जयपुर, 7 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपए तक का कैशलेस उपचार उपलब्ध करवाने वाली महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ में शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्र्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 1 मई से लागू होने वाली इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने, प्रीमियम जमा करने तथा प्रिटिंग के लिए ई-मित्र को कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह शुल्क राज्य सरकार वहन करेगी। ई-मित्र पर पंजीयन कराते समय लाभार्थी को प्रीमियम राशि के रूप में मात्र 850 रूपए ही देने होंगे।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रभावी क्रियान्विति के संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे।
प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के लिए सरकार करेगी 3500 करोड़ वहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर लोगों को 5 लाख रूपए तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा करवाने के लिए 30 हजार रूपए तक का प्रीमियम देना होता है, लेकिन प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार ने 3 हजार 500 करोड़ रूपए वहन कर मात्र 850 रूपए में यह सुविधा देने की कल्याणकारी पहल की है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं सामाजिक आर्थिक जनगणना-2011 के दायरे में आने करीब 1 करोड़ 10 लाख परिवारों के साथ-साथ 13 लाख लघु एवं सीमांत किसान तथा 4 लाख से अधिक संविदाकर्मियों के परिवारों को यह स्वास्थ्य बीमा सरकार बिना किसी प्रीमियम के उपलब्ध करवायेगी। अन्य परिवार मात्र 850 रूपए में बीमा का लाभ ले सकेंगे।
हर व्यक्ति की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मिशन भावना से जुटें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के हर व्यक्ति की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस योजना में पंजीयन का काम मिशन भावना के साथ किया जाए। इसके लिए शहरों में वार्ड स्तर पर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाकर लोगों को योजना से जोड़ा जाए। पंच-सरपंच, पार्षद, विधायक, सांसद सहित सभी जनप्रतिनिधि तथा बीएलओ, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम सहित ग्राम स्तर तक के सभी कार्मिक लोगों को इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। कोई भी व्यक्ति सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि योजना में 1 अप्रेल से 30 अप्रेल तक पंजीयन किया जा रहा है। जो परिवार 30 अप्रेल तक पंजीयन से वंचित रह जायेगा तो फिर उसे योजना से जुड़ने के लिए 3 माह का इंतजार करना पडे़गा।
जन-जन तक हो योजना का प्रचार
श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि इस महत्वाकांक्षी योजना का जन-जन तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, स्वास्थ्य मित्र, स्वयंसेवी संस्थाएं ,सोशल एक्टिविस्ट, प्रबुद्धजन एवं युवा लोगों को इस योजना के लाभ से अवगत कराकर अधिक से अधिक पंजीयन कराने में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं। पंचायत एवं वार्ड वार आयोजित होने वाले विशेष शिविरों का स्थानीय स्तर पर सघन प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग शिविरों में पहुंचे।
ई-मित्र संचालक निभाएं सकारात्मक भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-मित्र संचालक इस योजना की अहम कड़ी हैं। वे अधिक से अधिक पंजीयन करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जनाधार कार्ड बनाकर अधिक से अधिक पंजीकरण करने के लिए ई-मित्र संचालकों को प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनाधार कार्ड धारक लाभार्थी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट health.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस योजना में कोविड सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के 1576 पैकेज शामिल हैं। लाभार्थी सरकारी एवं योजना से संबद्ध निजी अस्पतालों में उपचार प्राप्त कर सकेंगे। इसमें अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पहले तथा डिस्चार्ज के 15 दिन बाद का चिकित्सा व्यय भी शामिल होगा।मुख्यमंत्री शनिवार को वार्ड स्तर तक करेंगे संवाद।
योजना को जन-जन तक पहुंचाने तथा इसमें सभी वर्गाें की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री शनिवार 10 अप्रेल को दोपहर 12.30 बजे वीडियो कान्फे्रंस के माध्यम से वार्ड एवं पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के साथ संवाद करेंगे। इसका विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर लाइव प्रसारण होगा। आमजन भी घर बैठे इसे देख सकेंगे।
बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन, आयुक्त सूचना एवं प्रौद्योगिकी श्री वीरेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की सीईओ अरूणा राजोरिया तथा संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कानाराम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
Add Comment