डाॅ.अर्जुनदेव चारण का ‘ भारतीय नाट्य परम्परा ‘ विषयक विशेष व्याख्यान 23 जून को
जयपुर । संवळी साहित्य संस्थान, नट साहित्य संस्कृति संस्थान एवं जवाहर कला केंद्र के सयुंक्त तत्वावधान में ‘ भारतीय नाट्य परम्परा ‘ विषय पर ख्यातनाम कवि-आलोचक एवं नाट्य निर्देशक प्रोफेसर (डाॅ.) अर्जुनदेव चारण का विशेष व्याख्यान रविवार, 23 जून को जवाहर कला केंद्र स्थित कृष्णायन सभागार में सांय 5 बजे आयोजित होगा ।
समारोह संयोजक डाॅ.गजेसिंह राजपुरोहित एवं मधु आचार्य ने बताया कि ख्यातनाम कवि-आलोचक एवं आधुनिक भारतीय नाट्य के प्रर्वतक डाॅ.अर्जुनदेव चारण ने इस विषय पर देश और दुनिया को एक नई दृष्टि प्रदान की है । साहित्य जगत के लिए उनका यह व्याख्यान निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक व्याख्यान सिद्ध होगा। इस अवसर पर डाॅ.अर्जुनदेव चारण की साहित्य साधना पर साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा निर्मित एवं डाॅ. राजेश कुमार व्यास द्वारा निर्देशित वृत्तचित्र ‘ घर तो नाम है एक भरोसे का ‘ तथा डाॅ.अर्जुनदेव चारण की राजस्थानी काव्यकृति अगनसिनांन पर प्रतिष्ठित रचनाकार डाॅ.मंगत बादल द्वारा लिखित आलोचना पुस्तक ‘ अगनसिनांन री अंतसदीठ ‘ का लोकार्पण किया जायेगा । इस विशेष व्याख्यानमाला में जयपुर सहित जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, श्रीगंगानगर, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर सहित प्रदेस के अनेक जिलों के साहित्यकार एवं नाट्य प्रेमी मौजूद रहेंगे ।
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