*भारत का वो प्रधानमंत्री जिसने कुर्सी पर बैठते ही पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी RAW की एक्टिविटी करवा दी थी बंद*
*REPORT BY SAHIL PATHAN*
फ्रेंच कट दाढ़ी, थ्री पीस सूट, हाथ में चमचमाती एचएमटी की घड़ी और काला जूता…देश के 12वें प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल (Inder Kumar Gujral) अक्सर इसी गेटअप में नजर आते थे। सियासी गलियारों में उनकी पहचान बेहद ज़हीन और सिद्धांतवादी राजनेता की थी। अप्रैल 1997 में वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे। गुजराल का कार्यकाल महज 13 महीने का रहा, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी नीतियों-कार्यों से खूब सुर्खियां बटोरीं।
*‘गुजराल सिद्धांत’ और पड़ोसी मुल्कों से रिश्ते:*
गुजराल ने पीएम की गद्दी पर बैठते ही सबसे पहले विदेश नीति के मोर्चे पर काम शुरू किया। ये उनका पसंदीदा विषय भी था। उन्हीं के कार्यकाल में एक तरीके से पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते सुधारने की ठोस पहल की हुई। इस नई नीति को नाम दिया गया ‘गुजराल सिद्धांत’। हालांकि इंद्र कुमार गुजराल ने पूर्ववर्ती एचडी देवगौड़ा सरकार में विदेश मंत्री रहते हुए ही इसकी नींव रखनी शुरू कर दी थी।
*CTBT पर सिग्नेचर से इनकार*: गुजराल के कार्यकाल में ही परमाणु परीक्षण निषेध संधि (Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty) का मुद्दा भी गर्माया। अमेरिका, ब्रिटेन समेत पश्चिम के तमाम ताकतवर देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर कर दिये। भारत पर भी खासा दबाव बनाया गया, लेकिन गुजराल झुके नहीं। उन्होंने इस संधि पर सिग्नेचर से साफ इनकार कर दिया।
*उर्दू और शायरी से मोहब्बत:* इंद्र कुमार गुजराल शेरो-शायरी के मुरीद थे। उन्हें उर्दू से बेपनाह मोहब्बत थी। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रशीद किदवई अपनी किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ में लिखते हैं, ‘गुजराल, पाकिस्तानी नेताओं से बातचीत में उर्दू का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया करते थे। नवाज शरीफ से भी उनके अच्छे ताल्लुकात थे।एक बैठक में जब दोनों मिले तो गुजराल ने शरीफ को मशहूर शायर अली सरदार जाफरी की ये पंक्तियां सुनाई थीं, ”गुफ्तगू बंद न हो, बात से बात चले, सुब्ह तक शामे-मुलाक़ात चले, हम पे हंसती हुई ये तारों भरी रात चले…।’
*RAW की एक्टिविटी करवा दी बंद:* इंद्र कुमार गुजराल (Inder Kumar Gujral) के कार्यकाल में PMO अपने जिस फैसले को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा वो था पाकिस्तान में भारतीय खुफिया एजेंसी RAW (रॉ) की एक्टिविटी पर रोक।‘गुजराल जब पीएम बने तो उन्होंने रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के उच्च-अधिकारियों को पीएमओ में बुलवाया। उनके सामने अपनी विदेश नीति का सिद्धांत रखते हुए पाकिस्तान में सारी गतिविधियां बंद करने का आदेश दे दिया। नए पीएम के इस आदेश के बाद सालों तक पाकिस्तान में RAW की एक्टिविटी बंद रही।’

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