हाई कोर्ट ने डीजीपी को किया तलब:नाबालिग लड़की को नहीं खोज पाने के कारण 25 को पेश होने के दिए आदेश
नाबालिग लड़की को एक साल 4 माह में भी नहीं खोज पाने के कारण राजस्थान हाई कोर्ट ने डीज़ीपी उमेश मिश्रा को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में हाज़िर होने के आदेश दिए हैं। डीज़ीपी को 25 जुलाई को जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ में पेश होना होगा।
दरअसल अलवर जिले के हरसोरा थाने में 29 मार्च 2022 को नाबालिग के पिता ने अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद नाबालिग के पिता ने मई 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इस मामले में अलवर एसपी से लेकर एडीजी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में बुलाकर दिशा निर्देश दिए। लेकिन उसके बाद भी पुलिस नाबालिग लड़की को खोजकर कोर्ट में पेश नहीं कर सकी।
इस पर नाराज़गी जताते हुए कोर्ट ने 29 जुलाई को डीजीपी को पेश होने के निर्देश दिए है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस दौरान लड़की को खोज लिया जाता है तो डीजीपी को पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी।
पुलिस ने नहीं किए गंभीर प्रयास
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि इस पूरे मामलें में हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी नाराज़गी जताई। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने नाबालिग बच्ची को खोजने के लिए कभी गंभीर प्रयास किए ही नहीं। उन्होंने बताया कि पूरे मामले में मौखिक टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने यहां तक कहा था कि अगर यह किसी रसूखदार व दबंग व्यक्ति की बेटी होती तो पुलिस इसे अब तक खोजकर ले आती।
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