अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस हर वर्ष 18 मई को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का उद्देश्य, जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (आईसीओएम) द्वारा घोषित किया गया है, इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि, “संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति का विकास करने का महत्वपूर्ण साधन हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2021 की का शीर्षक ‘संग्रहालय का भविष्य: पुनर्प्राप्त और पुनर्कल्पना’ है।
इस अवसर पर, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय (एमओसी) ने, विशेष रूप से विश्वव्यापी कोविड महामारी के संदर्भ में संस्कृति क्षेत्र की पुनर्कल्पित प्राथमिकताओं और उसमें संग्रहालयों की भूमिका पर विचार करने के लिए पैनल चर्चाओं की एक श्रृंखला का आयोजन किया।
संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2021 पर संस्कृति मंत्रालय के इसी प्रकार के वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया।
संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री पटेल ने कहा कि संस्कृति किसी देश के विकास और सभ्यता के स्तर का सच्चा प्रतिबिंब है। भारत पुरातात्विक खजाने का भंडार है और इसकी सांस्कृतिक समृद्धि विश्व प्रसिद्ध है। हालाँकि, हमारे पास जो कमी हो सकती है, वह यह है कि हम अपनी असीम संस्कृति को विदेशों में जिस तरह से प्रदर्शित किया जाना चाहिए था, उसे उस तरह से उत्कृष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं कर सके हैं। संग्रहालय हमारी संस्कृति, जिसमें लोगों की रुचि होती है, उसे विभिन्न तरीकों से प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संस्कृति मंत्री ने आग्रह किया कि हमें अपनी सांस्कृतिक संपदा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए और अधिक सांस्कृतिक स्थलों का निर्माण करना चाहिए, जो कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी सपना है।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि ‘श्रुति’ और ‘स्मृति’ के माध्यम से आगे बढ़ाई गई हमारी कई परंपराओं और ज्ञान के वैज्ञानिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। यह हमारे इतिहासकारों और संरक्षणवादियों के सामने एक और चुनौती है। श्री पटेल ने कहा, “हमें सही इतिहास और तथ्यों को प्रस्तुत करना होगा और संग्रहालय इसमें बड़े पैमाने पर योगदान दे सकते हैं।” संस्कृति मंत्री ने उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने संग्रहालय विकास आंदोलन में योगदान दिया है और ऐसा करना जारी रखा है, जिससे हमारी संस्कृति की समृद्धि को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
आज के कार्यक्रम में निम्नलिखित विषयों के साथ दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं: i) भविष्य के लिए नए रास्ते बनाने के लिए संग्रहालय और संस्कृति अध्ययन कार्यक्रमों की पुन: कल्पना, और ii) ऑनलाइन बातचीत और व्यवसाय के कई रूप और संग्रहालयों के लिए इसका क्या अर्थ है। पैनल चर्चा में संस्कृति और संग्रहालय विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, सांस्कृतिक व्यवसाय कार्यक्रम और मानव-शास्त्र तथा विरासत क्षेत्र के शिक्षाविदों ने भाग लिया।
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