NATIONAL NEWS

“हम लड़ रहे पद-मान और सम्मान की ख़ातिर,वो दे गए हैं जान, हिन्दुस्तान की ख़ातिर।”

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

“हम लड़ रहे पद-मान और सम्मान की ख़ातिर,
वो दे गए हैं जान, हिन्दुस्तान की ख़ातिर।”

कवयित्री, नीतू पांचाल ‘निधि’ जी की यह पंक्तियाँ सहज ही संदेश देती हैं कि देशभक्ति स्वयं में एक उत्सव है तथा भाषा केवल विचाराभिव्यक्ति नहीं; अपितु ही जीती-जागती संस्कृति है।

साथ ही, बात जब देश-पर्व की आती है, तो जनमानस को एक धागे में पिरोने व जोड़ने का कार्य करते हुए भाषा, देश की साँझी संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे भी ले जाती है।

इसी कड़ी में, शुक्रवार, दिनांक- 11 अगस्त को दिल्ली नगर निगम द्वारा सिविक सेंटर स्थित, निगम मुख्यालय में हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में निगम के कर्मचारियों व अध्यापकों के लिए देशभक्ति से परिपूर्ण एक विशेष संगोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त, सुनील भादू जी भी उपस्थित रहे। उनके अलावा निगम के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे। अतिरिक्त आयुक्त, श्री सुनील भादू जी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अपना सृजनात्मक सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल बोलचाल की भाषा ही नहीं; अपितु कामकाज की भी भाषा होनी चाहिए। उन्होंने निगम कर्मचारियों से अपील की कि वे अपना प्रशासनिक कार्य हिन्दी माध्यम से करें।

प्रशासनिक अधिकारी, श्री राजेश निगम जी व उनकी टीम की देखरेख में आयोजित यह भव्य व देशभक्ति से सजा हुआ कार्यक्रम सभी विभागों के लिए एक प्रेरणा है। इस अवसर पर, गणमान्य कवियों में राष्ट्रीय कवि, श्री अनित्य नारायण मिश्र ‘बेबाक’, पी. के. ‘आज़ाद’, कृष्णकान्त ‘मधुर’, रमेश गंगेले, ओज की कवयित्री नीतू पांचाल ‘निधि’ व अन्य नवोदित कवियों ने इस अवसर पर देशवीरों के बलिदान, सैनिकों के जीवन, देश की अनेकता में एकता वाली संस्कृति, धार्मिक एकता व निष्पक्षता, शहीदों की वीरगाथाओं व कारगिल युद्ध में भारत की जीत को जिस प्रकार ओज व ऊर्जा के साथ पढ़ा, वह युवा पीढ़ी के लिए अवश्य ही प्रेरित करने व झकझोरने वाला था। स्वास्थ्य विभाग से अतुल मुदगल, मुदित दीक्षित जी व उर्दू विभाग से अफ़ाक हुसैन ने भी देशभक्ति शायरी व देशभक्ति गीतों के माध्यम से राष्ट्रवीरों को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए वतन की मिट्टी को नमन किया।

नवोदित कवियों में वासुदेव तिवारी, मृदुला शर्मा, हरीश भारद्वाज, रोहित महावर, प्रीती शर्मा, प्रवीण खत्री, उषा कुमारी, सुशीला मलिक, उषा खत्री, अनुराग विश्वकर्मा व सलोनी जैन ने देशभक्ति की अपनी कविताओं से सभी को रोमांचित किया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से नीरा बख्शी जी की उपस्थिति भी सराहनीय रही।

निगम कर्मचारियों ने इस अवसर पर संवाद, कविताएं, दोहे व देशभक्ति से सराबोर गायन से जमकर तालियाँ बटोरीं और अपनी नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से हिन्दी भाषा व देश की अन्य सभी भाषाओं का मान- सम्मान करते हुए के लिए सभी निगम कर्मियों प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में –

“फिर से भारत बने,
भाल इस विश्व का।
चेतना जन से जन में,
जगाना हमें। “
वीर रस के अद्भुत कवि, पंडित अनित्य नारायण मिश्र जी की उक्त, शानदार पंक्तियों ने शहीदों के बलिदान को सदा याद रखने, भारत-भूमि को पुनः वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी बनाने व देश की अखंडता व एकता को बनाए रखने की सभी से अपील की।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!