दौसा।महंगाई राहत कैंप में एक व्यक्ति ने पत्नी दिलवाने की अजीबोगरीब मांग रख दी। जिसके बाद नायब तहसीलदार ने पटवारी को जांच के आदेश दिए बाद में एप्लीकेशन वायरल होने से खलबली मच गई।
महंगाई राहत कैंप में पत्नी दिलवाने की मांग को लेकर एक जने के एप्लीकेशन दी , जिस पर तहसीलदार ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। – मामला दौसा जिले की सिकंदरा पंचायत समिति क्षेत्र गांगदवाड़ी गांव का है, जहां शनिवार को आयोजित हुए महंगाई राहत कैंप में गांव के ही कल्लू महावर (40) ने तहसीलदार को एप्लीकेशन देकर शादी नहीं होने की बात कहते हुए पत्नी दिलवाने की मांग की। इस पर शिविर प्रभारी ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर पटवारी को जांच के आदेश देते हुए प्रार्थना पत्र का शीघ्र निस्तारण के निर्देश दे दिए। कल्लू महावर की यह एप्लीकेशन रविवार को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई, जिसके बाद यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रार्थना पत्र में 40 वर्षीय कल्लू ने बताया कि वह घर पर अकेला रहता है। घर की परिस्थितियां प्रतिकूल हैं तथा वह घरेलू कार्य करने में असमर्थ है। इसलिए घरेलू कार्य करने पर उसकी सहायता हेतु पत्नी दिलवाने का श्रम करें। कल्लू ने तहसीलदार को दिए एप्लीकेशन में पत्नी दिलवाने के लिए चार मांगें भी रखी हैं। इसमें बताया है कि पत्नी पतली व गोरी होनी चाहिए, उम्र 30-40 वर्ष के बीच हो तथा सभी कार्य में अग्रणी हो।
मामले में हैरान कर देने वाली बात यह है कि बहरावंडा के नायब तहसीलदार हरिकिशन सैनी ने एप्लीकेशन स्वीकार कर इसे अति आवश्यक मानते हुए पटवारी को मामले का निस्तारण करने के निर्देश भी दे डाले। गिरदावर व हल्का पटवारी को प्रार्थना पत्र को अति आवश्यक मानते हुए टीम का गठन कर जल्द प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने के लिए निर्देश भी दिए गए।
अब यह प्रार्थना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है कि इस प्रार्थना पत्र का निस्तारण किस तरह किया जाए। नायब तहसीलदार का कहना है कि समस्या निस्तारण के लिए सरपंच गिरदावर एवं ग्राम विकास अधिकारी की टीम का गठन किया है, जो जल्द ही पीड़ित के लिए पत्नी तलाश करेंगे। वहीं सरपंच धर्मा देवी मीणा ने कहा कि अधिकारियों ने पीड़ित की समस्या के निराकरण के लिए जांच करने के निर्देश दिए। पीड़ित के लिए पत्नी तलाश कर रहे हैं।यही नही रिपोर्ट में यह तक कहा गया कि कल्लू महावर के लिए आसपास के गांव की 10 लड़कियां देखी गई है जिसमें चंपाकली पत्नी बनने को लेकर सहमत हुई है अब उनकी आपसी बातचीत करवाई जा रही है।
मामला मीडिया में वायरल होने के बाद क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है।
पर इन सब में सबसे शर्मसार कर देने वाली बात यह है कि प्रशासन ने स्वयं व्यवस्था का मजाक बनाया है, जनता जो आम सुविधाओं के लिए त्रस्त है तथा जनता के आवश्यक कामों को लेकर इस प्रकार के कैंपों का निर्धारण किया जाता है उनमें ऐसी वाहियात मजाक की जा रही है जो ऐसे कैंपों की विश्वसनीयता और प्रशासन के रुख पर सवालिया निशान लगाती है।
Add Comment