बैग में बेटे की लाश थी, सूचना पूड़ी-सब्जी खाती रही:पड़ोसी बोले- वो तो आइडियल मां थी, क्या मेंटल हेल्थ दिलाएगी जमानत
गोवा में चार साल के बेटे की हत्या की आरोपी सूचना सेठ के दो किरदार हैं। एक में वो अपने बेटे के कत्ल की आरोपी है। बेटा पति से न मिल पाए, इसलिए उसका कत्ल किया और फिर लाश सूटकेस में डाली और भागने की कोशिश करते हुए पकड़ी गई। बैग में बेटे की लाश थी और वो कैब रुकवाकर पूड़ी-सब्जी खाती रही।
एक सूचना सेठ बेंगलुरु की अरविंद स्प्रोसिया सोसायटी में रहती थी। पड़ोसियों और सोसायटी प्रेसिडेंट के मुताबिक, ये सूचना बेटे पर जान छिड़कती थी। लोग उसका नाम लेकर उदाहरण देते थे कि सिंगल मदर होने के बावजूद वो कितने अच्छे से बच्चे का ख्याल रखती हैं।
सूचना सेठ फिलहाल गोवा पुलिस की कस्टडी में हैं। पुलिस का कहना है कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है।
फिलहाल कोर्ट ने सूचना सेठ को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अगली सुनवाई 31 जनवरी को है। सूचना न तो पुलिस से बात कर रही है और न ही उसने कोर्ट में कुछ बोला है। कोर्ट ने उसकी मेंटल हेल्थ की जांच कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
पहले गोवा और फिर बेंगलुरु पहुंचा और इस केस की पड़ताल की। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट…
पहले तलाक, फिर स्टार्ट-अप भी फेल
सूचना की कहानी ढूंढते हुए हम बेंगलुरु पहुंचे। AI स्टार्टअप ‘माइंडफुल एआई लैब’ की संस्थापक और CEO सूचना सेठ 4 साल से इस कंपनी को लीड कर रही थी। बेंगलुरु के गोपाल कृष्णा कॉम्प्लेक्स में इस कंपनी का प्लग एंड प्ले ऑफिस था।
सूचना की कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए काम करती है। इसे को-वर्किंग ऑफिस स्पेस भी कहा जाता है। ये स्टार्ट-अप अब बंद हो गया है। इसकी वजह स्पष्ट नहीं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक फंडिंग रुक जाने से ऐसा हुआ।
गोवा के होटल में लिखवाया था गलत एड्रेस
छानबीन में सामने आया कि गोवा के जिस होटल में सूचना के बेटे का कत्ल हुआ, वहां उसने गलत एड्रेस दिया था। पति से अलग होने के बाद सूचना बेंगलुरु के ठानीसांड्रा इलाके में बने यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट के सी विंग के फ्लैट नंबर 310 में रहने आईं थी।
गोवा में सूचना ने यही एड्रेस लिखवाया था। सच ये है कि एक साल पहले ही सूचना ने ये घर छोड़ दिया था। ये फैक्ट केस में सूचना के खिलाफ बड़ा सबूत है। पुलिस ने सूचना से पूछताछ में ये सवाल किया कि एड्रेस गलत क्यों दिया। सूचना ने कोई जवाब नहीं दिया।
ब्रोकर बोला- सिर्फ कुछ कपड़े लेकर यहां रहने आईं थीं सूचना
सूचना की कहानी तलाशते हुए हम यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट पहुंचे। यहां ब्रोकर रकीब शरीफ मिले। रकीब ने बताया, ‘सूचना सेठ ने बिल्डर के ऑफिस से रेंट पर फ्लैट लिया था। ये फर्निश्ड अपार्टमेंट है। सूचना बेटे और सिर्फ एक बैग कपड़ों के साथ यहां रहने आई थीं। उनके पास और कोई सामान नहीं था।’
ब्रोकर ने आगे बताया, ‘सूचना के बारे में सोसायटी में कोई अच्छे से नहीं जानता। ये फ्लैट आज भी यूनीश्री बिल्डर के नाम पर है। यहां अब एक मुस्लिम फैमिली रहती है।’
हमने सोसायटी में सूचना के पड़ोसियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी याद नहीं था कि वो यहां कब रहती थी।
ये यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट है जहां सूचना सेठ दो साल रहीं। एक साल पहले वे घर खाली करके चली गईं थीं।
सूचना के पड़ोसी बोले- वो आदर्श मां थीं, नहीं पता ये सब कैसे हुआ
इसके बाद हम सूचना के मौजूदा एड्रेस अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट पहुंचे। पुलिस के मुताबिक सूचना बेटे की लाश लेकर यहीं लौट रही थी। वो बेटे की लाश को घर लाकर ठिकाने लगाने की फिराक में थी। हालांकि, पुलिस यहां अब तक छानबीन के लिए नहीं आई है।
यूनीश्री टेराजा अपार्टमेंट से अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट करीब एक किमी दूर है। सोसायटी के गार्ड्स ने हमें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद हमने सोसायटी के प्रेसिडेंट पंकज जैन से फोन पर बात की।
पंकज जैन ने बताया, ‘सूचना सेठ यहां किराए पर एक साल से रह रही थीं। उन्हें सोसायटी के कई लोग जानते थे।’
पंकज आगे कहते हैं, ‘ये घटना हैरान करने वाली है। सिर्फ मेरे परिवार में ही नहीं, सोसायटी में रहने वाली महिलाएं सूचना सेठ की मिसाल देती थीं। सभी देखते थे कि सूचना बहुत अच्छी मां हैं और कितने अच्छे से बेटे की परवरिश कर रही हैं।’
सूचना शांत नेचर की थीं, बच्चे के साथ पार्क में खेलती थीं
पंकज आगे बताते हैं, ‘ये तो नहीं कह सकते कि कब किसके दिमाग में क्या आ जाए, लेकिन सूचना का स्वभाव बेहद शांत था। उनके बारे में कभी शिकायत नहीं सुनी थी। वो बेटे के साथ हर रोज पार्क में खेलती थीं, दूसरे बच्चे भी साथ खेलते थे। पूरी सोसायटी के लोग इस घटना से शॉक में हैं।’
सूचना से आखिरी मुलाकात याद करते हुए पंकज कहते हैं, ‘उनसे आखिरी बार चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान मिला था। हमने सोसायटी के अंदर लॉन्चिंग के लाइव टेलीकास्ट का कार्यक्रम रखा था। इसमें सूचना भी आई थीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्हें सोसायटी बहुत पसंद आई है।’
टेनेंट वेरिफिकेशन के सवाल पर पंकज जैन ने बताया, ‘किसी कंपनी ने वेरिफिकेशन करवाया है, तो हम किराएदार का वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं। हम मकान मालिक की रिकमेंडेशन पर किराएदार को रहने की परमिशन दे देते हैं। सूचना सेठ को भी रहने की परमिशन उनके मकान मालिक के कहने पर दी गई थी।’
फिलहाल सूचना बेंगलुरु के अरविंद स्प्रोसिया अपार्टमेंट में रह रही थीं। उनका टेनेंट वेरिफिकेशन कंपनी की तरफ से कराया गया था।
सूचना के ऑफिस वाले बोले- जो बताना था, पुलिस को बता दिया है
सोसायटी के बाद हम सूचना सेठ के ऑफिस के एड्रेस पर पहुंचे। यही पता उन्होंने कॉरपोरेट मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर दिया था। सूचना की कंपनी Saatvik Machine Intelligence Technologies Pvt Ltd का ऑफिस अशोकनगर के गोपाल कृष्णा कॉम्प्लेक्स के फर्स्ट फ्लोर पर था।
ऑफिस के मैनेजर ने सूचना के केस पर बात नहीं की। सिर्फ इतना कहा, ‘जो कहना था, पुलिस को बता दिया है।’
हालांकि, हम बाहर निकल रहे थे तो ऑफिस के स्टाफ के लोग मिले। उन्होंने बताया कि सूचना सेठ को एक-दो बार उन्होंने क्लाइंट के साथ मीटिंग करते देखा था, लेकिन इससे ज्यादा जान-पहचान नहीं थी।
बेंगलुरु की इसी बिल्डिंग में सूचना सेठ का ऑफिस था। ये ऐसा ऑफिस था, जिसे जरूरत के हिसाब से हर रोज पेमेंट करके इस्तेमाल किया जा सकता है।
सूचना सेठ की कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी हुई थी और इसका रजिस्ट्रेशन सितंबर, 2020 में हुआ था। सूचना की कंपनी अब बंद हो गई है, लेकिन इसकी वेबसाइट अब भी रन कर रही है। गोवा पुलिस के कहने पर अशोकनगर पुलिस ने इसके मैनेजर और मालिक का बयान दर्ज किया है।
गोवा की कहानी…
बेंगलुरु में भले ही सूचना की सोसायटी के लोग उन्हें आदर्श मां बता रहे थे, लेकिन गोवा की कहानी इसके एकदम उलट है। सूचना लगातार पुलिस से कह रही है कि उसने बेटे को नहीं मारा। बेटे की मौत कैसे हुई, इसके जवाब में बोली- ‘रात को जिंदा सोया था। सुबह मरा मिला। वो बेटे से अलग नहीं होना चाहती थी। इसलिए साथ में घर ले जा रही थी।’
पुलिस को आशंका है कि सूचना इस आधार पर कोर्ट में सजा से बच सकती है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। अगर सूचना अपने बयान पर कायम रहती है तो कोर्ट में सख्त सजा से बच सकती है। कोर्ट ने यही देखते हुए मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट की मदद लेने का आदेश दिया है।
सूचना की कहानी सोमवार, यानी 8 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजे से शुरू होती है। चित्रदुर्ग में उनके सूटकेस से उनके बेटे का शव मिला था। इस मामले की पड़ताल करने हम सबसे पहले गोवा के कांडोलिम में सोल बैनियन ट्री सर्विस अपार्टमेंट में पहुंचे।
बेटे की मौत से पहले 6 जनवरी से सूचना इसी सर्विस अपार्टमेंट में रह रही थीं। यहां सर्विस अपार्टमेंट के मैनेजर गगन गंभीर मिले। वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। गगन ने ही सबसे पहले कलंगुट पुलिस स्टेशन को इनफॉर्म किया था।
बेटे को मारने से पहले मंगवाई कफ सिरप की दो बोतलें
गगन गंभीर की कंप्लेंट की कॉपी मिली है। इसमें उन्होंने लिखा है कि सूचना सेठ ने एयर-बीएनबी ऐप के जरिए 6 से 10 जनवरी के बीच होटल में रूम बुक किया था। इसके लिए उन्होंने ऐप पर ही एडवांस पेमेंट की थी।
बुकिंग के दौरान सूचना ने बेटे का नाम भी लिखा था और एड्रेस प्रूफ में आधार कार्ड दिया था, जिस पर कोलकाता का एड्रेस था। हालांकि, प्रजेंट एड्रेस में उन्होंने बेंगलुरु का पता डाला था।
गगन की शिकायत के मुताबिक, सूचना सेठ ने 6 जनवरी की रात को बेटे के साथ सर्विस अपार्टमेंट के रूम नंबर 404 में चेक-इन किया था। 7 जनवरी की शाम 4 बजे सूचना सेठ ने होटल के रिसेप्शन पर फोन कर कहा कि उन्हें खांसी हो रही है और उन्हें कफ सिरप बेनेड्रिल की दो बोतल चाहिए। इसके बाद होटल की वेटर स्टाफ रोजलीन फ्रांसिस ने केमिस्ट शॉप से दो बोतल खरीदीं और सूचना को दे दीं।
7 जनवरी को अचानक 9:10 बजे सूचना ने रिसेप्शन पर फिर से कॉल किया और बेंगलुरु में अर्जेंट काम बताते हुए तुरंत चेकआउट करने की बात कही। साथ ही उन्होंने अर्जेंट बेस पर एक टैक्सी अरेंज करने के लिए भी कहा। स्टाफ ने कहा कि टैक्सी से सस्ती फ्लाइट होगी, लेकिन वे टैक्सी के लिए अड़ी रहीं।
इलस्ट्रेशन : मंसूर नकवी
स्टाफ ने इनोवा क्रिस्टा (GA-03-AH-5253) अरेंज की। इसके ओनर रे जॉन ने 30 हजार रुपए की डिमांड की थी। सूचना बिना मोलभाव किए मान गईं। सूचना ने 3 घंटे 20 मिनट बाद रात करीब 12:30 बजे चेकआउट किया। उनका लगेज भी हमारे स्टाफ ने उठाया था। ज्यादा भारी होने की बात पर सूचना ने बताया कि इसमें उनके काम का सामान है, इसलिए इतना भारी है।
हाउस कीपिंग स्टाफ की वजह से मामले का खुलासा
सुबह करीब 9 बजे होटल के हाउस कीपिंग स्टाफ देबाशीष माझी सूचना का कमरा साफ करने पहुंचे। उन्हें कमरे के अंदर खून के धब्बे दिखे। कमरा साफ करने से पहले उन्होंने रिसेप्शन पर जानकारी दी और यहीं से सूचना पर शक हुआ। इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई।
होटल के वॉचमैन से पूछताछ की तो पता चला कि महिला बेटे के साथ आई थी, लेकिन लौटते वक्त अकेली थी। CCTV फुटेज चेक कीं तो पुलिस को सूचना के पास बड़ा सूटकेस दिखा।
पुलिस ने टैक्सी चला रहे रे जॉन को फोन किया और सूचना से बात की। सूचना ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बेटे को गोवा के मारगांव में दोस्त के घर छोड़ा है। एक-दो दिन में बेंगलुरु का काम निपटाकर वापस आ जाएंगी।
दोस्त रोजलीन फ्रांसिस का एड्रेस भी दिया। इंस्पेक्टर नाइक ने फटोर्डा पुलिस स्टेशन से कंफर्म कराया तो एड्रेस फेक निकला। पुलिस ने ड्राइवर को फोन कर गाड़ी को नजदीकी पुलिस स्टेशन ले जाने को कहा।
ड्राइवर बोले- बैग में बच्चे की लाश थी, वो पूड़ी-सब्जी खा रही थी
हम केस के सबसे अहम और चश्मदीद गवाह कार ड्राइवर रे जॉन के पास पहुंचे। हम रे जॉन के घर पहुंचे तो वे मापुसा कोर्ट से लौटे ही थे। उन्होंने बताया कि जिस कार से वे सूचना सेठ को लेकर गए थे, वो 8 दिन से पुलिस की कस्टडी में है। उन्हें हर दिन के हिसाब से 3 से 5 हजार का नुकसान हो रहा है। इसलिए वे उसे रिलीज करवाने के लिए अदालत के चक्कर लगा रहे हैं।
रेजॉन ने बताया, ‘7 जनवरी को उनके नंबर पर सोल बैनियन ट्री सर्विस अपार्टमेंट के रिसेप्शन से फोन आया। गोवा से कार से बेंगलुरु जाना मुझे पहले अजीब लगा। वो किराया देने के लिए तैयार थी और वापसी में भी कोई सवारी मिल जाती, इसलिए मैं तैयार हो गया। करीब 12 बजे सूचना सेठ सामान लेकर रिसोर्ट के बाहर आ गईं।’
इलस्ट्रेशन : गौतम चक्रवर्ती
‘आमतौर पर गोवा से जाने वाले टूरिस्ट यहां से शराब लेकर जाते हैं और कई बार पकड़े जाते हैं। सूचना ने बताया कि सूटकेस में ऑफिस का सामान है, इसलिए भारी लग रहा है। रास्ते में एक्सीडेंट हुआ और ट्रैफिक जाम हो गया। मैंने सूचना से कहा कि आप चाहें तो एयरपोर्ट छोड़ दूं। उसने कहा कि कार से ही चलेंगे।’
‘4 घंटे बाद 6 बजे सुबह ट्रैफिक क्लियर हुआ और एक्सप्रेसवे पर पहुंचते-पहुंचते करीब 7:30 बज गए। सुबह 8:15 बजे हम धारवाड़ जिले में एक रोड साइड रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट के लिए रुके थे। वहां नाश्ता किया। बिल सूचना ने ही दिया।’
पुलिस का फोन आने के बावजूद सूचना परेशान नहीं थी
रे जॉन बताते हैं, ‘हम चित्रदुर्ग पहुंचे ही थे कि सुबह 10:45 बजे मेरे पास कलंगुट पुलिस स्टेशन से पुलिस इंस्पेक्टर नाइक का फोन आया। उन्होंने कोंकणी में मुझसे पूछा- क्या वो लेडी पैसेंजर इस वक्त भी आपकी गाड़ी में है और क्या उसके साथ कोई बच्चा भी है? इसके बाद उन्होंने फोन सूचना को देने को कहा। सूचना ने बताया कि बच्चा उनकी दोस्त के पास है।’
‘पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि जिस होटल से उस लेडी पैसेंजर ने चेकआउट किया है, उस कमरे से खून के निशान मिले हैं। हम कोंकणी में बात कर रहे थे, इसलिए सूचना को कुछ समझ नहीं आ रहा था।’
इलस्ट्रेशन : गौतम चक्रवर्ती
रे जॉन ने आगे बताया कि सूचना की दोस्त का एड्रेस फेक मिलने के बाद दोपहर 12 बजे कलंगुट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने फिर फोन किया और कहा कि महिला के साथ एक बच्चा था और वो अब नहीं है। उन्होंने मुझसे पास के पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा। ये भी कहा कि ऐसा करते वक्त सूचना को शक न हो। मैं ये सुनकर थोड़ा घबराया, लेकिन फिर जाहिर नहीं होने दिया।’
रे जॉन के मुताबिक, वहां से करीब 75 किलोमीटर दूर एक पुलिस स्टेशन मैप पर दिखा रहा था। रास्ते में लगे साइन बोर्ड भी कन्नड़ में थे, इसलिए मैं पुलिस स्टेशन खोज नहीं पा रहा था।
बेंगलुरु पहुंच जाती तो पकड़ना मुश्किल था
ड्राइवर रे जॉन ने आगे बताया कि बेंगलुरु सिर्फ 200 किमी दूर था। मैंने साथ मौजूद दोस्त को कोंकणी भाषा में कहा कि मैं जहां गाड़ी रोकूं, वहां वॉशरूम जाने के बहाने उतर जाए और 10 मिनट तक न लौटे।
चित्रदुर्ग से कुछ किलोमीटर पहले मैंने एक ढाबे पर कार रोकी और मेरा दोस्त फ्रेश होने के बहाने कार से उतरा। उसके पीछे मैं भी कार से बाहर निकला और पार्किंग में ड्यूटी करने वाले चौकीदार से पास का पुलिस स्टेशन का पता पूछा। उसने बताया कि यहां से 500 मीटर दूर आईमंगला पुलिस स्टेशन है।
इसके बाद मैं हाईवे छोड़ सर्विस रोड पर आ गया, लेकिन कार में बैठी सूचना ने मुझे नहीं टोका। वो शांत बैठे सब देख रही थी। मैंने पुलिस स्टेशन में कार रोकी तो सूचना ने मुझसे पूछा कि मैंने कार यहां क्यों रोकी है। मैंने बताया कि मेरे पास गोवा पुलिस का फोन आ रहा है और वे कर्नाटक पुलिस से बात करना चाहते हैं। इस पर सूचना ने सिर्फ ‘OK’ कहा।
सूचना आराम से कार में बैठी थीं। चेहरे पर डर या गुस्सा नहीं था। करीब 15 मिनट बाद एक लेडी सब इंस्पेक्टर आईं और उन्होंने सूचना को कार से उतरने को कहा। सूचना आराम से कार से उतरीं और लेडी ऑफिसर से कुछ देर तक बात करती रहीं। इसके बाद उनके कहने पर ही मैंने कार की डिग्गी खोली। सूचना ने उसमें रखे सूटकेस का लॉक खोल दिया।
बैग में तीन लेयर कपड़े के नीचे था बेटे का शव
रे जॉन के मुताबिक, बैग को जैसे ही खोला गया, उसमें कपड़े और खिलौने ही नजर आए। मुझे भी लगा कि शायद पुलिस को गलतफहमी हुई है। इसके बाद एक-एक करके जैसे ही कपड़े की तीन लेयर निकाली गईं, बच्चे का चेहरा नजर आया। इसके बाद भी सूचना सेठ शांत खड़ीं थीं।
एक पुलिसकर्मी ने सूचना से पूछा कि ये कौन है? इस पर उन्होंने कहा- ‘मेरा बेटा है।’ पकड़े जाने के बाद भी वो नॉर्मल थी, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
सूचना के बेटे के गले में कोई निशान नहीं मिला था, इसलिए माना जा रहा है कि उसके फेस पर तकिया रखकर या गले में तौलिया लगा हत्या की गई है।
बच्चे को मारा, फिर सुसाइड की कोशिश की
कलंगुट पुलिस स्टेशन की टीम 8 जनवरी को सूचना को वापस गोवा ले आई। बच्चे का पोस्टमॉर्टम चित्रदुर्ग के हिरियूर तालुक हॉस्पिटल के डॉक्टर ने किया। यहां के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. कुमार नाइक ने बताया कि बच्चे की हत्या गला दबाने या घोंटने से हुई है। बच्चे की नाक से खून निकला था। उसकी चेस्ट पर उभरी नसों को देखकर लगा कि जब उसका चेहरा दबाया गया, तब वो होश में था।
चित्रदुर्ग के एसपी धर्मेंद्र कुमार मीना बताते हैं, ‘इस मामले में हत्या की धारा 302, सबूत मिटाने की धारा 201 और गोवा चाइल्ड एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूचना ने बेटे को मारने के बाद कैंची से कलाई काटकर सुसाइड करने की कोशिश भी की थी।’
पति बच्चे से न मिल पाए, इसे लेकर गुस्से में थी सूचना
कलंगुट पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि सूचना सेठ और उसके पति वेंकटरमन पीआर के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। तलाक फाइनल स्टेज पर था और अदालत ने हर रविवार वेंकटरमन को बेटे से मिलने की परमिशन दी थी।
ये सूचना के पति वेंकटरमन हैं। सूचना ने बताया है कि वो अपने बेटे को पति से नहीं मिलने देना चाहती थी, इसीलिए उसे लेकर गोवा चली जाती थी।
सूचना ने पूछताछ में बताया है कि वो नहीं चाहती थी कि उनका पति बेटे से मिल सके। इसलिए वो हर रविवार को बेंगलुरु से बाहर चली जाती थी। इससे पहले 31 दिसंबर को भी बेटे के साथ गोवा आई थी और यहां एक फाइव स्टार होटल में रुकी थी।
4 जनवरी तक यहां रुकने के बाद पहले बेंगलुरु गई और फिर 6 जनवरी को गोवा लौटी थी। पिछले पांच रविवार से सूचना, वेंकटरमन को उनके बेटे से मिलने नहीं दे रही थी।
जिस सूटकेस से बच्चा बरामद हुआ, उसमें टिशु पेपर पर आईलाइनर से लिखा सुसाइड नोट था। नोट में लिखा था,’कोर्ट और मेरा हसबैंड बच्चे की कस्टडी को लेकर दबाव बना रहे हैं। मेरा हसबैंड हिंसक है। उसने बेटे को बुरे संस्कार सिखाए। मैं उसे इसकी एक दिन की भी कस्टडी नहीं देना चाहती।’
इस नोट की फॉरेंसिंक जांच कराई जा रही है। ये भी पता चला है कि इस घटना से पहले सूचना एक डॉक्टर के संपर्क में थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सूचना की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
बच्चे को कार्टून दिखाया, कफ सिरप पिलाई, फिर मार दिया
गोवा के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया है कि पूछताछ में सूचना से खुलासा किया है कि बेटे को मारने से पहले उसने मोबाइल फोन पर एक कार्टून दिखाया और लोरी सुनाकर सुला दिया था। उसने बेटे को खांसी की दवा भी पिलाई थी, जिससे उसे आसानी से नींद आ जाए। कफ सिरप की दोनों बोतल भी बरामद कर ली हैं।
अधिकारी ने बताया कि सूचना बेंगलुरु वाले घर जाकर बेटे की लाश ठिकाने लगाने वाली थी। सूचना सेठ और उनके पति को पुलिस ने आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की है। दोनों का 15 मिनट तक आमना-सामना करवाया गया। वेंकटरमन ने सूचना से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो सूचना ने कहा-’यह सब तुम्हारे कारण हुआ है।’
पति के वकील बोले- बच्चा मर गया, अब मां के खिलाफ कंप्लेंट करके क्या फायदा
वेंकटरमन के वकील अजहर मीर कहते हैं, ‘होटल में क्या हुआ था, हम नहीं जानते। सूचना ने बच्चे को क्यों मारा, इसको लेकर हम सिर्फ अंदाजा लगा सकते है, इसका जवाब सिर्फ सूचना जानती हैं।’
वकील अजहर के मुताबिक, सूचना वेंकटरमन पर हैरासमेंट के आरोप लगा रही हैं, लेकिन इसके लिए बच्चे को क्यों मार दिया। ये सिर्फ झूठा आरोप है। सूचना ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवाया था। इसकी जांच जारी है।
इस केस में एक मां है, जिसके सूटकेस से बच्चे का शव मिला है, दूसरा एक पिता है, जिसने अपने हाथों से अपने बच्चे को दफनाया है। वेंकटरमन का बच्चा नहीं रहा, पत्नी जेल में है। अब केस करके क्या मिलेगा। हम कंप्लेन नहीं करेंगे।
सूचना से सिर्फ एक बार मिले उनके वकील
सूचना का पक्ष जानने के लिए हम उनके वकील फ्रेंको से मिले। फ्रेंको ने बताया कि सूचना के एक रिश्तेदार ने मुझे फोन कर उनकी ओर से केस लड़ने को कहा था। सूचना से मेरी सिर्फ एक बार मुलाकात हुई है और अब तक उनकी ओर से कोर्ट में जमानत याचिका नहीं लगाई गई है।
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