शिक्षा मंत्री बोले- ट्रांसफर-भर्तियों पर CM करेंगे फैसला:शिक्षा में संस्कारों को जोड़ने की कोशिश करेंगे; इंग्लिश मीडियम स्कूलों का रिव्यू करेंगे
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि राजस्थान में होने वाली नई भर्तियों और टीचर्स के ट्रांसफर पर सीएम ही कोई फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा में संस्कारों को समाहित करने की कोशिश करेंगे। जो घटनाएं हुई ही नहीं होंगी, अगर उन्हें पढ़ाया जा रहा है तो इसकाे बदलना बेहद जरूरी है। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना का रिव्यू किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री की खास बातचीत…
सवाल – बतौर शिक्षा मंत्री आपकी पहली तीन प्राथमिकताएं क्या रहेंगी?
जवाब – स्टूडेंट्स को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा दिलाने का प्रयत्न करेंगे। सभी स्कूलों में स्वच्छता को प्राथमिकता रहेगी। स्कूलों में सभी बच्चों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था हो। इन पर हम गंभीरता से विचार करेंगे। इसे जल्द ही 100% लागू करने की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
यह तस्वीर 3 जनवरी की है। इस दिन कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर ने सचिवालय के मंत्रालय भवन स्थित ऑफिस में पदभार संभाला था।
सवाल – राजस्थान में पिछले 5 साल में कई बार पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं। इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
जवाब – पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पेशल टास्क फोर्स (SIT) का गठन किया है। पूर्व में जो पेपर लीक हुए, उनकी भी जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सवाल – राजस्थान के शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में पद रिक्त चल रहे हैं। काफी भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं। रिक्त पदों पर कब तक भर्तियां पूरी होंगी?
जवाब – भर्तियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्तर पर ही फैसला होगा। ऐसे में इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री जी से ही पूछेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
सवाल – क्या आपकी सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी बनाएगी या फिर पुरानी पॉलिसी के तहत ही ट्रांसफर किए जाएंगे?
जवाब – ट्रांसफर को लेकर भी मुख्यमंत्री स्तर पर ही फैसला किया जाएगा। इसलिए यह सवाल भी आप मुख्यमंत्री जी से पूछेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
सवाल – पूर्व सरकार के वक्त में जो सिलेबस स्टूडेंट्स को पढ़ाया जा रहा था। क्या आप उसमें बदलाव करेंगे?
जवाब – हम शिक्षा में संस्कारों को समाहित करने की कोशिश करेंगे, क्योंकि अगर दो और दो को पांच पढ़ाया जा रहा होगा तो वह पूरी तरह गलत है। जो घटनाएं हुई ही नहीं होंगी, अगर उन्हें पढ़ाया जा रहा है तो उनमें बदलाव करना बेहद जरूरी है। शिक्षा विभाग की जो भी योजनाएं विद्यार्थियों और देश के हित में होंगी, हम उन्हें लागू करेंगे। जो भी योजनाएं ऐसी होंगी, जिससे विद्यार्थियों का अहित हो रहा होगा, उसे बंद कर देंगे।
मदन दिलावर ने 30 जनवरी को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। 5 जनवरी को उनको शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग और संस्कृत शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई।
सवाल – महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का विस्तार किया जाएगा या फिर इस योजना का भी रिव्यू होगा?
जवाब – फिलहाल महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना का रिव्यू और अध्ययन किया जाएगा। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में प्रावधान है कि कक्षा एक से पांचवीं तक मातृभाषा में पढ़ाया जाए। जबकि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई करवाई जा रही है। ऐसे में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर अध्ययन और रिव्यू किया जाएगा। वैसे भी जिन स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर ही नहीं हैं तो उनका कोई उपयोग नहीं है। इसके बाद ही इसको लेकर कोई अंतिम फैसला होगा।
सवाल – मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के लिए 100 दिन की कार्य योजना तैयार की है। उसे पूरा करने के लिए क्या एक्शन प्लान है?
जवाब – शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करूंगा। उनके साथ मंथन और चिंतन करने के बाद ही कार्य योजना को इम्प्लीमेंट करने का खाका तैयार किया जाएगा। कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं होता है। न ही मैं अभी इसका जवाब देने में सक्षम हूं।
सवाल – स्टूडेंट्स को लंबे समय से साइकिल और लैपटॉप का वितरण नहीं हुआ है। उनका इंतजार कब खत्म होगा?
जवाब – इस विषय की मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए इसका रिव्यू करूंगा। उसके बाद ही बता पाऊंगा कि क्या हो सकता है, और क्या नहीं हो पाएगा।
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