बीकानेर। राम रसायन जैसे बहुआयामी व समसामयिक विषय पर राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर में बी.आई.आर.सी. द्वारा 23 जनवरी, 2024 को परिचर्चा का आयोजन विडिओ कान्फ्रेस हाल में किया गया। । डँूगर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित के अनुसार उच्च षिक्षा में गुणवत्ता एवं संस्थाओं के विकास को गति प्रदान करने के लिये बी.आई.आर.सी. एक बेस्ट प्रेक्टिस है जिसमें वर्कषाप, सेमिनार, परिचर्चा व नवाचार के साथ लर्निंग बाइ डूइिंग पर ध्यान दिया जाता है आज इसी के तहत समसामयिक विषय पर वैज्ञानिक परिचर्चा का नवाचार किया गया। इस तरह के आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में वैचारिक स्पष्टता तथा दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । संयोजक डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से ग्रीन कैमिस्ट्री रिसर्च सेंटर सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों में ऐसे रसायनों व पदार्थों के निष्कर्षण एवं संश्लेषण पर बल दिसा जा रहा है। जो कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुकूल विषंरहित हो अथवा न्यूनतम अवगुणों वाले हो। वैसे तो रसायन दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षण में आवश्यक रूप से शामिल रहते हैं। फिर भी खाद्य सामग्री, औषधिया, ईंधन, निर्माण सामग्री, रंजक पदार्थ आकाशीय पदार्थ, वस्त्र जैसे पदार्थोंं में प्रदर्शित रसायन पंच तत्व पृथ्वी, जल, वायु, सूर्य एवं आकाश से संबंधित होने के कारण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाते है। हमारे संस्कृत सहित्य, वैदिक साहित्य सहित अनेक भाषाओं में इनका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष वर्णन मिलता है। आवश्यकता है इनके प्राचीन सन्दर्भो को आधुनिक विज्ञान के सिद्धान्त पर परखते हेतु पाश्चात्य जीवन शैली के वशीभूत जाने-अनजाने में शामिल हुए खतरनाक रसायनों एवं तकनीक को सुरक्षित एवं भारतीय रसायनों को ग्रीन कैमिकल के रूप में अपनाने की एवं की अवधारणा को अमलीजामा पहनाने की।
‘‘राम रसायन’’ केवल सामान्य केमिकल अवधारणा नहीं है वरन् एक पूरी ग्रीन कैमिकल तकनीक है जिसके माध्यम से विभिन्न विधाओं जैसे भौतिक, जैविक, गणित सहित सामाजिक विज्ञान व दर्शन शास्त्र के सिद्धान्तों का भी समावेश करते हुए प्रभावशाली, सुरक्षित एवं आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का प्रतिपादन है।
बीआईआरसी द्वारा आयोजित आज की परिचर्चा में 12 विषयों मृदा संरक्षण, खाद्य पदार्थों में मिलावट, वाटर प्यूरिफायर, आयुर्वेद में रसायन, धुम्रपान, नशा मुक्तिकरण, वायु शुद्धिकरण, नई शिक्षा नीति, सोलर ऊर्जा, स्पेस कैमिकल जैसे विषयों सहित अन्य विषयों पर भी शोधार्थियों शैलेजा, विनायक, सरिता, वर्तिका, सोनू, दिक्षा, वृतिका, सीमा, महंवीश ने कन्सेप्ट नोट बनाये । ग्रीन कैमिस्ट्री रिसर्च सेंटर प्रभारी डाॅ. हेमेन्द्र भंडारी ने इस प्रकार के नवाचार युक्त सेमिनार का आयोजन न केवल राजस्थान वरन् पूरे भारतवर्ष के लिए गौरावान्वित करने वाला बताया, निश्चित रूप से डूंगर महाविद्यालय, इस प्रकार के आयोजनों से देश के अग्रणी विचारक शिक्षण संस्थाओं में शामिल होगा। डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने बताया कि अगले एक वर्ष तक बीआईआरसी द्वारा प्रत्येक माह में एक परिचर्चा सेमिनार एवं रामायण तथा राम रसायन पर एक अन्तर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम करवाना प्रस्तावित किया गया है।
कार्यक्रम में डाॅ. इन्द्र सिंह राजपुरोहित डाॅ. उमा राठौड, डाॅ. राजा राम, डाॅ. एस.के. वर्मा, डाॅ. सत्यनारायण जाटोलिया, डाॅ. सुषमा जैन, डा. सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा, डाॅ. देवेश खडेलवाल, डाॅ. दिव्या जोशी, डा. एस के यादव, डाॅ. मधुसूदन एवं डाॅ. राजेन्द्र सिंह, डाॅ अभिलषा सोनेल व अन्य प्रोफेसर का सानिध्य रहा।
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