‘मेरी आवाज़ ही पहचान है’ सप्तक संगीत संध्या में गूंजे लता जी एवं बप्पी दा के नगमे:: सप्तक संवाद का विमोचन एवम सुरमयी श्रद्धांजली…
जयपुर । सप्तक सोसायटी ऑफ म्यूजिक आर्ट एन्ड कल्चर की ओर से जवाहर कला केन्द्र जयपुर के रंगायन सभागार में मेरी आवाज ही पहचान है’ संगीत संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर और संगीत सम्राट बप्पी लहरी को उन्हीं के गीतों से श्रद्धांजली दी गई। मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा के वाइस चांसलर, प्रो आर ए गुप्ता ने शिरकत की। सप्तक की ओर से आयोजित इस संगीत संध्या में राजेश गोस्वामी, डॉ रुचि गोस्वामी, ग्वालियर से डॉ मुकुल तैलंग, प्रबोध गोस्वामी, गौरव शर्मा, प्रियांक अग्रवाल, सुरेन्द्र विजयवर्गीय, डॉ रोहिन भाटिया, पायल बनर्जी, सूबे सिंह योगी, अरिना चेटर्जी, अनन्या, तिथि, दीपक अरोरा, प्रियंका शर्मा, निशा राव, वैदेही, अनामिका शर्मा, अंजु सुखीजा के साथ कोटा से महेन्द्र चौहान व प्रांगल चौहान ने कार्यक्रम में अपनी सुरीली प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में सभी कलाकारों ने 60 के दशक से लेकर आज के दौर के फिल्म संगीत के विभिन्न पड़ावों को अपनी आवाज के माध्यम से साकार किया। सुरीली संध्या का प्रभावी संचालन रीत एवं मनीषा शर्मा ने किया।
इस सुरीली संध्या में सभी कलाकारों ने अपनी भावपूर्ण गायकी के माध्यम से स्वर कोकिला लता जी एवं बप्पी दा को भावभीनी श्रद्धांजली दी। डॉ रुचि गोस्वामी ने शीर्षक गीत “मेरी आवाज़ ही पहचान है” सुनाकर परिपक्व गायकी से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। स्वर कोकिला लता जी एवम बप्पी दा के गीतों की कड़ी में सोलह बरस की, किसलिए मैंने प्यार किया, तुझे बुलाए ये मेरी बाहें, याद आ रहा है, दिल में हो तुम ने समां बांध दिया।
‘सप्तक- के मेंटोर सुरमणि भास्कर गोस्वामी ने बताया की सप्तक संस्था का मुख्य उद्देश्य संगीत की विभिन्न विधाओं में रूचि रखने वाली प्रतिभाओं को निखारना एवं उन्हें एक मंच प्रदान करना है। संस्था की अध्यक्ष डॉ रुचि राजेश गोस्वामी ने बताया कि इस अवसर पर का लता मंगेशकर जी को समर्पित पहला न्यूज़लैटर “सप्तक संवाद” भी रिलीज़ किया गया।
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