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स्कूलों की यूनिक आईडी में होगा स्टूडेंट्स का बायोडाटा
बीकानेर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब आधार कार्ड की तरह प्रत्येक विद्यालय के स्टूडेंट्स की यूनिक आईडी बनाई जाएगी। जिसे परमानेंट एजुकेशन नंबर यानी पैन नंबर के रूप में पहचाना जाएगा। इस कार्ड में बच्चों की संपूर्ण शैक्षणिक जानकारी रहेगी। इसका बड़ा फायदा दोहरा नामांकन रोकने के लिए भी होगा।
आने वाले दिनों में सरकार की योजना का लाभ इसी कार्ड के जरिए मिल सकेगा। जबकि स्कूलों में दोहरा नामांकन रोकने व शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन यानी यू-डाइस पोर्टल को अपलोड किया जा रहा है। जिसके तहत स्कूलों के विद्यार्थियों को आधार नंबर की तर्ज पर एक ही परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी होगा। इस नंबर को शाला दर्पण की वेबसाइट पर सर्च करने से संबंधित विद्यार्थी की पूरी जानकारी आ जाएगी। इस पोर्टल के माध्यम से देश के सभी स्कूलों का डिजिटलीकरण किया जा सकेगा। इससे स्कूलों, टीचर्स व स्टूडेंट्स का एक ही जगह डाटा स्टोर करने में आसानी होगी। डीईओ प्राशि मुख्यालय पुरुषोत्तम राजपुरोहित ने बताया कि इस संबंध में जैसे निर्देश मिलेंगे, उसी अनुरूप कार्य होगा।
यू-डाइस पोर्टल में होंगे तीन मॉड्यूल
यू-डाइस पोर्टल में तीन मॉड्यूल होंगे। पहला स्कूल प्रोफाइल, दूसरा टीचर्स प्रोफाइल व तीसरा स्टूडेंट्स प्रोफाइल का होगा। जिनमें नाम अनुरूप पूरी प्रोफाइल होगी। स्टूडेंट्स प्रोफाइल में विद्यार्थियों से जुड़ी हर जानकारी इस पोर्टल पर स्कूलों द्वारा अपलोड होगी।
पैन से ही पोर्टल के जरिए जारी हो पाएगी टीसी
सभी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को यूडाइज कराना ही होगा। ऐसा नहीं होने पर उनके विद्यार्थियों को पैन नंबर यानी यूनिक नंबर जारी नहीं होगा। पैन नहीं होने की स्थिति में उस स्कूल को संबंधित विद्यार्थी के सभी दस्तावेज इनवैलिड माने जाएंगे यानी टीसी भी जारी नहीं होगी। भविष्य में विद्यार्थी की टीसी भी इसी पोर्टल के जरिए जारी होगी। इसके लिए पैन नंबर अनिवार्य होगा।
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