ 2 मार्च को अपने कमरे में सोया हुआ था। इस दौरान दोपहर करीब 12 बजे रोने की आवाज आई। भाई की पत्नी अंजुम ने कमरे में जाकर देखा तो उसके बेटे उजेफ की गर्दन पर कट लगा हुआ था। खून बह रहा था। उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।
पुलिस की गिरफ्त में अंजुम।
8 दिन बाद मासूम ने तोड़ा दम
उजेफ को गंभीर हालत में जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मासूम जिंदगी के लिए जंग लड़ता रहा। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। उसकी गर्दन की नसें बुरी तरह से कट चुकी थीं। 8 दिन तक मौत से जूझने के बाद 11 मार्च को उजेफ ने दम तोड़ दिया।
पुलिस को पहले ही हो गया था शक
रामगंज थानाधिकारी उदय सिंह यादव ने बताया कि जब केस इन्वेस्टिगेट किया जा रहा था तब इसे खत्म करने के लिए परिवार जोर डालने लगा। इसके बाद पुलिस को शक हुआ। राउंडअप कर सख्ती से पूछताछ में टूटी हत्या की आरोपी अंजुम ने रोते-रोते अपने गुनाह कबूल कर लिए।
रामगंज थानाधिकारी उदय सिंह यादव।
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया- जिस तरीके से घटनाक्रम बताया गया, उसी से हमारा शक परिवार पर था। घर पर मौजूद महिलाओं और पुरुषों से पूछताछ में कई चीजें क्लियर हो गई थीं। घटना के समय 2 मार्च की दोपहर घर पर कई लोग मौजूद थे।
आरोपी मां अंजुम और बच्चा सबसे ऊपर की मंजिल में अकेले थे। ऐसी स्थिति में बाहर से किसी व्यक्ति द्वारा बच्चे का गला काटा जाना संभव नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में धारदार हथियार से गला काटना पाया गया था।
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