शहीद ने उड़ान से पहले लिखा था GOOD BYE:पिता बोले- विकास को सलाम, कहता था शहीद होकर फर्ज निभाऊंगा
अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिलिट्री हेलिकॉप्टर क्रैश में हनुमानगढ़ के पायलट मेजर विकास भाम्भू (33) शहीद हो गए। विकास पिछले 14 सालों से आर्मी में थे। 6-7 साल पहले पायलट बने थे। उनका इस दौरान कई बार प्रमोशन भी हुआ था। शुक्रवार को विकास ने उड़ान भरने से पहले अपने पिता को व्हाट्सऐप पर GOOD BYE लिखा था। पिता भागीरथ भाम्भू बोले कि मुझे नहीं पता था कि वो इस तरह से GOOD BYE लिखकर देश के लिए शहीद हो जाएगा। शहीद विकास भाम्भू की दिसंबर 2016 में शादी हुई थी। 8-9 माह पहले विकास के घर नन्ही परी ने जन्म लिया था, जिसका नाम बड़े चाव से ख्वाइश रखा था।
मूल रूप से हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी क्षेत्र के गांव रामपुरा उर्फ रामसरा के रहने वाले विकास के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी सबसे पहले उनके पिता को फोन पर मिली। इसके बाद जैसे ही मीडिया के माध्यम से रिश्तेदारों को पता चला तो विकास के पिता ने हर किसी को बस ये ही कहा कि बेटा ठीक है कुछ नहीं हुआ। उसके बाद जब उनकी मां और पत्नी को जानकारी मिली तो वे तब से सदमे में हैं। वे दोनों बार-बार बेसुध हो रही हैं। विकास के पिता भागीरथ भांभू पिछले काफी वर्षों से पूर्व कैबिनेट मंत्री सुभाष महरिया के पीए के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में शुक्रवार को मिलिट्री हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए हनुमानगढ़ के पायलट मेजर विकास भाम्भू (33) अपने माता-पिता के साथ।
सूचना मिलते ही जयपुर से गांव पहुंचा परिवार
हादसे की सूचना मिलने के बाद पिता जयपुर से अपने परिवार के साथ शनिवार देर शाम अपने पैतृक गांव रामसरा उर्फ रामपुरा पहुंच चुके हैं। विकास आखिरी बार एक महीने पहले सितंबर में करीब 3 महीने तक परिवार के साथ रहे थे। वो एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। उनका परिवार पिछले काफी वर्षों से सीकर और जयपुर ही रह रहा है। विकास की मां हाउस वाइफ हैं। दो बहनें रिया और रेखा दोनों शादीशुदा हैं।
पढ़ाई में बचपन से ही होनहार स्टूडेंट
विकास के पिता भागीरथ भाम्भू ने बताया कि विकास बचपन से होनहार स्टूडेंट रहे थे। उन्हें किताबें बहुत ही पसंद थीं। NDA जाने की इच्छा उन्होंने सबसे पहले मुझे ही बताई थी। हालांकि पिता बोले मैंने उसे IIT करने के लिए बोला था, लेकिन विकास बोला कि मैं सिर्फ आर्मी में ही जाऊंगा। फिर पिता ने परिवार को बताया और सबने फिर तुरंत हां कर दी। इसके बाद उन्होंने तैयारी की। रोजाना 11-12 घंटे पढ़ते थे। सेना में जाने का सपना उन्हें घंटों तक सोने नहीं देता था। वे जल्दी उठकर पढ़ाई करते। उनकी हर बात में देश, सेना और मानवता के साथ हर एक की सेवा करना होता था। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी वो इन्हीं टॉपिक्स पर बात किया करते थे।
हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए पायलट मेजर विकास भाम्भू के पिता भागीरथ भाम्भू बेटे की बातें शेयर करते हुए भावुक हो गए।
बेटे की शहादत को सलाम करते-करते भावुक हुए पिता
विकास के पिता भागीरथ भाम्भू से बात करते-करते अचानक ‘मैं उसकी (विकास) की शहादत को सलाम करता हूं’ कहकर अचानक रो पड़े। विकास के पिता बार-बार भावुक हो रहे थे। विकास के पिता अपने बेटे की शहादत को लेकर खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे थे। लेकिन अंदर ही अंदर बेटे के ना होने की कमी उनके आंसू बता रहे थे। विकास के पिता ने बताया कि विकास बचपन से ही देश के प्रति प्रेम था और आर्मी की ही बाते ज्यादा करता था।
2017 में विकास मेजर के पद पर प्रमोट हुए थे। उस दौरान उनके पिता भागीरथ भांबू, उनकी मां और बहन जम्मू-कश्मीर के गुलबर्ग घूमने गए थे और बेटे के साथ समय बिताया था।
पिता ने बताया यादगार किस्सा
विकास के पिता ने बताया कि मैं उससे (विकास) हमेशा ही कहता था कि तुम नंबर वन पर मत रहा करो बीच में रहा करो, लेकिन विकास पलट कर जवाब देता था कि मैं एक नंबर पर ही रहूंगा। एक दिन दुनिया मेरे पीछे चलेगी मैं कभी पीठ नहीं दिखाऊंगा और शहादत देकर अपने देश का कर्ज चुकाऊंगा। विकास के पिता बोले कि एक बार मैं विकास के साथ था तो उसके साथी डिनर पर बोले कि अंकल विकास को बोलो हमें अवार्ड लेने दे, लेकिन वो हमारी बात मानता ही नहीं। उसी के अगले दिन ऐसा ही हुआ 36 पायलट पास आउट हुए, जिसमें विकास को बेस्ट ऑफ फ्लाइंग का अवार्ड तो मिला ही साथ ही बेस्ट ऑफ आल ओवर एक्टिविटी में भी नंबर एक पर रहकर अवार्ड हासिल किया तो लेफ्टिनेंट जनरल ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा था कि आपने होनहार बेटे को जन्म दिया है।
NDA के जरिए हुआ था सिलेक्शन
14 साल पहले NDA एग्जाम के जरिए विकास का सिलेक्शन हुआ था। इसके बाद उन्हें आर्मी में जॉइनिंग मिली थी। उन्हें आर्मी वर्दी से बहुत ज्यादा लगाव था। विकास के पिता ने बताया कि शुक्रवार शाम को उन्हें विकास के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी मिली। विकास उनके परिवार का रियल हीरो था। रामसरा गांव ही नहीं बल्कि पूरे भाम्भू समाज को उनके बेटे पर गर्व था। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विकास की पार्थिक देह सोमवार को लगभग 12 बजे रामसरा गांव पहुंचेगी। विकास का अंतिम संस्कार गांव के गवर्नमेंट स्कूल में राजकीय सम्मान के साथ होगा।
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