- Myanmar Civil War Military Junta Rule Loses Key Base To Rebel Forces
म्यामांर में सैन्य जुंटा को भारी झटका, भारत और चीन के बाद थाईलैंड सीमा पर विद्रोहियों ने किया कब्जा, आगे क्या?
जुंटा कहे जाने वाले म्यांमार के सैन्य शासक लगातार भीषण प्रतिरोध झेल रहे हैं। तीन समूहों का ब्रदरहुड एलायंस जुंटा पर हमलों का नेतृत्व कर रहा है। विद्रोहियों के हमलों के सामने जुंटा सेना बेबस दिख रही है और एक के बाद एक महत्वपूर्ण इलाकों पर नियंत्रण खो रही है।
नेपीडॉ: म्यांमार में जुंटा शासन को एक और झटका लगा है। विद्रोही बलों ने दावा किया है कि उसने थाईलैंड सीमा पर एक प्रमुख शहर के पास सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया है। बीते कई महीनों से विद्रोही समूहों के सामने हार का सामना कर रहे सत्तारूढ़ सैन्य शासन के लिए ये सबसे नया झटका है। म्यांमार के सबसे पुराने विद्रोही समूह करेन नेशनल यूनियन ने कहा कि उसकी सैन्य शाखा ने पिछले हफ्ते थिन गण न्यी नौंग में सैन्य अड्डे पर नियंत्रण कर लिया, जो थाई सीमा पर एक रणनीतिक व्यापारिक शहर म्यावाडी से थोड़ी दूरी पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, विद्रोही ताकतों के हाथों म्यावाड्डी का गिरना सैन्य शासन के लिए एक बड़ा नुकसान है। तीन साल पहले सत्ता में आया जुंटा बीते छह महीने से लगातार एक के बाद एक कस्बों और सैन्य चौकियों पर नियंत्रण खो रहा है। जुंटा को बीते दिनों में सबसे बड़ा नुकसान चीन, भारत और बांग्लादेश सीमा के निकट के क्षेत्रों में हुआ है, जहां उसने रणनीतिक तौर से अहमियत रखने वाले कई क्षेत्र विद्रोहियों के हाथों गंवा दिए है ।
जुंटा खो रहा है अपनी पकड़!
गान न्यी नौंग बेस पर हमला करने वाले करेन नेशनल यूनियन (केएनयू) का कहना है कि सैकड़ों सैन्य अधिकारियों ने आत्मसमर्पण कर दिया और उसने हथियार भी जब्त कर लिए हैं। अक्टूबर में विद्रोही ताकतों के गठबंधन ने कई मोर्चों पर सेना की चौकियों और सैन्य-नियंत्रित शहरों पर हमले किए। इसके बाद से विपक्षी समूहों द्वारा सशस्त्र हमले पूरे देश में फैल गए हैं, जिससे सत्ता पर सेना की पकड़ कमजोर हो गई है। 2021 में म्यांमार की सेना ने आंग सान सू की के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट कर उनको जेल में डाल दिया। सेना के खिलाफ तख्तापलट के कुछ दिन बाद ही व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद धीरे-धीरे विद्रोहियों ने सशस्त्र आंदोलन भी शुरू कर दिया।
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के एक वरिष्ठ सलाहकार थॉमस कीन का कहना है कि म्यावाडी रणनीतिक दृष्टिकोण से सेना के लिए एक महत्वपूर्ण है। म्यावाडी को खोने से व्यापार और थाईलैंड के साथ म्यांमार के रिश्ते प्रभावित होंगे, जिसके साथ म्यांमार 2,000 किमी लंबी सीमा साझा करता है। कीन ने कहा कि जुंटा ने हजारों सैनिकों को खो दिया है। इससे सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग की स्थिति भी कमजोर हो गई है। सैन्य नेतृत्व और सैन्य-समर्थक हलकों के अंदर भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
म्यांमार में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज ने हाल ही में कहा था कि पिछले पांच महीनों में नागरिकों के खिलाफ सैन्य हमले पांच गुना बढ़ गए हैं। अब तक करीब 27 लाख लोग विस्थापित हुए हैं और इस साल 10 लाख से अधिक लोगों के विस्थापित होने का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि सेना सड़कों पर युवाओं को उठा रही है। ये लोगों को देश से भागने या विपक्षी ताकतों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है।
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