बॉर्डर क्षेत्र का विकास दो साल से ठप:अंशुमान सिंह ने विस में मुद्दा उठाया, जेठानंद बोले-कल्ला नशे के तस्करों और भूमाफिया का पक्ष लेते रहे
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विधानसभा में सोमवार को बीकानेर के दो विधायकों की आवाज जमकर गूंजी। कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने दो साल से बंद पड़ी बार्डर एरिया डवलपमेंट योजना के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की। कहा कि इसे शुरू कराया जाए। यह कई विधानसभा क्षेत्रों के सीमावर्ती गांवों के विकास का मामला है। भाटी ने तमाम मुद्दे उठाए।
वहीं लूणकरणसर से विधायक और मंत्री सवालों के जवाब देकर सदन में छाए रहे। पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने सदन में कहा कि पूर्व मंत्री (डॉ. बीडी कल्ला) के परिवार के लोग नशे के तस्करों का पक्ष लेते रहे। उनके परिवार के लोग और कार्यकर्ता भूमाफिया बन गए थे।
विधायक भाटी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए कहा कि बिजली याेजनाओ के लिए केन्द्र सरकार ने इतनी राशि राजस्थान काे भेजी कि प्रत्येक ढाणी के गरीब का घर राेशन हाे सके लेकिन पूर्व की सरकार के भ्रष्टाचार के कारण वाे राशि लाैटा दी गई। गांव का गरीब आज भी अंधेरे में है। आरडीएसएस और सौभाग्य योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
जलजीवन के लिए केन्द्र सरकार हर घर कनेक्शन देना चाहती है लेकिन जेजेएम के नियमों की अनदेखी की गई। निम्न गुणवत्ता प्रयोग करने से पाइप लाइन टूट गई। पानी की गुणवत्ता भी सही नहीं है। नई बनी टंकियां रिसने लगी हैं। ये भ्रष्टाचार की नजीर है क्योंकि इसका ठेकेदारों काे भुगतान कर दिया गया।
पुरानी सड़कों और पेयजल योजनाओं में भी भ्रष्टाचार किया गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस प्रकरण की पूरी जांच हो क्योंकि यहां बड़ा भ्रष्टाचार निकलेगा। कुछ साल पहले भलूरी में आग लगी थी तो मेरे दादा देवी सिंह भाटी ने 28 आशियाने बनाकर दिए थे उनकी पिछली सरकार ने कोई मदद नहीं की। अब सरकार की ओर से इन लोगों की मदद की जानी चाहिए।
जवाब : मुख्यमंत्री ने 30 लाख मीट्रिक टन की सीमा 15 प्रतिशत बढ़ाई है
विधानसभा में आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित के खाद्य सुरक्षा से जुड़े तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गाेदारा ने कहा कि सूची में किसी के नाम हटाए नहीं गए हैं। अगर किसी कारण से कोई नाम रह जाता है तो अपील के आधार पर जुड़वा सकता है।
दरअसल विधायक छगनसिंह ने कहा था कि, वर्तमान जनसंख्या के लिहाज से वंचितों को लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार क्या कर रही है। इस पर गोदारा का जवाब था, खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के मुताबिक एक सीलिंग तय है। राजस्थान में 4.40 करोड़ की सीमा है। दो करोड़ 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं मिल रहा है।
गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 29 दिसम्बर को केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर सीलिंग में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का कहा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, 2011 की जनसंख्या के आधार पर लाभ दे रहे हैं जबकि अब जनसंख्या काफी बढ़ चुकी है। जिसके जवाब में मंत्री सुमित गोदारा ने कहाकि मुख्यमंत्री भजनलाल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर सीलिंग में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का कहा है।k
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