लोकसभा चुनाव की घोषणा से 12 दिन पहले बालाकोट स्ट्राइक:सर्वे में NDA को 245 सीटें मिल रही थीं, बालाकोट के बाद 108 बढ़ गईं
26 फरवरी 2019 को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में 1971 की जंग के बाद पहली बार हवाई हमला किया था।
27 फरवरी 2019, शाम चार बजे का वक्त। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में अमेरिकी ऐंबैसी में मीटिंग चल रही थी। शाम 5 बजकर 45 मिनट पर मीटिंग में एक नोट पहुंचा। नोट पढ़कर पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ खामोश हो गईं। थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- हमारी आर्मी ने नोट भेजा है कि भारत ने पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तान रखी हैं। अगर उनके एयरफोर्स के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा नहीं किया, तो वह हमला कर देगा।
उस वक्त पाकिस्तान में भारत के हाईकमिश्नर रहे अजय बिसारिया अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटविन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में लिखते हैं, ‘अमेरिकी ऐंबैसी में हुई मीटिंग के बाद रात में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने ऑफिस में एक मीटिंग बुलाई। एसी चल रहा था फिर भी कुरैशी के माथे पर पसीना था। उनके हाथ-पैर कांप रहे थे।
थोड़ी देर बाद पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा पहुंचे। उन्हें देखते ही महमूद कुरैशी ने कहा- ‘खुदा के लिए अभिनंदन को लौटा दीजिए, नहीं तो इंडिया हमला कर देगा।’
28 फरवरी, शाम करीब चार बजे का वक्त। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी संसद में ऐलान किया- ‘हम कल भारत के पायलट अभिनंदन को रिहा करेंगे।’
1 मार्च रात 9: 20 बजे, अभिनंदन भारत लौट आए। वे कुल 58 घंटे तक पाकिस्तान की गिरफ्त में रहे। 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनावों की घोषणा हुई। तब तक देश में जगह-जगह पॉलिटिकल पोस्टर लग चुके थे- ‘घर में घुसकर मारा है।’
8 अप्रैल 2019 को PM मोदी ने महाराष्ट्र की एक रैली में भीड़ से पूछा- ‘आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम हो सकता है क्या?’ 23 मई 2019 को रिकॉर्ड 303 सीटों के साथ नरेंद्र मोदी का दोबारा PM बनने का रास्ता साफ हो गया।
एक्सपर्ट्स का दावा है कि ये रिकॉर्ड जीत प्रधानमंत्री मोदी के उस फैसले का नतीजा थी, जो उन्होंने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए लिया था। फैसला था पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने का।
आज फैसला सीरीज के चौथे एपिसोड में बालाकोट एयरस्ट्राइक की इनसाइड स्टोरी…
BJP ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से यह पोस्टर 23 अप्रैल 2019 को शेयर किया था।
तारीख 14 फरवरी 2019, शाम करीब तीन बजे का वक्त। CRPF का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था। इस काफिले की 78 बसों में करीब 2500 जवान थे।
पुलवामा के पास कनेक्टिंग रूट से एक मारुति कार काफिले में शामिल हो गई। कुछ दूर तक साथ चलने के बाद कार ने CRPF की एक बस को टक्कर मार दी। जोरदार धमाका हुआ, दो बसों के परखच्चे उड़ गए। चारों तरफ जवानों की लाशें बिखर गईं। 40 जवान शहीद हुए। यह पिछले 30 सालों में जम्मू-कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के अवंतीपुरा इलाके में CRPF के काफिले पर हमला हुआ था। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
जिस वक्त ये हमला हुआ, PM मोदी उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टेलीविजन प्रेजेंटर और सर्वाइवलिस्ट बेयर ग्रिल्स के साथ शूटिंग कर रहे थे। उन तक हमले की खबर पहुंची, लेकिन कहा जाता है कि कनेक्टिविटी ठीक नहीं होने की वजह से देर शाम ही उन्हें प्रॉपर ब्रीफिंग मिल सकी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बेयर ग्रिल्स के साथ Man Vs Wild की शूटिंग की थी। इसे 12 अगस्त 2019 को रिलीज किया गया था।
पुलवामा हमले के चार घंटे बाद ही वायुसेना ने कहा- ‘हां हम तैयार हैं’
पुलवामा हमले के दिन शाम सात बजे के करीब पश्चिमी भारत के एक एयरफोर्स स्टेशन पर फोन की घंटी बजी। एक तरफ पश्चिमी एयर कमांड के प्रमुख एयर मार्शल हरि कुमार थे और दूसरी तरफ तब के वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ। वायुसेना प्रमुख ने पूछा- क्या आप तैयार हैं? एयर मार्शल हरि कुमार ने जवाब दिया- ‘हां, हम तैयार हैं।’ एक इंटरव्यू में एयर मार्शल हरि कुमार ने इस किस्से का जिक्र किया था।
इसी दिन भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को पाकिस्तान में अटैक के लिए जगह चुनने को कहा गया। अगले दिन, यानी 15 फरवरी को, वायुसेना प्रमुख वेस्टर्न एयर कमांड हेडक्वार्टर पहुंचे। तीनों सेना प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री की मीटिंग हुई। तीनों सेना प्रमुखों ने पुलवामा हमले की जवाबी कार्रवाई का प्लान PM के सामने पेश किया।
आर्मी 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी थी। पाकिस्तान ऐसे किसी जमीनी हमले को लेकर अलर्ट था। नौसेना ने समुद्र के रास्ते कराची पर हमला करने का विकल्प दिया, लेकिन पाकिस्तान को इसका अंदेशा था। इसलिए ये दोनों प्लान ड्रॉप कर दिए गए।
अब तीसरा ऑप्शन था एयरस्ट्राइक का। तीनों सेनाएं इस विकल्प पर तैयार थीं, लेकिन बात जरा भी बिगड़ती, तो दोनों देशों के बीच परमाणु जंग हो सकती थी।
अब फैसला PM मोदी को लेना था। उन्होंने कुछ देर सोचा और फिर एयरस्ट्राइक के लिए हामी भर दी। 1971 के बाद यह पहली बार था, जब भारतीय वायुसेना पाकिस्तान में घुसकर हवाई हमला करने जा रही थी।
PM मोदी तीनों सेना प्रमुख के साथ चर्चा करते हुए।
एयरफोर्स ने अटैक के लिए तीन जगह चुनीं, बालाकोट पर सहमति बनी
अब बारी थी हमले के लिए पाकिस्तान में जगह तलाश करने की। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के तीन ठिकाने बताए और उसके मैप PM के सामने पेश किए। पहला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में, दूसरा सवाल कैनाल में और तीसरा बालाकोट में।
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का बहुत बड़ा कैंप था, लेकिन वहां अस्पताल और स्कूल भी थे। स्ट्राइक करने पर आम लोगों के मारे जाने की आशंका थी। इस वजह से बहावलपुर में स्ट्राइक नहीं की गई।
कैनाल जैश-ए-मोहम्मद का सबसे सुरक्षित ठिकाना है। यहां स्ट्राइक करना जोखिमभरा हो सकता था। इसलिए इस पर भी सहमति नहीं बनी।
कुनहर नदी के तट पर बसा बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनशेरा जिले में है। यह LoC से करीब 50 किलोमीटर दूर और इस्लामाबाद से 160 किलोमीटर है। वहां जैश-ए-मोहम्मद (जिसने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी) के चीफ मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर रहता था।
करीब 6 एकड़ में फैला यह कैंप 2005 में बना था। यहां तालीम-उल-कुरान नाम के मदरसे की आड़ में आतंकी गतिविधियां चलती थीं।
भारतीय एजेंसियों ने जब इससे जुड़े रिकॉर्ड्स खंगाले, तो उन्हें कुछ तस्वीरें मिलीं। मेन बिल्डिंग U शेप्ड थी। किस कमरे में कितने आतंकी हैं, इसकी भी जानकारी मिल गई। इस कैंप में कुल 300 आतंकियों के होने की खबर थी।
अगले दिन, यानी 16 फरवरी को, प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह 9 बजे कैबिनेट कमेटी की बैठक की। 18 फरवरी को NSA अजित डोभाल ने एक बैठक बुलाई। इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और रॉ चीफ थे। इस मीटिंग में एयरस्ट्राइक का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया। नाम दिया गया ‘ऑपरेशन बंदर’ ताकि इसके नाम से कोई मतलब समझ नहीं सके।
ऑपरेशन बंदर को लेकर PM मोदी से चर्चा करते तीनों सेनाओं के प्रमुख और NSA अजित डोभाल।
एयरफोर्स ने उस अधिकारी की फेयरवेल पार्टी रखी, जो मिशन को लीड कर रहे थे
20 से 22 फरवरी के बीच वायुसेना और इंटेलिजेंस अधिकारियों के बीच बैठकें हुईं। 22 फरवरी को ही सेंट्रल एयर कमांड और उसकी सेवन्थ स्क्वाड्रन (एयरफोर्स की खास यूनिट जो जंगी साजो-सामान की डिलीवरी करती है) को एक स्ट्राइक मिशन के लिए तैयार रहने को कहा गया। हालांकि, स्ट्राइक कब और कहां करनी है, इसकी जानकारी नहीं दी गई।
ऑपरेशन की गोपनियता को बनाए रखने के लिए सभी अपने रूटीन कामों में लगे रहे। इसी कड़ी में 25 फरवरी की सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया। मोदी के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख भी वहां मौजूद थे। उसी शाम एयर मार्शल हरि कुमार की फेयरवेल पार्टी हुई, जिसमें वायुसेना प्रमुख भी शामिल हुए। खास बात यह है कि एयर मार्शल हरि कुमार ही ऑपरेशन बंदर को लीड कर रहे थे।
एक इंटरव्यू में एयर मार्शल हरि कुमार बताते हैं, ‘फेयरवेल की रात वायुसेना प्रमुख मुझे एक लॉन में ले गए। वहां उन्होंने मुझसे कहा कि जब मिशन पूरा हो जाए, तो मुझे फोन करना और कहना- ‘बंदर’। मैं समझ जाऊंगा कि हमारे ऑफिसर सुरक्षित लौट आए हैं।’
39 साल की सर्विस के बाद एयर मार्शल हरि कुमार 28 फरवरी 2019 को रिटायर हुए। यह तस्वीर एयरफोर्स में उनके रिटायरमेंट के दिन की है।
ऑपरेशन के लिए 26 फरवरी का दिन चुनना भी खास प्लानिंग का हिस्सा था
20 फरवरी से 24 फरवरी तक बेंगलुरु में एयर शो होने वाला था। इसमें दुनियाभर के डेलीगेट्स आने वाले थे। भारत नहीं चाहता था कि इस दौरान कोई स्ट्राइक हो। भारत के पास खुफिया जानकारी भी थी कि 25 फरवरी को बालाकोट कैंप में नए आतंकी आने वाले हैं। इस वजह से एयरस्ट्राइक के लिए 26 फरवरी की तारीख तय हुई।
प्रधानमंत्री पूरी रात जागते रहे, एनएसए डोभाल उन्हें अपडेट दे रहे थे
तारीख 25-26 फरवरी 2019, रात करीब एक बजे का वक्त। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 12 दिन पहले की बात है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस पर अचानक हलचल बढ़ी। अफसर चौकन्ने हो गए। उन्हें लगा कि कोई बड़ा मिशन लॉन्च होने वाला है। तभी खबर आई कि इंस्पेक्शन ऑर्डर है। फौरन इंस्पेक्शन शुरू भी हो गया। ये इंस्पेक्शन सीक्रेसी का हिस्सा था।
रात 1:15 पर एक के बाद एक 20 मिराज-2000 विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी। ये विमान एक हजार किलो के इजराइली लेजर गाइडेड बम से लैस थे। इन विमानों ने बरेली के आसमान में दोबारा फ्यूल भरा, ताकि देर तक ऑपरेशन चला तो फ्यूल कम न पड़े।
इसके बाद ये विमान जम्मू-कश्मीर की तरफ मुड़ गए और करीब एक घंटे तक भारत की सीमा के भीतर हवा में उड़ते रहे। इन विमानों की ऊंचाई करीब 30 हजार फीट थी। इसी बीच पता चला कि पाकिस्तान के दो F-16 विमान हवा में उड़ रहे हैं।
मिराज-2000 फ्रांसीसी लडाकू विमान है। इसकी लंबाई 47 फीट और वजन 7500 किलो है। इस विमान ने मिग-21 के साथ मिलकर करगिल में भारत को जीत दिलाई थी।
एयर मार्शल हरि कुमार ने फौरन अंबाला एयरबेस से पाकिस्तान के बहावलपुर को निशाना बनाकर दो सुखोई और चार जैगुआर उड़ाने का आदेश दिया। थोड़ी देर बाद F-16 बहावलपुर की तरफ तेजी से मुड़ गए। यह पाकिस्तान को अपने जाल में फंसाने की चाल थी।
ठीक उसी समय, यानी तड़के 3 बजकर 43 मिनट पर, 12 मिराज इंटरनेशल बॉर्डर को क्रॉस करते हुए पाकिस्तान में घुस गए। दूसरी तरफ बैकअप के लिए आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को तैयार रखा गया था। चार सुखोई भारत-पाक बॉर्डर पर उड़ रहे थे। अगर पाकिस्तान जवाबी हमला करता, तो ये उसका जवाब देते।
बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी तीनों ही जगहों पर जैश के ठिकाने थे। इन तीनों जगहों पर बम गिराकर भारतीय वायुसेना सुरक्षित लौट आई। इसके बाद NSA डोभाल ने प्रधानमंत्री को मिशन पूरा होने की जानकारी दी।
बालाकोट से मुजफ्फराबाद के बीच 40 किलोमीटर की दूरी है और मुजफ्फराबाद से चकोटी के बीच 57 किलोमीटर की दूरी है।
2019 में एक टीवी इंटरव्यू में PM ने बताया- ‘मुझे पता था कि एयर स्ट्राइक होने वाली है। एक बजे होने वाली है, डेढ़ बजे होने वाली है, दो बजे होने वाली है। मैं उसमें इन्वॉल्व था। ऑपरेशन पूरा होने के बाद मैं सोना चाहता था, लेकिन मैं यह भी जानना चाहता था कि इस पर दुनिया कैसे रिएक्ट कर रही है। इसलिए मैं सुबह तक इंटरनेट पर सर्च करता रहा।’
पाकिस्तान को लगा भारत सर्जिकल स्ट्राइक करेगा, हमने चकमा दिया- PM मोदी
बालाकोट स्ट्राइक के बाद PM ने एक इंटरव्यू में बताया- ‘हम तीन-चार दिन से मीडिया में पाकिस्तान के बहावलपुर का जिक्र कर रहे थे। पाकिस्तान वाले वहां गए भी और मीडिया में दिखाया कि देखो कितनी शांत जगह है। यहां बच्चे पढ़ते हैं। उसके बाद भी हम बार-बार कहते रहे कि सारी गड़बड़ियां वहीं से होती हैं। उस वक्त हमने समुद्र में भी बहुत मूवमेंट की। पाकिस्तान को लगा कि कराची में हमला होगा। कई दिन कराची में ब्लैकआउट भी था। यानी पाकिस्तान कंफ्यूज था।’
एक इंटरव्यू में PM ने बताया था कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के दिन वे पूरी रात सोए नहीं।
भारत एयरस्ट्राइक का जश्न मना रहा था, विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने पकड़ लिया
27 फरवरी, सुबह 10 बजे का वक्त। पाकिस्तानी एयरफोर्स के दस F-16 विमान LOC के करीब भारतीय सीमा में घुस आए। भारतीय वायुसेना ने फौरन जवाब दिया। जिसके चलते पाकिस्तानी एयरफोर्स के नौ F-16 लौट गए, लेकिन एक विमान भारतीय सीमा में काफी नीचे तक उड़ता रहा। उसकी नजर भारत के ऑयल डिपो, सेना के गोला-बारूद के एक पॉइंट और आर्मी ब्रिगेड के हेडक्वार्टर पर थी।
भारत के सुखोई SU-30 और मिग-21 ने पाकिस्तानी विमान को अपने जाल में फंसा लिया। विंग कमांडर अभिनंदन मिग-21 उड़ा रहे थे। 10:08 बजे उन्होंने मिसाइल दागी, जो F-16 विमान पर जाकर लगी। ठीक उसी वक्त दूसरे पाकिस्तानी विमान ने मिग-21 पर मिसाइल दाग दी। मिग-21 क्रैश हो गया।
अभिनंदन ने पैराशूट से कूदकर अपनी जान तो बचा ली, लेकिन वे पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए। उन्होंने सीक्रेट डॉक्यूमेंट नष्ट किए, कुछ कागज मुंह में भी चबा लिए। कुछ ही पलों में पाकिस्तान के लोगों ने अभिनंदन को घेर लिया। कुछ देर बाद पाकिस्तान आर्मी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान आर्मी की गिरफ्त में विंग कमांडर अभिनंदन। उनके चेहरे पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे। पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर ये तस्वीर जारी की थी।
उस समय पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहे अजय बिसारिया के मुताबिक जब ये घटनाक्रम हुआ वे दिल्ली में थे। अभिनंदन को लेकर दोनों देशों के बीच राजदूतों के माध्यम से ही बात हो रही थी। उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूत के जरिए पाकिस्तान को संदेश भिजवाया कि भारत झुकने के मूड में नहीं है। अभिनंदन को जल्द रिहा नहीं किया, बात युद्ध तक पहुंच सकती है।
पाकिस्तान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन भारत की सख्ती के आगे वो ऐसा नहीं कर सका। आखिरकार 1 मार्च 2019 को उसे अभिनंदन को रिहा करना पड़ा।
अमित शाह का दावा 250 आतंकी मारे, पाकिस्तान बोला- खाली पहाड़ियों पर बम बरसाकर चले गए
इस स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए इसको लेकर भारत की तरफ से कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया। BJP के कई नेताओं ने 200-300 आतंकियों के मारे जाने की बात कही। तब BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अमित शाह ने एक रैली में कहा था कि 250 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी NTRO ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस वक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने के पास 200 मोबाइल एक्टिव थे। वहां आतंकियों की मौजूदगी के सबूत पाए गए। NTRO भारत सरकार की तकनीकी खुफिया एजेंसी है। इसकी स्थापना 2004 में हुई थी।
हालांकि, पाक सेना की तरफ से मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि भारत ने खाली पहाड़ियों पर बम गिराए हैं। बस कुछ पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, पाकिस्तान ने 43 दिनों तक उस जगह पर किसी मीडिया को जाने की इजाजत नहीं दी थी।
विपक्ष बोला- एयरस्ट्राइक की तो उसके सबूत भी दे सरकार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- ‘देश को यह जानने का हक है कि बालाकोट में हवाई हमले के बाद वाकई क्या हुआ, क्योंकि कई विदेशी मीडिया ने खबर दी है कि हवाई हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘यह तकनीक का युग है। खुले में तो सैटेलाइट के माध्यम से सारी तस्वीरें सामने आ जाती हैं। जिस तरह के प्रमाण अमेरिका की सरकार ने लादेन के बारे में पूरे विश्व को दिए थे, उसी तरह के प्रमाण हमें भी देने चाहिए।’
विपक्ष का आरोप- सरकार ने चुनाव के लिए सेना का इस्तेमाल किया
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने चुनाव आयोग से PM मोदी और BJP के नेताओं के भाषणों में सेना के इस्तेमाल को लेकर शिकायत की थी। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि ये लोग वोट के लिए चुनाव में सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, PM मोदी को चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिल गई।
एक इंटरव्यू में मोदी से भी इसको लेकर सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा- ‘मैं चुनाव के लिए सरकार नहीं चलाता। ना ही दल के लिए चलाता हूं। सरकार मैं सिर्फ देश के लिए चलाता हूं। भारत में कुछ भी करो किसी न किसी कोने में चुनाव होता ही है।’
हालांकि, PM मोदी 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी बालाकोट स्ट्राइक का जिक्र कर रहे हैं। गुरुवार, 4 अप्रैल को बिहार के जमुई में PM ने कहा- ‘आज आपके एक वोट की वजह से भारत घर में घुसकर मारता है।’
बालाकोट एयर स्ट्राइक का सीधा मकसद चुनाव जीतना था : अभय दुबे, पॉलिटिकल एनालिस्ट
पॉलिटिकल एनालिस्ट अभय दुबे बताते हैं, ‘बालाकोट एयर स्ट्राइक का सीधा मकसद था चुनाव जीतना, भले ही उसकी घोषणा नहीं की गई। चुनाव में BJP ने इसे भुनाया भी। उस दौरान मैं जहां-जहां गया, हर जगह बैनर और होर्डिंग लगे थे कि हमने घर में घुस के मारा है। उस चुनाव में BJP को सबसे ज्यादा किसी चीज से फायदा हुआ, तो वह उस स्ट्राइक की वजह से हुआ।’
मैं नहीं मानता कि चुनाव के लिए एयरस्ट्राइक का फैसला लिया गया : सुशांत सरीन, डिफेंस एक्सपर्ट
‘’भारत में तो हर तीन महीने में कहीं ना कहीं चुनाव होते ही हैं। क्या हम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर फैसला नहीं लेंगे। क्या सरकार उस दौरान हाथ पर हाथ धर कर बैठी रहेगी। मैं नहीं मानता कि चुनाव को देखते हुए एयरस्ट्राइक का फैसला लिया गया था।’’
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद 77% लोगों ने मोदी के लिए वोट किया- CSDS सर्वे
बालाकोट एयरस्ट्राइक के पहले जनवरी में जारी ज्यादातर सर्वे में बताया गया कि BJP को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलेगा। कुछ सर्वे ने BJP को 220 सीटें दी थीं। हालांकि, नतीजों ने इन सर्वे के दावों को झुठला दिया। BJP को 303 और NDA को 353 सीटें मिलीं।
CSDS लोकनीति के सर्वे के मुताबिक बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए 77% वोटर्स की पहली पसंद नरेंद्र मोदी थे। सिर्फ 8% लोगों ने राहुल गांधी को पंसद किया। BJP के लिए वोट करने वालों में से 32% यानी हर तीसरे वोटर का कहना था कि मोदी की वजह से ही भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की है। अगर BJP मोदी की जगह किसी और को आगे करती तो वे उसे वोट नहीं करते।
अब सवाल है कि भारत को बालाकोट एयरस्ट्राइक से हासिल क्या हुआ…
- भारत ने पाकिस्तान को मैसेज दिया- हम परमाणु जंग की धमकी से नहीं डरेंगे : सुशांत सरीन, डिफेंस एक्सपर्ट
डिफेंस एक्सपर्ट सुशांत सरीन बताते हैं, ‘भारत ने पाकिस्तान को क्लियर मैसेज दिया कि आपकी तरफ से कोई हिमाकत होगी, तो हम जवाब देंगे। इससे पाकिस्तान का मनोबल टूट गया। पहले वह बात-बात पर न्यूक्लियर अटैक की धमकी देता था, जो अब पीछे छूट गया।’
- देश के लोगों में विश्वास जगा कि भारत चुप नहीं बैठेगा- सत्यपाल मलिक, पूर्व गवर्नर, जम्मू-कश्मीर
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बताते हैं ‘सरकार ने यह फैसला ठीक समय पर लिया था और इसमें कामयाबी भी मिली। भारत को इससे साइकोलॉजिकल फायदा भी हुआ। लोगों को लगा कि पाकिस्तान की तरफ से कुछ होगा, तो हमारी सरकार मजबूत जवाब देगी।’
इस तरह भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। भारत ने साफ कर दिया कि अगर पाकिस्तान ने आतंकियों के जरिए भारत पर हमले किए तो भारत हवाई ताकत का भी इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा। वो इस दबाव में नहीं आएगा कि छोटी सी लड़ाई परमाणु युद्ध में बदल जाएगी।
उधर, पाकिस्तान का दावा उलटा है। उसका कहना है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद जब उसने अगले ही दिन जवाबी हमला किया, तो भारत सिर्फ विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई तक सीमित रह गया और जवाबी हमला नहीं कर पाया, क्योंकि उसे परमाणु युद्ध का डर था।
अंत में… क्या पुलवामा हमले को रोका जा सकता था?
डिफेंस एक्सपर्ट सुशांत सरीन बताते हैं- ‘आप कितना भी पुख्ता इंटेलिजेंस कर लीजिए। आप सौ हमले फेल कर लेंगे, लेकिन 101वां हमला हो ही जाएगा। अमेरिका को भी इसमें कामयाबी नहीं मिली है। हां, यह क्लियर है कि इसमें इंटेलिजेंस फेल्योर था।’
जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक बताते हैं- ‘पुलवामा अटैक के ठीक बाद मैंने मीडिया में बयान दिया था कि ये हमला हमारी गलती से हुआ है। CRPF ने होम मिनिस्ट्री से 5 एयरक्राफ्ट मांगे थे, ताकि उन्हें सड़क मार्ग से नहीं जाना पड़े। चार महीने तक उनकी एप्लिकेशन पड़ी रही। जहां घटना हुई, वहां किसी भी रूट को सैनिटाइज नहीं किया गया था। वह भी सुरक्षा चूक थी।’
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