सुखोई और मिराज के क्रैश होने से भारत को हुआ बड़ा नुकसान, इतने करोड़ है दोनों फाइटर जेट की कीमत
एक सुखोई 30 की कीमत लगभग 62 मिलियन डॉलर है. इसे अगर भारतीय रुपयो में कनवर्ट किया जाए तो यह करीब 5,05,39,61,000 करोड़ रुपए होगा. वहीं मिराज 2000 की कीमत की बात करें तो यह करीब 167 करोड़ रुपए है.
भारत की वायु सेना के लिए शनिवार का दिन ठीक नहीं रहा. दरअसल, मध्यप्रदेश के मुरैना में शनिवार को भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट जिनमें एक सुखोई 30 और दूसरा मिराज 2000 था, दोनों क्रैश हो गए. इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना का एक पायलट शहीद हो गया, जबकि दूसरे पायलट की हालत गंभीर बनी हुई है. किसी पायलट का ऐसी दुर्घटना में शहीद हो जाना अपने आप में देश, भारतीय वायु सेना और भारत सरकार के लिए एक बड़ा नुकसान है. लेकिन अगर आर्थिक रूप से इस क्रैश को देखें तो भी इससे भी देश को काफी बड़ा नुकसान हुआ है.यह विमान शनिवार की सुबह ग्वालियर एयरबेस से उड़े थे, उन्होंने सामान्य अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन मुरैना के ऊपर उड़ान भरते वक्त ये क्रैश होकर जमीन पर गिर गए. हादसे की वजह क्या थी इसके बारे में अभी तक कुछ भी सटीक रूप से पता नहीं चल पाया है, इसके लिए जांच जारी है. लेकिन आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इस प्लेन क्रैश से आखिरकार भारतीय वायु सेना और भारत सरकार को कितने सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
कितना बड़ा हुआ नुकसान
इन दोनों फाइटर जेट के क्रैश होने से हुए आर्थिक नुकसान का पता आप सुखोई 30 एमकेआई और मिराज 2000 की कीमत से लगा सकते हैं. भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक सुखोई 30 की कीमत लगभग 62 मिलियन डॉलर है. इसे अगर भारतीय रुपयो में कनवर्ट किया जाए तो यह करीब 5,05,39,61,000 करोड़ रुपए होगा. वहीं मिराज 2000 की कीमत की बात करें तो यह करीब 167 करोड़ रुपए है. इन दोनों को अगर हम जोड़ दें तो करीब 572 करोड़ रुपए होते हैं. यानी इस प्लेन क्रैश से भारतीय वायुसेना को लगभग 572 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
क्या है सुखोई में खूबियां
सुखोई 30 फाइटर जेट की बात करें तो यह चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है. इस फाइटर जेट को रूस की कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल ने मिलकर बनाया है. दो सीटों वाला यह मल्टी रोल फाइटर जेट दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. इस जेट में दो टर्बोजेट इंजन लग होते हैं, जो 2120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है.
मिराज 2000 की खूबियां
मिराज 2000 को फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट द्वारा निर्मित किया गया था. ये विमान भारतीय वायुसेना के टॉप फाइटर जेट में से एक है. इसे पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनाया गया था. इस वक्त भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं. सिंगल सॉफ्ट इंजन SNECMA M53 से लैस यह विमान सिंगल सीटर है जिसकी लंबाई 14.36 मीटर, पंखों समेत चौड़ाई 91.3 मीटर है. आपको बता दें मिराज 2000 फाइटर जेट की टॉप स्पीड 2336 किलोमीटर प्रति घंटा है आपको बता दें मिराज 2000, रूस में बने सुखोई 30 से भी तेज उड़ान भर सकता है.
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