राजस्थान में 2 हजार कर्मचारियों को हटाया गया:रिटायर्ड होने के बाद भी ठेके पर काम कर रहे थे, नगरीय विकास विभाग ने जारी किए आदेश
राजस्थान में सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, यूआईटी, विकास प्राधिकरण और स्वायत्त शासन निदेशालय में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे कर्मचारियों को हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन संस्थाओं में 2 हजार से ज्यादा रिटायर्ड कर्मचारी काम पर लगे थे। जिन्हें या तो कॉन्ट्रेक्ट पर रखा था या पे माइनस पेंशन पर। नगरीय विकास विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, प्रदेश की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद के अलावा यूआईटी, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, रूडसिको, आरयूआईडीपी, स्वायत्त शासन निदेशालय में 2 हजार के करीब रिटायर्ड कर्मचारी लगे हैं। इनमें से कई कर्मचारी तो ऐसे है जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा हो चुकी है। अब भी वे गार्ड की तनख्वा पर कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर डिपार्टमेंट में काम कर रहे हैं।
जेडीए में 200 कर्मचारी रिटायर्ड
जयपुर जेडीए में बाबू, पटवारी समेत अन्य पदों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी रिटायर्ड लगे हुए हैं। इन कर्मचारियों की संख्या 200 से ज्यादा है। इसी तरह हाउसिंग बोर्ड में 30 से ज्यादा कर्मचारी ऐसे है जो रिटायर्ड होकर वापस बोर्ड में पे माइनस पेंशन या एक निर्धारित वेतन पर काम कर रहे हैं।
सलाहकार और चीफ इंजीनियर जैसे महत्वपूर्ण पोस्ट पर रिटायर्ड कर्मचारी
जयपुर नगर निगम हेरिटेज में मेयर मुनेश गुर्जर के सलाहाकार के तौर पर नगर निगम के रिटायर्ड अधिकारी उम्मेद सिंह काम कर रहे हैं। इसी तरह नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के यहां भी ओएसडी रमाकांत अग्रवाल लम्बे समय से लगे हैं। स्मार्ट सिटी जयपुर में भी जेडीए के रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर बी.डी. शर्मा को लगा रखा है।
Add Comment