राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में संविधान पार्क का लोकार्पण
युवाओं में लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत करेंगे संविधान पार्क – राज्यपाल
जयपुर, 29 जुलाई। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि संविधान पार्क विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली युवा पीढ़ी में लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत करने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि इससे युवा राष्ट्र बोध से जुड़़ कर देशहित में अपने कर्तव्यों के निर्वहन को प्रेरित होंगे।
राज्यपाल श्री मिश्र शुक्रवार को राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में नवनिर्मित संविधान पार्क के लोकार्पण के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां पारम्परिक पशुचिकित्सा पद्धति एवं वैकल्पिक औषधि विज्ञान केन्द्र का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क धीरे-धीरे आकार ले रहे हैं, यह प्रसन्नता की बात है।
राज्यपाल ने कहा कि इसके पीछे मूल भावना यह है कि देश के भावी नागरिक इन पार्कों का भ्रमण कर संविधान की उदात्त संस्कृति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उनमें मौलिक कर्तव्यों, नीति निर्देशक तत्वों का समावेष हो और वे देश के प्रति जिम्मेदारी का अहसास करें। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को भी संविधान पार्क का भ्रमण करने के लिए प्रेरित किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि जन-जन की राय लेकर वृहद स्तर पर मंथन के बाद संविधान को अंतिम रूप दिया गया। इसमें सभी के समान रूप से विकास और कल्याण को सर्वाधिक प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि संविधान समानता और सामाजिक न्याय के उन सिद्धान्तों पर आधारित है जिसमें व्यक्ति-व्यक्ति में कोई भेद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के लिए बहुत से देशों के संविधान का अध्ययन किया गया परन्तु फिर भी हमारा संविधान अतीत की हमारी लोकतांत्रिक परम्पराओं और गौरवशाली इतिहास से जुड़ा हुआ है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि राज्य में पशुधन की संख्या तथा दुग्ध उत्पादन के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय नवाचार करे। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को उन्नत नस्ल के पशु उपलब्ध हों और उनका समुचित रख-रखाव करते हुए वे नवीन तकनीकों से दुग्ध उत्पादन करें। इसके साथ ही, उत्पादों के विपणन के लिए भी पशुपालकों को सक्षम बनाने पर कार्य करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही त्वरित पूरी किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पशु रोगों के उपचार के लिये औषधीय पौधों से निर्मित औषधियों के प्रयोग पर राजुवास में हुए शोध पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में “टेक्नोलॉजी ट्रान्सफर“ के तहत आज एक देशी औषधि निर्माता कम्पनी के साथ किया गया अनुबन्ध महत्वपूर्ण पहल है।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि पशुपालन के विकास के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री पशुधन निशुल्क दवा योजना, 102 मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों में दिए जा रहे दूध पर पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
कुलपति प्रो. सतीश कुमार गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय के सार्दुल सदन परिसर में मुख्य द्वार के पास निर्मित संविधान पार्क में संविधान स्तम्भ बनाया गया है जिस पर अशोक चिन्ह एवं तिरंगा लगा है। मार्बल के पत्थर पर राज्य के नीति निर्देशक तत्व, नागरिकों के मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्य को अंकित किया गया है। भारतीय संविधान की उद्देशिका पट्टी को मुख्य स्तम्भ पर दर्शाया गया है।
आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने उपस्थित जन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने संविधान पार्क का किया लोकार्पण
इससे पहले वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क एवं पारम्परिक पशुचिकित्सा पद्धतियां एवं वैकल्पिक औषधि विज्ञान केन्द्र का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के सार्दुल सदन परिसर में मुख्य द्वार के पास संविधान पार्क का लोकार्पण किया । इस संविधान पार्क में संविधान स्तम्भ बनाया गया है, जिस पर अशोक चिन्ह एवं तिरंगा लगा है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया,राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, राजुवास के कुलपति सतीश कुमार गर्ग, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, आई जी ओम प्रकाश,
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, जिला पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, डीन आर के सिंह, वित्त नियंत्रक प्रताप सिंह, पूर्व कुलपति राजुवास प्रो.ए के गहलोत, राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक डा.राजेश कुमार धुड़िया,निदेशक अनुसंधान हेमन्त दाधिच सहित राजुवास के अधिकारी उपस्थित थे।
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