मंत्री के रिश्तेदार ने सरेंडर किए 18 करोड़ रुपए:110 करोड़ की अघोषित इनकम पकड़ी, 2.90 करोड़ कैश मिले
राजस्थान सरकार के गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव के रिश्तेदारों और उनसे जुड़े ठिकानों पर हुई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड के बाद कारोबारी फर्म के पार्टनर्स ने 18 करोड़ रुपए की अघोषित इनकम सरेंडर कर दी है। इनकम टैक्स विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंत्री के ठिकानों पर यह कार्रवाई नहीं की गई है। क्योंकि वहां ऐसा कुछ नहीं था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक करीब 110 करोड़ रुपए की अघोषित आय पकड़ी है। हालांकि विभाग अघोषित इनकम का अमाउंट 175 करोड़ रुपए तक मानकर अपनी जांच कर रहा है। इस पूरी छापेमार कार्रवाई के दौरान इनकम टैक्स अफसरों ने 2.90 करोड़ रुपए की नकदी और 1.25 करोड़ रुपए मूल्य की ज्वेलरी भी जब्त की है।
मिड डे मील सप्लाई में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितताओं पर छापेमारी
कोविड पीरियड के दौरान मिड-डे मील सप्लाई में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितताओं की सूचनाओं पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुधवार से रविवार तक 5 दिन छापेमार कार्रवाई की। इसके बाद अब कागजी और लीगल कार्यवाही की जा रही है। बुधवार को देशभर में 63 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई थी। जिसमें राजस्थान के 5 शहरों- जयपुर, कोटपूतली, बहरोड़, भीलवाड़ा, पाली में 40 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनमें से सबसे ज्यादा 30 ठिकाने जयपुर में थे। बनीपार्क, सी-स्कीम, वीकेआई एरिया, सहकार मार्ग, मालवीय नगर, सिविल लाइंस समेत कई जगह यह छापेमारी हुई। भीलवाड़ा में भी किराणा व्यवसायियों के ठिकानों पर छापे डाले गए। हरियाणा में 10, महाराष्ट्र में 11, उत्तराखण्ड में 2 ठिकानों पर छापे डाले गए।
175 करोड़ तक अघोषित इनकम मान रहा इनकम टैक्स विभाग
जानकारी के मुताबिक मंत्री राजेंद्र यादव के रिश्तेदार कोटपूतली में पोषाहार और मिड डे मील की फैक्ट्री चलाते हैं। जिस पर कार्रवाई की गई। रेड में 300 से ज्यादा आईटी, पुलिस कर्मी और सीआरपीएफ के जवान मौजूद रहे। करीब 100 वाहनों का पूरी रेड में इस्तेमाल किया गया। सूत्रों के मुताबिक लॉकर्स से इनवेस्टमेंट डॉक्यूमेंट्स और प्रॉपर्टी के पेपर्स भी आईटी को मिले हैं। जिनकी पड़ताल की जा रही है। अब तक जब्त दस्तावेजों के आधार पर विभाग 175 करोड़ रुपए तक अघोषित इनकम मानकर चल रहा है।
राजनीतिक द्वेषता के चलते कार्रवाई हुई तो विरोध करेंगे
गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव का दावा है कि मिड डे मिल के सामान की पैकिंग और सप्लाई का काम उनकी कंपनी नहीं कर रही है। उनके कारोबार में कोई गड़बड़ी नहीं है। अगर राजनीतिक द्वेषता के चलते यह कार्रवाई हुई, तो इसका विरोध करेंगे।
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