जयपुर: कोरोना संक्रमण (Corona infection) को रोकने के लिए राजस्थान में सख्त लॉकडाउन (lockdown) लग सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट से पूर्ण लॉकडाउन के संकेत मिले हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं राहुल गांधी द्वारा दिए गए सुझाव का पूरी तरह से समर्थन करता हूं. राष्ट्रीय लॉकडाउन एकमात्र विकल्प बचा है. एक वर्ष से अधिक समय से हमारे डॉक्टर, चिकित्सा कर्मी देश के लिए अत्यधिक वर्कलोड के साथ काम कर रहे. हमने उनमें से कइयों को खो दिया है. अब हम दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं.
लॉकडाउन वायरस की चेन को तोड़ने में मददगार:
हम पहले से ही ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य उपकरणों की कमी का सामना कर रहे हैं. जल्द ही हमें मेडिकल स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ सकता है. योजनाबद्ध लॉकडाउन वायरस की चेन को तोड़ने में मददगार हो सकता है. देश को बेहतर तैयार होने में मदद कर सकता है. पिछले साल गरीब लोगों, प्रवासी कामगारों और आम लोगों की कठिनाइयों को हम देख चुके है. इनको बचाते हुए योजनाबद्ध लॉकडाउन की जरूरत है.. ऐसे में सीएम गहलोत राजस्थान के लिए यह फैसला कर सकते हैं. बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में भी ऐसी राय सामने आई थी. आज मंत्रियों की समिति मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देगी. आज ही सीएम गहलोत राजस्थान के लिए फैसला कर सकते हैं.
अब अधिकारी कर रहे हैं रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार:
मंत्रियों के सुझाव के बाद अब अधिकारी रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं. ड्राफ्ट तैयार होने के बाद फिर से मंत्रियों के बीच चर्चा होगी. इस दौरान मजदूर व शराब की दुकानों के बारे में विशेष तौर पर बातचीत होगी. लॉकडाउन के साथ लोगों की रोजी-रोटी व आर्थिक संसाधन भी सरकार के लिए चिंता का विषय है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शाम तक फाइनल रिपोर्ट भेजी जाएगी. उसके बाद देर शाम तक मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग नई गाइडलाइन जारी करेगा.
बुधवार को हुई थी मंत्रिपरिषद की बैठक:
आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना (Corona) संक्रमण की चिंताजनक स्थिति पर गहन मंथन किया गया. मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसके लिए 5 मंत्रियों के एक समूह का गठन किया. मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर आज अपने सुझाव देगा, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
कुछ समय तक विवाह आयोजनों का स्थितगित होना संभव:
बैठक में आम राय थी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों (Marriage) को स्थगित कर दिया जाए. बहुत आवश्यक होने पर अदालत में विवाह की अनुमति दी जाए. बैठक में महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े की पालना, ऑक्सीजन सांद्रक की खरीद तथा ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर एवं टोसिलीजुमैब दवाओं की आपूर्ति पर विस्तृत चर्चा की गई.
आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया:
मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रेड अलर्ट कर्फ्यू प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया. इस दौरान अधिकाधिक टीकाकरण तथा कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया. साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर तथा कलिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया. मंत्रिपरिषद ने इस बात पर भी विचार किया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मीट्रिक टन ही है.
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