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विरासत देगा विरासत बचाने के लिए नई सौगात, बीकानेर सीख सकेगा पंरपरागत घूमर, 1 से 10 जून तक चलेगा प्रशिक्षण, पढ़ें ख़बर

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बीकानेर। हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए कार्य कर रहे विरासत संवर्द्धन संस्थान द्वारा बीकानेर को एक और अमूल्य सौगात दी जा रही है। संस्थान द्वारा बीकानेर में परंपरागत घूमर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण गंगाशहर स्थित टीएम ऑडिटोरियम में 1 से 10 जून तक दिया जाएगा।
संस्थान के अध्यक्ष टोडरमल लालाणी ने बताया कि घूमर राजस्थान की धरोहर है। घूमर का मूल स्वरूप विकृत होता जा रहा है। उसी के संरक्षण व संवर्द्धन हेतु विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलवाने की व्यवस्था की जा रही है। दस दिवसीय शिविर में जयपुर घराने के प्रख्यात नृत्य गुरू पंडित पन्नालाल कत्थक व अशोक कुमार जमड़ा प्रशिक्षण देंगे।
जतनलाल दूगड़ ने बताया कि पन्नालाल कत्थक जयपुर घराने के प्रतिष्ठित नृत्य विशेषज्ञ हैं। वें बॉलीवुड फिल्म बूट पॉलिश व धोबी डॉक्टर में अभिनय कर चुके हैं। वहीं अशोक कुमार बीकानेर मूल की प्रसिद्ध मांड गायिका अल्ला जिलाई बाई के गुरू पंडित शिवलाल के पौत्र हैं।
शिविर के समन्वयक भैरव प्रसाद कत्थक ने बताया कि प्रशिक्षण हेतु दो सौ रूपए फीस रखी गई। जो प्रशिक्षणार्थी पूरे दस दिवस प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, उन्हे़ं फीस लौटा दी जाएगी। शिविर में घूमर के साथ साथ कत्थक का आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अधिकतम 40 आवेदकों को ही प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा। अधिक आवेदन आने पर चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
टोडरमल लालाणी ने बताया कि शिविर के अंतिम दिन कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें घूमर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

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