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श्रीकरणपुर सीट पर 5 जनवरी को होगी वोटिंग:श्रीगंगानगर जिले में आचार संहिता लागू, कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद स्थगित हुए थे चुनाव

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श्रीकरणपुर सीट पर 5 जनवरी को होगी वोटिंग:श्रीगंगानगर जिले में आचार संहिता लागू, कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद स्थगित हुए थे चुनाव

श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट पर 5 जनवरी को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने करणपुर सीट पर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। 12 से 19 दिसंबर तक नामांकन होंगे। 20 दिसंबर को नामांकनों की जांच होगी। 22 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 5 जनवरी को वोटिंग और 8 जनवरी को काउंटिंग होगी। इसी के साथ पूरे श्रीगंगानगर जिले में तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है। अब न कोई नई घोषणा हो सकेगी, न ही किसी नए विकास कार्य का लोकार्पण-शिलान्यास होगा।

कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के 19 नवंबर को निधन के बाद इस सीट पर चुनाव रद्द किए गए थे। इसके कारण 25 सितंबर को 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे। अब बची हुई एक श्रीकरणपुर सीट पर 5 जनवरी को चुनाव होंगे।

सहानुभूति कार्ड खेल सकती है कांग्रेस, कुन्नर के बेटे या पत्नी को टिकट दे सकती है कांग्रेस

श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस दिवंगत विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे या पत्नी को टिकट दे सकती है। कांग्रेस ने पिछली बार हुए उप चुनावों में नेताओं के परिवारों से टिकट दिए थे। कांग्रेस इस बार भी सहानुभूति कार्ड खेल सकती है। इसका उप चुनावों में फायदा भी मिला था। पिछली बार जिन विधायकों का निधन हुआ, उनमें उनके बेटे या पत्नी को टिकट दिया। सुजानगढ़ में मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद उनके बेटे मनोज कुमार वल्लभनगर से गजेंद्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत, सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी, सरदारशहर से भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया था।

गुरमीत सिंह कुन्नर श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे।

गुरमीत सिंह कुन्नर श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे।

तीन चुनावों से बना हुआ संयोग

बता दें कि पिछले तीन चुनावों से लगातार यह संयोग बना हुआ है कि 200 सीटों पर एक साथ वोटिंग नहीं होती। 2013 में चूरू और 2018 में रामगढ से बसपा उम्मीदवार के निधन की वजह से उन सीटों पर बाद में चुनाव हुए थे।

2013 के विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले चूरू से बसपा उम्मीदवार जेपी मेघवाल का निधन हो गया था, इसलिए चूरू में नई सरकार बनने के बाद वोटिंग हुई थी, इस चुनाव में राजेंद्र राठौड़ जीते थे।

वहीं, 2018 में अलवर के रामगढ़ से बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह के निधन की वजह से चुनाव स्थगित हुआ था। रामगढ़ सीट पर गहलोत सरकार बनने के बाद चुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस उम्मीदवार सफिया जुबैर जीतीं थी।

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