सीढ़ियों पर खेल रहे बच्चों पर झपटा पागल कुत्ता:गाल काट खाया, गर्दन पर पंजे मारे; पाली में 40 मीटर जंगल में घसीट ले गया
भरतपुर

राजस्थान के भरतपुर और पाली में कुत्ते के मासूमों को नोचने की घटनाएं सामने आई है। भरतपुर के कामां में घर की सीढ़ियों पर खेल रहे दो बच्चों को कुत्ते ने नोच लिया। इसमें डेढ़ साल के मासूम के गाल और नाक पर झपट पड़ा जबकि 2 साल की बच्ची की गर्दन पर नोच लिया। इसमें 1 गंभीर जख्मी बच्चे को जयपुर रेफर कर दिया गया है। मामला शनिवार दोपहर 12 बजे का है।
वहीं दूसरी घटना पाली की 22 फरवरी की है। इसमें शाम को जंगल में लकड़ियां इकट्ठी करने गए मां-बाप से 10 मीटर दूर खेल रहे मासूम पर घात लगाकर बैठे कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ता बच्चे को पैर और जांघों से पकड़कर 40 मीटर तक जंगल में घसीटता ले गया।

साहबान को पहले कामां से भरतपुर के RBM में रेफर किया था। इसे करीब ढाई बजे जयपुर रेफर किया गया है। बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
घर में घुसा पागल कुत्ता
बच्चों के चाचा तालीम ने बताया- वो डीग जिले के कामां थाना इलाके के गांव अकाता के रहने वाले हैं। घटना शनिवार करीब दोपहर 12 बजे की है। घर के बाहर बने अहाते में 2 साल की साफिया और डेढ़ साल का साहबान खेल रहे थे। तभी पागल कुत्ता अचानक घर में घुस आया और बच्चों पर हमला कर दिया। उसने सफिया के गर्दन पर हमला किया और इसके बाद साहबान को भी गाल और नाक पर नोच लिया। बच्चों की आवाज सुनकर हम भागे तो देखा कुत्ता उनपर झपट रहा था। हमने शोर मचाकर कुत्ते को भगाया और बच्चों को संभाला।

2 साल की साफिया की गर्दन पर कुत्ते ने हमला किया था। इसके बाद उसे 4 टांके आए हैं।
एक जयपुर रेफर
हम दोनों बच्चों को लेकर तुरंत कामां अस्पताल पहुंचे। जहां से साहबान को भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में रेफर किया गया। वहां से जयपुर रेफर किया गया है। वहीं सफिया की गर्दन पर 4 टांके आए हैं। उसे रेबीज का इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया। बाकी परिजन साहबान के साथ जयपुर गए हैं।

अस्पताल में परिजन चीख-चीख कर रो रहे थे। दोनों मासूमों पर कुत्ते ने हमला कर जगह-जगह नोच लिया।
ग्रामीणों ने कुत्ते को मारा
तालीम ने बताया- गांव में 2 दिनों ने एक पागल कुत्ता घूम रहा है। इससे सभी गांव वाले परेशान हैं। इसी कुत्ते ने गांव में बकरी और भैंस पर भी हमला किया था। वहीं परसो ही कुत्ते ने एक अन्य कुत्ते को भी मार डाला था। हम समय पर नहीं पहुंचते तो बच्चों के साथ हादसा हो सकता था। कुत्ता करीब 40 से 50 सैकेंड तक दोनों बच्चों पर झपटता रहा था। बता दें कि हादसे के बाद ग्रामीणों ने पागल कुत्ते को ढूंढ़कर मार डाला।

पाली में 5 साल के दिनेश के पैर और जांघों पर कुत्ते ने काटा है। वह इसे घसीटता हुआ 40 मीटर तक ले गया था। समय रहते उसे बचा लिया गया।
पाली में 40 मीटर तक घसीटता रहा कुत्ता
मां-बाप के साथ जंगल में लकड़ी लेने गए 5 साल के मासूम पर घात लगाकर बैठे जंगली कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्चे को पैर और जांघों से करीब 40 मीटर तक घसीटा। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर मां-बाप भागे और लकड़ियों से कुत्ते को करीब 40 सैकंड तक पीटते रहे। तब जाकर कुत्ता बच्चे का पैर छोड़कर जंगल में भाग गया। मामला पाली जिले के कोसेलाव गांव के पास के जंगल का गुरुवार 22 फरवरी का है। 2 दिन चले इलाज के बाद बच्चे को आज शनिवार पाली के बांगड़ हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।

2 दिन बांगड़ अस्पताल में चले इलाज के बाद शनिवार दोपहर दिनेश को छुट्टी दे दी गई।
जांघ से पकड़कर ले जाने लगा
पिता रामलाल ने बताया कि- गुरुवार शाम वो अपनी पत्नी और 5 साल के बेटे दिनेश के साथ कोसेलाव गांव के पास जंगल में लकड़ियां लेने गए थे। मासूम दिनेश 10 मीटर दूरी पर मिट्टी में खेल रहा था। इसी दौरान घात लगाकर बैठे जंगली कुत्ते ने उसपर हमला कर दिया। सबसे पहले कुत्ते ने जांघ से पकड़कर घसीटना शुरू किया। दिनेश की आवाज सुनकर दोनों रामलाल और उसकी पत्नी बच्चे की तरफ दौड़े। कुत्ता इसके बावजूद बच्चे को घसीटता रहा। करीब 30 मीटर घसीटने के बाद रामलाल और उसकी पत्नी ने कुत्ते को लड़की-डंडों से पीटना शुरू किया। इसके बाद भी कुत्ते ने लगभग 40 सैकंड बाद दिनेश को छोड़ा और जंगल में भाग गया।
बांगड़ हॉस्पिटल के डॉ दिनेश चौधरी ने बताया कि बच्चा रेफर होकर बांगड़ हॉस्पिटल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती हुआ था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे खेतेश्वर सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया था। हालत में सुधार होने पर उसे शनिवार को छुट्टी दी गई।
नीलगाय का शिकार कर लेते हैं कुत्ते
पाली के एनिमल हॉस्पिटल के पशु चिकित्सक डॉ मनोज पंवार ने बताया कि कुत्ते इंसानों से डरते हैं। लेकिन, छोटे बच्चे को देख कर उसने हमला कर दिया होगा। रोहट क्षेत्र में भी कई घटनाएं हुई है। इसमें कुत्ते ग्रुप में नील गाय के बच्चों और हिरणों का शिकार करने की घटनाएं हुई हैं।
इधर, क्षेत्रीय वन अधिकारी जोजावर प्रमोद सिंह नरूका ने बताया कि पाली जिले में जंगली डॉग तो नहीं है। लेकिन, इलाके के जंगलों में रहने वाले कुत्ते आक्रामक होते हैं। खेतों पर किसान नीलगाय और जानवरों को फसल से बचाने के लिए ऐसे कुत्ते रखते हैं।
Add Comment