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मुंह की चमड़ी से बनाई पेशाब नली:राजस्थान में इस तरह का पहला मामला, 15 साल के बच्चे की 4 घंटे चली सर्जरी

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मुंह की चमड़ी से बनाई पेशाब नली:राजस्थान में इस तरह का पहला मामला, 15 साल के बच्चे की 4 घंटे चली सर्जरी

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एक 15 साल के बच्चे के यूरिन में समस्या आने लगी और धीरे-धीरे इंफेक्शन फैल गया। मामला सामने आने के बाद ऑपरेशन किया गया। मुंह की चमड़ी से नई पेशाब की नली बनाई गई। मामला जोधपुर के मथुरादास माथुर (MDM) हॉस्पिटल का है। हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूरोलॉजी टीम ने 4 घंटे तक सर्जरी की। इसके बाद बच्चा अब स्वस्थ है। टीम का दावा है कि- यह प्रदेश का पहला मामला है।

एमडीएम हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूराेलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सारण ने बताया- जोधपुर निवासी 15 वर्षीय किशोर जन्मजात ‘हाइपोस्पीडियास’ (प्राइवेट पार्ट में परेशानी) से पीड़ित था। MDM में आने से पूर्व अन्य हॉस्पिटल में उसका दो बार ऑपरेशन हो चुका था। इन दो ऑपरेशन से मरीज की स्थिति में सुधार होने के बजाय स्थिति और बिगड़ने लगी थी। पेशाब नली में पेन यूरेथ्रल स्ट्रिक्चर ( पेशाबनली में रुकावट) हो गई । इससे पेशाब आना बंद हो गया था। पेशाब रुकने के कारण नली में इन्फेक्शन हो गया था।

किशोर का ऑपरेशन करती जोधपुर के मथुरादास माथुर (MDM) हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम।

किशोर का ऑपरेशन करती जोधपुर के मथुरादास माथुर (MDM) हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम।

पहले मरीज के इन्फेक्शन को खत्म किया गया

डॉ. सारण की टीम ने सीधे पेशाब की थैली में नली डालकर पेशाब के रास्ते को बायपास किया। एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयों के माध्यम से इन्फेक्शन ठीक किया। इसके बाद तमाम जांचें की गईं। इसके माध्यम से पेशाब नली की रुकावट व संक्रमित भाग की लंबाई का पता लगाया गया। पूर्व में दो असफल ऑपरेशन होने की वजह से पेशाब नली का काफी हिस्सा खराब हो गया था। मुंह की चमड़ी का कुछ हिस्सा लेकर नई नली बनाने का प्लान किया गया।

चार घंटे तक चला ऑपरेशन

डॉ. सारण की टीम ने खराब हो चुकी पेशाब नली के हिस्से को हटाया। इसके बाद मुंह के अंदर की चमड़ी का कुछ हिस्सा लेकर उसकी नली बनाई गई। इसके बाद हटाई गई नली के खराब वाले हिस्से में प्लांट किया गया। कुछ दिनों तक मरीज को पेशाब की नली लगाकर रखा गया, जिसको हटाने के बाद मरीज सामान्य रूप से पेशाब कर पा रहा है

इस टीम की मेहनत से सफल हुआ ऑपरेशन

किशोर का सफल ऑपरेशन करने में डॉ. आरके सारण, डॉ. लोकेश, डॉ.सवजोत सिंह , डॉ. शाहरुख लोहार, डॉ. विशनाराम, डॉ. कमल, एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के डॉ.गीता, डॉ. देवेंद्र, नर्सिंग स्टाफ में सलीम, देवकरण तथा वरुण का सहयोग रहा।

15 साल के बच्चे के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन करने के बाद मथुरादास माथुर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सारण व अन्य डॉक्टर।

15 साल के बच्चे के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन करने के बाद मथुरादास माथुर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सारण व अन्य डॉक्टर।

क्या होता है हाइपोस्पीडियास

इस बीमारी में पुरुष के लिंग में पेशाब के छेद की स्थिति जन्मजात सामान्य न रहकर नीचे की तरफ होती है। इससे पेशाब में आंशिक या पूर्ण रुकावट के साथ-साथ प्राइवेट पार्ट में कई समस्याएं आती हैं। गुर्दा से संबंधित बीमारियों के साथ ही गुर्दा खराब होने की भी आशंका रहती है।

बड़ी उम्र के लोगों में आती है समस्या

डॉ. सारण ने बताया कि 400 बच्चों में से एक बच्चे में इस तरह की समस्या आती है। MDM सहित प्रदेश में यह पहला केस होगा। इससे पहले बड़ी उम्र के पुरुषों में एक्सीडेंट या इन्फेक्शन की वजह से इस तरह की समस्या सामने आई है।

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