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राजस्थान चुनाव : नई सरकार चुनने में ग्रामीणों की भागीदारी ज्यादा, जयपुर में शहरी मतदाताओं से 6 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई

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राजस्थान चुनाव : नई सरकार चुनने में ग्रामीणों की भागीदारी ज्यादा, जयपुर में शहरी मतदाताओं से 6 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई

राजस्थान विधानसभा चुनाव में जयपुर शहर की वोटिंग 2 फीसदी बढ़ी है, जबकि जयपुर ग्रामीण इलाके में मतदान .37 फीसदी कम हुआ है। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में जयपुर जिले के शहरी क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है। जयपुर के 19 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान का विवरण यहां दिया गया है

जयपुर : ऐसा माना जाता है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से ज्यादा जागरूक होते हैं। आप भी इस बात से सहमत हो सकते हैं लेकिन लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव मतदान में ग्रामीणों ने इसे गलत साबित कर दिया। मतदान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग हमेशा शहरी लोगों से आगे रहते हैं। नई सरकार चुनने में ग्रामीण लोग ज्यादा भागीदारी निभाते हैं। जयपुर जिले की बात करें तो इस बार भले ही जयपुर शहर की वोटिंग 2 फीसदी बढ़ी हो लेकिन जयपुर ग्रामीण के मतदाता इस बार भी शहरी मतदाताओं से 6 फीसदी आगे रहे। हालांकि जयपुर ग्रामीण इलाके में इस बार पिछले के चुनाव की तुलना में .37 फीसदी मतदान कम हुआ। इसके बावजूद भी वे जागरूक माने जाने वाले शहरी मतदाताओं से काफी आगे हैं।


जयपुर शहर का मतदान 2 फीसदी बढ़ा, ग्रामीण क्षेत्र में .37 फीसदी घटा

वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान जयपुर जिले के शहरी क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनाव के 2 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है। वर्ष 2018 में 70.50 फीसदी मतदान हुआ था जो कि इस बार 2 फीसदी बढ़कर 72.63 फीसदी रहा। जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 78.45 फीसदी मतदान हुआ जबकि इस बार 2023 के चुनाव में 78.08 फीसदी मतदान हुआ। भले ही ग्रामीण इलाके में .37 फीसदी मतदान घटा हो लेकिन फिर भी वे शहरी मतदाताओं से 6 फीसदी आगे हैं।

जयपुर की 19 विधानसभा सीटों पर हुए कुल मतदान पर एक नजर

कोटपूतली – वर्ष 2018 में 76.70 फीसदी, वर्ष 2023 में 76.70 फीसदी
विराट नगर – वर्ष 2018 में 73.87 फीसदी, वर्ष 2023 में 75.74 फीसदी
शाहपुरा – वर्ष 2018 में 83.22 फीसदी, वर्ष 2023 में 83.74 फीसदी
चौमू – वर्ष 2018 में 84.23 फीसदी, वर्ष 2023 में 83.61 फीसदी
फुलेरा – वर्ष 2018 में 75.54 फीसदी, वर्ष 2023 में 77.17 फीसदी
दूदू – वर्ष 2018 में 77.08 फीसदी, वर्ष 2023 में 79.30 फीसदी
झोटवाड़ा – वर्ष 2018 में 72.30 फीसदी, वर्ष 2023 में 71.01 फीसदी
आमेर – वर्ष 2018 में 80.18 फीसदी, वर्ष 2023 में 77.59 फीसदी
जमवारामगढ़ – वर्ष 2018 में 78.55 फीसदी, वर्ष 2023 में 77.18 फीसदी
हवामहल – वर्ष 2018 में 69.32 फीसदी, वर्ष 2023 में 76.02 फीसदी
विद्याधर नगर – वर्ष 2018 में 70.21 फीसदी, वर्ष 2023 में 72.58 फीसदी


सिविल लाइंस – वर्ष 2018 में 69.32 फीसदी, वर्ष 2023 में 69.96 फीसदी
किशनपोल – वर्ष 2018 में 71.90 फीसदी, वर्ष 2023 में 76.87 फीसदी
आदर्श नगर – वर्ष 2018 में 72.00 फीसदी, वर्ष 2023 में 72.98 फीसदी
मालवीय नगर – वर्ष 2018 में 68.33 फीसदी, वर्ष 2023 में 69.46 फीसदी
सांगानेर – वर्ष 2018 में 69.18 फीसदी, वर्ष 2023 में 70.42 फीसदी
बगरू – वर्ष 2018 में 72.74 फीसदी, वर्ष 2023 में 72.73 फीसदी
बस्सी – वर्ष 2018 में 80.75 फीसदी, वर्ष 2023 में 78.98 फीसदी
चाकसू – वर्ष 2018 में 77.42 फीसदी, वर्ष 2023 में 76.29 फीसदी

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