DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS WORLD NEWS

सूडान में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए ऑपरेशन कावेरी, इसका नाम यही क्यों, पहले ऐसे कितने अभियान चले? देखे साहिल पठान की रिपोर्ट

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

सूडान में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए ऑपरेशन कावेरी, इसका नाम यही क्यों, पहले ऐसे कितने अभियान चले?
सूडान में करीब 10 दिन से चल रहे संघर्ष के बीच दोनों पक्ष संघर्ष विराम को सहमत हुए। 72 घंटे का ये संघर्ष विराम 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू हुआ। इस बीच, भारत ने अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है।
REPORT BY SAHIL PATHAN


सूडान में सेना और अर्ध सैनिकों के बीच जारी संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। हालांकि, दोनों बलों ने 72 घटों का एक युद्धविराम घोषित किया है। इस बीच, भारत हिंसाग्रस्त देश से अपने लोगों की निकासी के लिए ऑपरेशन कावेरी चला रहा है। इसके तहत सूडान में फंसे ढाई सौ से अधिक भारतीय सूडान से निकाले जा चुके हैं।
ऑपरेशन कावेरी क्या है? अभियान को नाम ‘कावेरी’ क्यों दिया गया? ऐसे ऑपरेशन का इतिहास क्या है? भारत ने कब-कब संकट के बीच अभियान चलाए हैं? आइए जानते हैं…


ऑपरेशन कावेरी क्या है?
सूडान में करीब 10 दिन से चल रहे संघर्ष के बीच दोनों पक्ष संघर्ष विराम को सहमत हुए। 72 घंटे का ये संघर्ष विराम 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू हुआ। इस बीच, भारत ने अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ऑपरेशन कावेरी के तहत C-130 की दो फ्लाइट क्रमशः 121 और 135 यात्रियों को लेकर सऊदी अरब में जेद्दाह में लैंड की हैं। ये लोग जल्द ही भारत पहुंचेंगे। इससे पहले, ये लोग पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए आईएनएस सुमेधा से पहुंचाए गए थे।
अभियान को नाम ‘कावेरी’ क्यों दिया गया?
हिंसाग्रस्त देश से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन का नाम ‘कावेरी’ रखा गया है। कोच्चि में सोमवार को युवम कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सूडान में गृहयुद्ध की वजह से हमारे कई लोग वहां फंस गए हैं। इसलिए हमने उन्हें सुरक्षित लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इसकी देखरेख केरल के बेटे और हमारी सरकार के मंत्री मुरलीधरन कर रहे हैं।’
कावेरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है जो मुख्यतः तमिलनाडु और कर्नाटक में बहती है। केंद्र द्वारा इस ऑपरेशन के नामकरण पर एक सूत्र ने कहा, ‘नदियां बाधाओं के बावजूद अपने गंतव्य तक पहुंचती हैं। यह एक मां की तरह है जो यह सुनिश्चित करेगी कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाएगी।’ इससे पहले, यूक्रेन में भी फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए गए अभियान का नाम पवित्र नदी ‘गंगा’ के नाम पर रखा गया था।
दिल्ली से साहिल पठान की रिपोर्ट
भारत ने कब-कब संकट के बीच अभियान चलाए हैं?
1. ऑपरेशन गंगा (2022): पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया था। इसके तहत एक हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया था। भारतीय वायु सेना के सी-17 विमानों को भेजकर और दूतावास के कर्मियों को कीव के ट्रेन टर्मिनलों पर भेजकर लोगों को निकाला था।

2. ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): भारत ने 2021 में ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों भारतीयों को निकाला था। यह अभियान अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद चलाया गया था, जहां सैकड़ों भारतीय फंसे रह गए थे।

3. ऑपरेशन वंदे भारत (2021): भारत ने ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत उन भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए की, दुनियाभर में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद विदेश में फंसे हुए थे। 30 अप्रैल 2021 तक, ऑपरेशन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लगभग 60 लाख भारतीयों को वापस लाया गया।

4. ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020): कोरोना महामारी के दौरान विदेश में रह रहे भारतीयों को देश लाने के लिए 5 मई 2020 को एक नौसैनिक अभियान ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ शुरू किया गया था। 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते देश वापस लाया गया। 55 दिनों से अधिक समय तक चले मिशन में भारतीय नौसेना के जहाजों ने 23,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी।

5. ऑपरेशन मैत्री (2015): भारत ने 2015 के नेपाल भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू कर दिया था। सैन्य और निजी विमानों का उपयोग करके सेना-वायु सेना के एक संयुक्त अभियान के तहत 5,000 से अधिक भारतीयों को नेपाल से देश लाया गया था। इस दौरान, भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी से 170 विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला था।

6. ऑपरेशन राहत (2015): 2015 में यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया था। बाद में सऊदी अरब के नो-फ्लाई जोन घोषणा की वजह से हजारों भारतीय फंस गए और यमन की विमानन यात्रा भी रुक गई। भारत ने शुरू में समुद्र के रास्ते अपने नागरिकों को निकालने का विकल्प चुना। अगले कुछ हफ्तों में, भारत ने यमन में फंसे 4,640 भारतीयों के अलावा 41 से अधिक देशों से 960 विदेशी नागरिकों को बचाया।

7. ऑपरेशन सेफ होमकमिंग (2011): भारत ने युद्धग्रस्त लीबिया में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए 2011 में ‘ऑपरेशन होमकमिंग’ शुरू किया था। इसके तहत लीबिया से 15,400 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराई गई थी।

8. ऑपरेशन सुकून (2006): जुलाई 2006 में, इस्राइल और लेबनान के बीच युद्ध छिड़ने के बाद, भारत सरकार ने अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सुकून’ लॉन्च किया। नौसैनिक बचाव अभियान में जुलाई-अगस्त 2006 के बीच 2,280 व्यक्तियों को निकाला गया था। इनमें कुछ नेपाली और श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे।

दिल्ली से साहिल पठान की रिपोर्ट

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!