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भारतीय नौसेना के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लाभ प्राप्त करना’आईएनएस वलसुरा में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

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*भारतीय नौसेना के प्रमुख तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान आईएनएस वलसुरा ने 19 से 21 जनवरी, 2022 तक समकालीन विषय ‘भारतीय नौसेना के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता- एआई) के लाभ प्राप्त करना’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का आयोजन दक्षिणी नौसेना कमान के तहत किया गया था। इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान गूगल, आईबीएम, इन्फोसिस और टीसीएस जैसी प्रसिद्ध आईटी कंपनियों के वक्ताओं ने उद्योग जगत के विचारों को साझा किया। वहीं, आईआईटी दिल्ली, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, अमृता विश्वविद्यालय और डीए-आईआईसीटी (धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) के प्रख्यात शिक्षाविदों ने भी एआई के नवीनतम रुझानों और उपयोगों के बारे में बताया।इस कार्यशाला में दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एमए हम्पीहोली ने अपने प्रमुख संबोधन में एआई तकनीक के सामरिक महत्व और भारतीय नौसेना में इसके उपयोग पर जोर दिया। इस वेबीनार में पूरे देश के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया।भारतीय नौसेना महत्वपूर्ण मिशन क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जामनगर स्थित आईएनएस वलसुरा को पहले ही बिग डेटा के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया जा चुका है। इसके अलावा यहां जनवरी, 2020 में एआई और बिग डेटा एनालिसिस (बीडीए) पर एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की गई है। वर्तमान में नौसेना आईएनएस वलसुरा में एआई के क्षेत्र में एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का निर्माण करने की प्रक्रिया में है, जो अकादमिक और उद्योग की सहभागिता में रखरखाव, मानव संसाधन व धारणा मूल्यांकन के क्षेत्र में एआई और बीडीए को अपनाने से संबंधित प्रायोगिक परियोजनाओं की प्रगति में सहायक रहा है। इसके अलावा नौसेना अपने उद्यम डेटा को एकीकृत व पुनर्गठित करने में गंभीरतापूर्वक लगा हुआ है, क्योंकि डेटा सभी एआई इंजनों के लिए ईंधन है।संगठनात्मक तौर पर नौसेना ने एआई कोर ग्रुप का गठन किया है, जो सभी एआई/एमएल पहलों का आकलन करने के लिए हर साल दो बार बैठक करता है। नौसेना की संचालित एआई पहलों की परिकल्पना सामरिक और रणनीतिक, दोनों स्तरों पर प्रभाव डालने के लिए की गई है। एआई परियोजनाओं की आवधिक समीक्षा की जा रही है, जिससे तय की गई समय-सीमा का पालन सुनिश्चित किया जा सके। वहीं, नौसेना अपने अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेषता के सभी स्तरों पर एआई/एमएल में प्रशिक्षण भी आयोजित करती है। यह प्रशिक्षण नौसेना के अपने प्रशिक्षण केंद्रों के साथ-साथ प्रसिद्ध आईआईटी में भी आयोजित किया जाता है। पिछले तीन वर्षों में कई कर्मियों ने बड़े और छोटे एआई संबद्ध पाठ्यक्रमों को किया है।भारतीय नौसेना की ये पहल “सभी के लिए जिम्मेदार और परिवर्तनकारी एआई सुनिश्चित करते हुए भारत को एआई में वैश्विक नेता बनाने के देश की सोच” के अनुरूप है।

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