लाखों महिलाओं का डेटा चुराने वाले का SOG को चैलेंज:जमानत मिलते ही ट्वीट- CBI जांच का वेलकम, बिजनेसमैन बोला- पाकिस्तानी नंबरों से धमकाया
ऑनलाइन लेडीज अंडरगारमेंट बेचने वाली कंपनी जिवामी की वेबसाइट हैक कर 15 लाख हिंदू महिलाओं का पर्सनल डेटा चुराने का आरोपी लखनऊ के बिजनेसमैन को भी धमका चुका है। उस पर फर्जी NGO के जरिए क्राउडफंडिंग के भी आरोप हैं।
डेटा लीक और ब्लैकमेल केस में अरेस्ट होने के बाद उदयपुर के संजय सोनी को जमानत मिल गई है। जमानत पर छूटने के बाद से ही उसने एक बार फिर कई भ्रामक दावे करने शुरू कर दिए हैं।
जमानत मिलने को वह कोर्ट से रिहाई बता रहा है। महज तीन दिन में जमानत मिलने को SOG का चैलेंज तोड़ने जैसी धौंस दिखा रहा है। वहीं, इस केस में आरोपी का भाई उमेश सोनी CID और CBI जांच के दावे भी कर रहा है।
दोनों भाइयों उमेश सोनी और संजय सोनी के इन दावों की पड़ताल की साथ ही लखनऊ के पीड़ित बिजनेसमैन से बात की, जिसने दोनों पर ठगी के आरोप लगाए हैं। पढ़िए- पूरी रिपोर्ट
आरोपी के खिलाफ 5 राज्यों में मुकदमे
इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि दोनों भाइयों पर पहले से ही राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और यूपी में जान से मारने की धमकियां देने, ब्लैकमेल करने और ठगी के कई मामले चल रहे हैं। इनमें से लखनऊ के रहने वाले पीड़ित बिजनेसमैन ने हमसे आपबीती शेयर की…।
आरोपी के खिलाफ लखनऊ के एक थाने में दर्ज FIR का स्क्रीनशॉट।
नकली NGO दिखाकर की क्राउडफंडिंग
यूपी के लखनऊ शहर में रहने वाले कारोबारी आशीष जग्गी ने बताया कि ‘वो सरकारी शराब कॉन्ट्रेक्टर हैं। कोरोना काल में साल 2020 के आस-पास की बात है। उन दिनों वह समाजसेवा में लगे हुए थे और लोगों की मदद कर रहे थे। इसी के चलते ट्विटर के जरिए एक व्हाट्सएप ग्रुप में उनकी उदयपुर के रहने वाले संजय सोनी और उमेश सोनी से जान-पहचान हुई थी।
वे दोनों भाई एक NGO ‘अमृतको फाउंडेशन’ के जरिए लोगों की हेल्प करने का दावा करते थे। इसके लिए वे लोगों से क्राउडफंडिंग लेते थे। मैंने भी उन्हें फंडिंग दी थी। थोड़े दिनों बाद उनके चाल-चलन से कुछ फर्जीवाड़े का अंदेशा हुआ तो उनके NGO को लेकर पड़ताल की। पता चला कि उनका NGO रजिस्टर्ड ही नहीं था। इसकी शिकायत दोनों से की तो वे धमकाने लग गए।
पीड़ित ने हमें उस धमकी का स्क्रीनशॉट भेजा, जो संजय के खिलाफ कोर्ट में पेश की गई है।
केस दर्ज किया तो मिलने लगीं धमकियां
उनकी धमकियों से मैं डरा नहीं और सभी जगह उनकी सच्चाई लोगों को बताना शुरू कर दी। इस पर दोनों भाइयों ने कॉल करके और SMS करके मुझे जान से मारने और परिवार को बर्बाद करने की धमकियां दीं। इतना ही नहीं, मुझे कहा कि उन्होंने मेरे सभी कॉन्टेक्ट नंबर और मेरा पर्सनल डेटा हैक कर लिया है, इससे तुम्हे बर्बाद कर देंगे। वो दोनों यहीं नहीं रुके, पाकिस्तानी नंबरों से भी मुझे जान से मारने और उनके मामले में चुप हो जाने की धमकियां दिलाईं।
आशीष ने हमें बताया कि जब दोनों की धमकियां हद से ज्यादा बढ़ गईं तो उन्होंने 20 जून 2020 को लखनऊ में दोनों पर IPC 506 व आईटी एक्ट 66 के तहत FIR दर्ज करवा दी।
FIR की तो पाकिस्तानी नंबर्स से धमकाया
आशीष जग्गी ने हमने बताया कि FIR होने के बाद एक दिन उन्हें पाकिस्तानी नंबर से आए व्हाट्सएप मैसेज में लिखा था ‘क्यों भाई आशीष जग्गी, बड़ा सोशल वर्कर बनता है। काफिर जिन लोगों पे तूने FIR करवाई है, तू उनको जानता भी है कि कौन हैं वो? बड़े हजरत भाई के आदमी है वो। FIR वापस ले ले अभी के अभी। वर्ना गल्फ से लेकर कोलकाता तक सब जगह हमारे बंदे हैं। लखनऊ का है न तुम, हमको सब पता है तेरे बारे में। तेरा बंदोबस्त कर देंगे।
आशीष जग्गी ने हमें बताया कि इस मामले में कई बार कोर्ट से दोनों ही आरोपियों को पेश होने के लिए सम्मन जारी किए गए पर वे पेश नहीं हुए। इसके उलट उन्होंने इस मामले को कोर्ट से खारिज करवाने के प्रयास किए पर 2 बार उनकी अपील खारिज हो गई है। जल्द ही दोनों के खिलाफ कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी होने की उम्मीद है।
दिल्ली की महिला वकील ने भी लगाए आरोप, ट्वीट कर कहा मेरे नाम का किया इस्तेमाल
दिल्ली की रहने वाली एक महिला वकील शाशा जैन ने 5 जून 2023 को ट्वीट कर बताया, उन्हें पता चला है कि ट्विटर पर @Cyber_Huntss नाम के हैंडलर ने उन्हें अपना वकील बताते हुए कई लड़कियों को वॉइस मेसेज किए हैं। महिला वकील शाशा जैन ने बताया कि वह बिलकुल साफ कर देना चाहती हूं कि वह कभी भी उसकी वकील नहीं रही है। @Cyber_Huntss नाम के हैंडलर ने उन्हें जिवामी कंपनी के खिलाफ मुकदमा करने के लिए रुपए देने को कहा था, जिसे उन्होंने सिरे से ही नकार दिया था। इसके साथ ही महिला वकील शाशा ने @Cyber_Huntss द्वारा लड़कियों को भेजे गए मैसेज के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।
आरोपी संजय सोनी के उन दावों की पड़ताल की जो ट्विटर पर किए जा रहे हैं। जमानत मिलने के बाद सबसे पहले दो ट्वीट @AmirLadka नाम के ट्वीटर हैंडल से हुआ, जो कि संजय सोनी का सगा भाई उमेश सोनी बताया जाता है। फिर संजय सोनी ने भी ट्वीट किए….
पहला ट्वीट- दावा किया कि राजस्थान SOG का चैलेंज तोड़ा
6 जून 2023 को आरोपी संजय सोनी के भाई उमेश सोनी ने @AmirLadka नाम के ट्विटर हैंडल से पोस्ट की।
यह लिखा ट्वीट में :
एसओजी जयपुर ने मुझे चैलेंज दिया था कि अब तेरा भाई संजय सोनी अगले 3 महीने तक ही जेल से बाहर नहीं आ पाएगा, लेकिन उसे जेल से बाहर लाने में मेरे वकीलों को सिर्फ 3 दिन लगे। वकीलों का आभारी हूं। आरोप लगाना कुछ है और अदालत में साबित करना कुछ है। ट्वीट में दावा किया कि संजय सिर्फ एक व्हिसलब्लोअर है और जिवामी कंपनी गर्ल्स के डेटा की रक्षा नहीं कर सकी तो हैकर्स को पैसे देने लगी है।
दावे का असली सच : खराब आर्थिक स्थिति और जांच में सहयोग करने की गारंटी पर मिली बेल
SOG साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की CI पूनम चौधरी ने बताया कि आरोपी संजय सोनी पर बेहद गंभीर आरोप थे। कोर्ट में वकील द्वारा बताया गया कि वो जांच में पूरी तरह साथ देगा। वहीं वह मजदूरी करके अपना परिवार चलाता है और घर में कोई कमाने वाला नहीं है। जबकि हमने कोर्ट में उसके खिलाफ प्रॉपर एविडेंस और उसके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों की जानकारी पहले ही सबमिट कर दी थी। जमानत पेशी पर हमें सुना नहीं गया था और उसे जमानत मिल गई। ऐसे में वह मामले में रिहा या बरी नहीं हुआ है।
दुसरे ट्वीट में दावा : केस में CID की एंट्री
दिन 7 जून 2023 को उमेश सोनी ने @AmirLadka नाम के ट्विटर हैंडल से दूसरी पोस्ट की।
यह लिखा ट्वीट में :
CID भी तस्वीर में आ गई है, वहां इस पूरे केस की जांच चल रही है। ये मुझे CID वालों ने ही बताया है। जिवामी कंपनी ने संजय (@Cyber_Huntss) को फंसाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। संजय का फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिया है, जो कोर्ट से मिल जाएगा। ये लड़कियों की सुरक्षा की बात है, हम चीजों को साफ करने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन जिवामी को ये बताना चाहिए कि उन्होंने रुपए किसे दिए? मोहनीश कौल की क्या भूमिका है और संजय को व्हिसलब्लोअर होने के बावजूद क्यों फंसाया गया है?
वामपंथी और हमारे विरोधी हमें बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अपना शेर झुकेगा नहीं शाला। उन लोगों को धन्यवाद, जो साथ खड़े है और सपोर्ट कर रहे हैं।
तीसरे ट्वीट में दावा : केस की CBI ने पूछताछ कर ली है
8 जून 2023 को संजय सोनी ने @Cyber_Huntss नाम के ट्विटर हैंडल से तीसरी पोस्ट की।
यह लिखा ट्वीट में :
जय श्रीराम…मैं CBI का मेरे केस में जांच में शामिल होने के निर्णय का स्वागत करता हूं। मेरी कोर्ट से रिहाई के आदेश के बाद मेरे से CBI द्वारा पूछताछ की गई। आगे जो-जो गुनहगार हैं, अब उनका समय आ चुका है। जीत सच की होगी।
दूसरे और तीसरे दावे भी झूठे : CID और CBI नहीं कर रही इन्वेस्टिगेशन
मामले में CID और CBI इन्वेस्टिगेशन की बात पर CI पूनम चौधरी ने बताया कि ये बिल्कुल ही झूठ बात है। फिलहाल मामले की जांच SOG ही कर रही है। दोनों भाई खुद पर लगे इन गंभीर आरोपों से भी फेमस होने और सोशल मीडिया फॉलोवर्स बनाने का मौका बना रहे हैं। CBI और CID जांच आने की अलग प्रोसेस है। हां ये बात सही है कि हम कंपनी प्रतिनिधियों से भी इस मामले में पूछताछ व कई सवाल कर रहे हैं। अभी तो जांच चल ही रही है।
लाइव स्पेस में CBI इन्वेस्टिगेशन को लेकर कहा- कोर्ट में ही CBI टीम ने हमें किया इंटेरोगेट
इस पूरे मामले में हमें एक ट्विटर लाइव स्पेस का वीडियो मिला है, जिसमें संजय सोनी और उमेश सोनी दोनों ही ट्विटर पर अपने फॉलोअर्स से बात कर रहे हैं। इसी लाइव स्पेस में स्वीट भारती नाम की एक यूजर ने उनके द्वारा किए गए सभी इन्वेस्टिगेशन को लेकर पूछा कि क्या वो दोनों CBI इन्वेस्टिगेशन के लिए मांग कर रहे हैं या उनके केस में पहले से ही CBI इन्वेस्टिगेशन शुरू हो गई है।
साभार ट्विटर : यह संजय सोनी की पुरानी तस्वीर है…।
इस पर @AmirLadka नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले उमेश सोनी ने जवाब दिया कि 6 जून को जब संजय की कोर्ट से रिहाई हुई तो वहां दो लोग आए और उन्होंने खुद को CBI अधिकारी बताते हुए उनसे केस को लेकर इंटेरोगेट किया। इसके बाद उन दोनों ने संजय से भी वहीं इंटेरोगेट किया। ऐसे में ज्यादा तो मुझे मालुम नहीं है पर हां टेक्निकली ये कह सकते है कि CBI में भी इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट हो गई है। हालांकि SOG अधिकारियों ने इन दावों को झूठा करार दिया है।
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