श्रीनगर में टारगेट किलिंग:दो युवकों को गोली मारी, एक की मौत, दूसरा घायल; हमलावरों की तलाश जारी
श्रीनगर
टारगेट किलिंग होने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की है। हमलावरों की तलाश की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बुधवार (7 फरवरी) की शाम आतंकियों ने टारगेट किलिंग को अंजाम दिया। शॉल कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को गोली मारी गई।
गंभीर हालत में दोनों को इलाज के लिए SMHS अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) की मौत हो गई।
दूसरा युवक भी पंजाब का रहने वाला है उसका नाम रोहित (27) है। उसे पेट के बाईं तरफ गोली लगी है। हमलावरों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की है।
भारी संख्या में सुरक्षाबल इलाके में मौजूद हैं। गाड़ियों को चेक किया जा रहा है।
फरवरी और मई 2023 में भी हुई थी टारगेट किलिंग
26 फरवरी 2023 की सुबह आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या की थी। वो अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 29 मई 2023 आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मरने वाले की पहचान दीपक कुमार (दीपू) के रूप में हुई थी। दीपू जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग के जंगलात मंडी में सर्कस मेले में काम करता था। वह नगर से पानी लेने गया तभी आतंकवादियों ने उसे बहुत पास से गोली मारी थी।
दीपू के भाई ने बताया था कि 26 साल का दीपू परिवार में इकलौता कमाने वाला था। घटना के एक दिन पहले ही उससे फोन पर बात हुई थी। उसने कहा था कि घर खर्च के लिए कुछ पैसे भेजेगा। पिछले चार साल से मेरी आंखें खराब हैं। मेरे पिता को दिखाई नहीं देता है, वे काम नहीं कर सकते। हम न्याय चाहते हैं।’
वारदात के विरोध में अनंतनाग सिविल सोसाइटी ने मंगलवार को अनंतनाग में विरोध प्रदर्शन किया था।
29 मई 2023 को जम्मू के उधमपुर के रहने वाले दीपक कुमार की अनंतनाग में टारगेट किलिंग की गई थी।
15 अक्टूबर 2022 को चौधरीगुंड में हुई थी टारगेट किलिंग
कश्मीर के शोपियां के चौधरीगुंड गांव में 15 अक्टूबर 2022 को आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट पर फायरिंग की थी। गंभीर घायल पूरन को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। अगस्त 2022 में भी शोपियां के छोटीगम गांव के सेब के बाग में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी।
जम्मू में कश्मीरी पंडितों ने पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया।
2022 में भी बाहर से आए मजदूरों की हत्या की थी
साल 2022 नवंबर में उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की शोपियां में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे। घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अगस्त 2022 में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक माइग्रेंट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिहार के मधेपुरा के 19 साल के जुलाहा मोहम्मद अमरेज को आतंकियों ने गोली मार दी थी।
घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्या का कारण
खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि, टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खासतौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
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