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सुनील टांक ने विश्व के सबसे लंबे चलने वाले थिएटर फेस्टिवल में उदयपुर का प्रतिनिधित्व कर बढ़ाया गौरव

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उदयपुर। विश्व के खूबसूरत शहर उदयपुर ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक समृद्धि और कलात्मक प्रतिभा का परचम  लहराया है।
शहर के प्रतिभाशाली नाट्य निर्देशक सुनील टांक ने विश्व के सबसे लंबे चलने वाले नाट्य महोत्सव में उदयपुर का प्रतिनिधित्व किया,
अलवर के रंग संस्कार थियेटर ग्रुप द्वारा अलवर रंगमं 2024-25 आयोजित हुआ
अलवर शहर में 18 दिसंबर से 27 मार्च तक चलने वाले, इस फेस्टिवल में विभिन्न देशों के कलाकार और थिएटर समूह अपनी कला का प्रदर्शन किया, थिएटर कला के इस प्रतिष्ठित रंगमंच समारोह में 100 दिवसीय फेस्टिवल में लगातार 100 नाटकों के मंचन हुए, अलवर रंगम न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का सबसे लंबा चलने वाला रंगमंच महोत्सव है।
दुनियां में अभी तक कहीं भी, कभी भी इतने दिनों का थिएटर फेस्टिवल नहीं हुआ,
लेकिन अलवर शहर के रंगकर्मी देशराज मीणा ने यह ऐतिहासिक महोत्सव कर दिखाया, इस थिएटर फेस्टिवल से उन्होंने यह विश्व इतिहास रच दिया, अलवर रंगम को “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” में भी दर्ज किया गया। इस उपलब्धि ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित किया, जो कि भारतीय रंगमंच के लिए अपने आप में एक असाधारण नई उपलब्धि बन गया है।
हालांकि 2023 में भी देशराज ने 75 दिन का थिएटर फेस्टिवल कर के इतिहास रच चुके है, इस बार अपना रिकॉर्ड तोड़ कर विश्व पटल पर फिर से भारत को गौरवान्वित किया है
इस महोत्सव में देश भर से कलाकारों ने भाग लिया व
उदयपुर के नाट्य निर्देशक सुनील टांक को आमंत्रित किया गया जहां उन्होंने
उदयपुर रंगमंच और यहां के संभाग की कला एवं संस्कृति
और लोकनाट्य व समसामयिक मुद्दों, मूल्यों और परंपराओं से परिचित कराया।
व उदयपुर की समृद्ध रंगमंचीय सांस्कृतिक विरासत का परिचय दिया। यह उपलब्धि उदयपुर बल्कि पूरे संभाग के लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर सुनील टांक ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “यह मेरे लिए बेहद सम्मान और गर्व का क्षण है कि मुझे उदयपुर जैसे ऐतिहासिक शहर का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उदयपुर की कला और संस्कृति में इतनी गहराई है कि यह हर मंच पर अपनी गहरी छाप छोड़ सकती है।
जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी सरताज नारायण माथुर ने कहा,
सुनील टांक के इस अभूतपूर्व योगदान से उदयपुर की कला और संस्कृति से वैश्विक मंच पर पहचान कराई ,
इस से उदयपुर थिएटर की एक नई पहचान बनेगी, जिससे अन्य युवा थिएटर और स्थानीय कलाकारों के लिए भी प्रेरणा मिलेगी, उनके उल्लेख को दर्शकों और समीक्षकों ने खूब सराहा
जयपुर के ही वरिष्ठ रंगकर्मी रवि चतुर्वेदी ने बताया 
सुनील का उदयपुर की कला को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला कदम बताया, उदयपुर के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो कला और संस्कृति के क्षेत्र में इसकी बढ़ती पहचान को दर्शाता है,
उल्लेखनीय है कि अलवर रंगम 2024–25 का 100 दिन के नायकों के महाकुंभ का समापन अन्तिम 100 वे दिन विश्व रंगमंच दिवस पर 27 मार्च 2025 को “जीना इसी का नाम है” नाटक  के साथ हुआ। इस नाटक में फिल्म अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता व हिमानी शिवपुरी ने अभिनय किया नाटक का निर्देशन सुरेश भारद्वाज के द्वारा हुआ
गोरतलब है कि सुनील टांक, जो लंबे समय से रंगमंच कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं ‘टीम नाट्य संस्था’ के सचिव व नाट्य निर्देशक है, हाल ही में `उदयपुर नाट्य रंग महोत्सव’ जैसे थिएटर फेस्टिवल को उदयपुर में सफलता पूर्वक स्थापित कर चुके है।

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