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रिलेशनशिप-तलाक के बाद पिता को दुश्मन मानने लगते हैं बच्चे:मां के साथ बढ़ती इमोशनल बॉन्डिंग, क्या है ‘ग्रे डिवोर्स’

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रिलेशनशिप-तलाक के बाद पिता को दुश्मन मानने लगते हैं बच्चे:मां के साथ बढ़ती इमोशनल बॉन्डिंग, क्या है ‘ग्रे डिवोर्स’

तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी के लिए लड़ते-झगड़ते मां-बाप की खबरें आती रहती हैं। ऐसे मामलों में कई बार फैमिली कोर्ट बच्चों से पूछती है कि उन्हें किसके साथ रहना पसंद है।

जर्मनी में हुई एक नई रिसर्च बताती है कि मां-बाप के अलग होने के बाद बच्चे अपने पिता से दूर जाते हैं। जबकि मां के साथ उनकी इमोशनल बॉन्डिंग मजबूत होती है।

रिसर्च में पाया गया कि तलाक के बाद सामान्यतः बच्चे मां को पीड़ित और पिता को इन सबके लिए जिम्मेदार मानने लगते हैं। बच्चों की उम्र अधिक हो तो वे कई बार अपने पिता से दुश्मनी भी पाल लेते हैं।

यह रिसर्च तलाक होने और रिश्ते टूटने के बाद अलग-अलग जेंडर पर इसके प्रभाव और प्रभावित लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए की गई थी।

तलाक के बाद मां के सबसे करीब होती हैं बेटियां

जर्मनी के ‘डेमोग्रैफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट’ ने लगभग 10 हजार शादीशुदा जोड़ों पर स्टडी के बाद यह रिपोर्ट पेश की है। इस रिसर्च में तलाक के बाद पति-पत्नी, बच्चों और बाकी रिश्तों पर इसके असर की पड़ताल की गई।

नतीजे में पाया गया कि तलाक के बाद मां और बेटी का रिश्ता सबसे ज्यादा मजबूत होता है। इस दौरान तलाकशुदा मां को सबसे ज्यादा इमोशनल सपोर्ट उसकी बेटी से ही मिलता है।

तलाक के बाद बेटे भी इमोशनली मां के करीब आचे हैं। लेकिन बेटियों के मुकाबले कम। बेटे और बेटी दोनों में अपने तलाकशुदा पिता को लेकर नाराजगी दिखती है। बेटियों में यह नाराजगी बेटों के मुकाबले अधिक पाई गई।

इस रिसर्च की मानें तो पेरेंट्स में अलगाव के बाद मां-बेटी का रिश्ता मजबूत हो सकता है तो वहीं पिता और बेटी के रिश्ते पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका होगी।

बड़ी उम्र में तलाक लेने से तमाम रिश्तों पर असर

यह रिसर्च मुख्य रूप से उन शादीशुदा जोड़ों पर की गई थी, जिनकी उम्र 50 साल या इससे अधिक थी। इनके बच्चे भी सोचने-समझने की उम्र में आ चुके थे।

रिसर्च में पाया गया कि शादी जितनी पुरानी हो, तलाक बाकी रिश्तों पर उतना ज्यादा नकारात्मक असर डालता है। ढलती उम्र का तलाक न सिर्फ पति-पत्नी बल्कि बच्चे, बाकी रिश्तेदार और समाज के साथ रिश्तों को भी बिगाड़ने की क्षमता रखता है।

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बड़ी उम्र के लोगों की सेहत, सामाजिक संबंध और जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलू पार्टनर की मौजूदगी से तय होते हैं’ शायद यही वजह है कि ढलती उम्र में तलाक, अकेलापन या पार्टनर की कमी ज्यादा नकारात्मक असर पैदा कर सकती है।

बच्चे अगर छोटे या कम उम्र के हों तो तलाक के बाद वे पेरेंट्स के बीच ज्यादा फर्क नहीं करते। लेकिन उनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती और समझ गहरी होती जाती है, उनमें तलाक के बाद किसी एक का पक्ष लेकर दूसरे के प्रति नकारात्मक विचार बढ़ने लगता है।

दुनिया भर में बढ़ रहा सिल्वर सेपरेशन, बिखर रहे रिश्ते

आम धारणा है कि 10-15 साल चलने के बाद शादियां नहीं टूटती और समय के साथ रिश्ता मजबूत होता जाता है। लेकिन हाल में कई ऐसे मामले सामने आए जो इस धारणा को झुठलाते हैं।

पिछले दिनों हॉलीवुड के इतिहास में सबसे ज्यादा बार एकेडमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई और तीन बार यह अवॉर्ड जीत चुकी मशहूर एक्ट्रेस मेरिल स्ट्रीप शादी के 5वें दशक में अपने पति डॉन गमर से अलग हो गईं।

दोनों 1978 में शादी के बंधन में बंधे थे। लंबे समय तक मेरिल और उनके पति हॉलीवुड की सबसे चार्मिंग जोड़ी माने जाते रहे। लेकिन शादी के 45 साल बाद 74 साल की मेरिल और 76 साल के गमर अलग हो गए। तलाक के वक्त उनके सबसे बड़े बेटे हेनरी गमर की उम्र 44 साल थी।

मिडलाइफ और मीनोपॉजल क्राइसिस सिल्वर सेपरपेशन की बड़ी वजहें

रिलेशनशिप एक्सपर्ट और इस बारे में हुई रिसर्च बढ़ती उम्र में होने वाले तलाक की कई वजहें गिनाती हैं। कई जानकारों की राय है कि कोविड के बाद ऐसे मामलों में तेजी आई है।

रिलेशनशिप कोच डॉ. अंजलि इसके पीछे 2 प्रमुख कारणों को जिम्मेदार बताती हैं। ये हैं- मिडलाइफ क्राइसिस और मीनोपॉजल क्राइसिस

दरअसल, मिडलाइफ उम्र का वो पड़ाव है, जहां जवानी पीछे छूट चुकी होती है। दिल-दिमाग और शरीर बड़े बदलाव से गुजर रहा होता है। 40 की उम्र के बाद शरीर अपना नैचुरल प्रोटीन खोने लगता है, कमजोरी की तरफ बढ़ने लगता है। नाउम्मीदी और अंत की तरफ कौन देखना चाहता है।

हर कोई खुशी, जवानी और उम्मीद की ओर ही देखना चाहता है। और यहीं से शुरू होती है मिडलाइफ क्राइसिस। रिसर्च कहती हैं कि मिडलाइफ क्राइसिस भी तलाक की बड़ी वजह बन रही है।

दूसरी ओर, महिलाओं की ओर से लिए जाने वाले तलाक में मीनोपॉजल क्राइसिस की बड़ी भूमिका होती है।

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