विधायकों ने महिला पार्षदों से पूछा- भ्रष्टाचार तो नहीं करोगी?:नगर निगम जयपुर हेरिटेज के कार्यवाहक मेयर के लिए इंटरव्यू, 2 घंटे तक पूछे सवाल
जयपुर
नगर निगम जयपुर हेरिटेज में नया मेयर बनाने की कवायद तेज हो गई है। पूर्व मेयर ने हाईकोर्ट में निलंबन के खिलाफ याचिका लगाई है। इसलिए जयपुर के कांग्रेस विधायक चाहते हैं कि जल्द से जल्द मेयर बनाकर पद को भर दिया जाए। इसके लिए कांग्रेस विधायकों ने नया फॉर्मूला निकाला है, जिसमें मेयर के लिए ओबीसी की 5 महिला पार्षदों को बुलाकर इंटरव्यू लिया गया है। इनमें पार्षद राबिया गुडएज, सुनीता मावर, संतोष कंवर, नसरीन बानो के साथ ही रेशमा बेगम भी शामिल हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही कार्यवाहक मेयर की घोषणा कर सकती है।
इंटरव्यू के दौरान दावेदार पार्षदों से पूछा कि कहां तक पढ़ी-लिखी हैं। अगर वह मेयर बन गईं, तो कैसे नगर निगम को चलाएंगी। इतना ही नहीं, यह भी पूछा कि भ्रष्टाचार तो नहीं करोगी?
विधायकों ने इंटरव्यू के दौरान पार्षदों को मेयर बनने पर ईमानदारी से काम करने की सीख भी दी। पार्षदों से कहा गया है कि वह अगर मेयर बनाई जाती हैं तो ईमानदारी से ही काम करेंगी ताकि पार्टी की किरकिरी न हो।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के सिविल लाइंस स्थित बंगले पर शनिवार को हुए इंटरव्यू में खाचरियावास के अलावा विधायक रफीक खान और अमीन कागजी भी मौजूद रहे। यहां डेढ़ से दो घंटे तक पार्षदों के इंटरव्यू हुए।
हालांकि, यह भी तय माना जा रहा है कि अंदरखाने नसरीन बानो का नाम फाइनल हो चुका है। इंटरव्यू तो महज दिखाने के लिए किया है ताकि जो अपने आप को दावेदार मान रहे हैं, वह इस फैसले का विरोध न करें। मंत्री महेश जोशी इस दौरान वहां मौजूद नहीं थे। अगर मेयर अल्पसंख्यक समुदाय से बनाया जाता है तो फिर डिप्टी मेयर के नाम पर विवाद शुरू हो सकता है।
पार्षद संतोष कंवर, सुनीता मावर और राबिया गुडएज इंटरव्यू के लिए पहुंचीं। इस दौरान एक दूसरे से काफी देर तक बात की।
मेयर पद की 5 प्रमुख दावेदार
नसरीन बानो
पॉलिटिकल बैकग्राउंड है। पति गजनफर वर्तमान में जौहरी बाजार के ब्लॉक अध्यक्ष हैं। आदर्श नगर विधायक रफीक खान इनको मेयर बनाने की सबसे ज्यादा लॉबिंग कर रहे हैं।
राबिया गुडएज
पॉलिटिकल बैकग्राउंड मजबूत है। तीन बार अलग-अलग वार्ड से पार्षद बनीं। आदर्श नगर विधानसभा सीट पर दावा भी ठोका था। टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय पार्षद बनीं।
रेशमा बेगम कुरैशी
शहर में सबसे बड़ा मुस्लिम वोट बैंक कुरैशी ही माना जाता है। किशनपोल विधायक अमीन कागजी भी इनकी पैरवी कर रहे हैं। इसका फायदा किशनपोल में कांग्रेस को हो सकता है।
सुनीता मावर
तीन बार की पार्षद हैं। नॉन मुस्लिम चेहरे के रूप में सबसे बड़ी दावेदार हैं। सुनीता मावर के मेयर बनने से मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर है। कांग्रेस हार्डकोर सीटों पर विधानसभा चुनाव में नुकसान नहीं चाहती है।
संतोष कंवर
नॉन मुस्लिम चेहरे के रूप में पहली बार पार्षद बनी संतोष कंवर ने कहा कि मैं पूरी ईमानदारी के साथ सभी को साथ लेकर नगर निगम के माध्यम से जनता की सेवा करूंगी।
60 दिन का होगा कार्यकाल
नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार किसी भी नगर निगम में मेयर की सीट खाली होने पर कार्यवाहक मेयर बना सकती है। कार्यवाहक मेयर का कार्यकाल 60 दिन का होगा। इसके बाद भी सरकार चाहे तो कार्यकाल को बढ़ा सकती है।
नगर निगम हेरिटेज महापौर के निलंबन की प्रति भिजवाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने स्वायत्त शासन विभाग को पत्र लिखा है।
निर्वाचन विभाग ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को लिखा लेटर
उधर, नगर निगम जयपुर हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के सस्पेंड होने के बाद अब निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। शनिवार को राजस्थान निर्वाचन विभाग ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी मांगी है।
स्वायत्त शासन विभाग को भेजे लेटर में लिखा है कि नगर निगम जयपुर हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर को आपके विभाग ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई की वजह से निलंबित किया है। ऐसे में नगर निगम जयपुर हेरिटेज के मेयर पद के निलंबन क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन संबंधी संज्ञान लिया जा रहा है। मेयर पद पर उपचुनाव करवाने संबंधी अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके लिए आवश्यक सूचना निर्वाचन आयोग कार्यालय को जल्द से जल्द पहुंचाएं।
मुनेश गुर्जर के घर सर्च में मिले थे 41 लाख नकद
4 अगस्त की शाम ACB की टीम ने नगर निगम जयपुर हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। पट्टा जारी करने की एवज में 2 लाख रुपए मांगे जाने के आरोप में मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को ACB ने गिरफ्तार किया था। मेयर के घर सर्च में 41 लाख रुपए कैश मिले थे। इसके बाद ACB की टीम इस पूरे मामले को लेकर अब नगर निगम की पुरानी फाइलों की जांच कर रही है।
5 अगस्त की देर रात स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगम जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को सस्पेंड कर दिया था। मुनेश ने सस्पेंशन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इस पर 16 अगस्त को सुनवाई होगी।
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