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हिन्दी-राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी की राजस्थानी कविता संग्रह “हेली रा हेला” पर चर्चामंच का आयोजन

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राजेन्द्र जोशी की कविताएं करुणा एवं मानवीय संवेदनाओं से सराबोर हैं::डाॅ. मदन सैनी
बीकानेर। अजित फाउंडेशन के तत्वावधान में हिन्दी-राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी की राजस्थानी कविता संग्रह “हेली रा हेला” पर चर्चामंच का आयोजन शनिवार को फाउंडेशन के सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. मदन सैनी ने की तथा मुख्य समीक्षात्मक पत्र वाचन कवियत्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास ने किया।कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि इस अवसर पर हेली रा हेला के कवि राजेन्द्र जोशी कविता संग्रह की रचना प्रक्रिया साझा करते हुए चुनिन्दा कविताओं का वाचन किया।
प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक व्यंग्यकार-सम्पादक डाॅ.अजय जोशी ने स्वागत भाषण करते हुए राजेन्द्र जोशी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मदन सैनी ने कहा कि राजेन्द्र जोशी के “हेली रा हेला” संग्रह की कविताएं भारतीय जीवन-दर्शन को जहां नवबोध से अनुप्राणित करती हैं, वहीं जन-जीवन के जीवट, प्रकृति एवं पर्यावरण-प्रेम, परदु:ख कातरता, करुणा एवं मानवीय संवेदनाओं से सराबोर हैं। डाॅ. सैनी ने कहा कि समकालीन राजस्थानी कविता-जगत में विशेष भाव-भंगिमा लिए इन कविताओं का स्वर कुछ और ही है, जो अनिर्वचनीय है।
इस अवसर पर पत्र वाचन करते हुए कवियत्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास “नीलम” ने कहा कि ‘हेली रा हेला’ कविता संग्रह आम आदमी के मन का, उसके दुख- सुख और जीवन संघर्ष का, उसकी हार और जीत का दर्पण है। चौहत्तर कविताओं और तीन खंडों में बंटा यह कविता संग्रह विविध भाव भंगिमाओं वाली कविताओं से समृद्ध है।डाॅ. व्यास ने कहा कि यहां आम आदमी और प्रकृति के लिए चिंता है। थरती की प्यास है। आकाश का अभिमान है। समाप्त होती जाती संवेदनाओं का चित्रण है। उन्होंने पत्र वाचन करते हुए कहा कि राजनीतिक दावंपेचों की तरफ इशारा है तो समाज की जड़ मानसिकता को तोड़ने के प्रयास भी हैं। चर्चा में भाग लेते हुए
वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि धरती से आकाश तक की यात्रा है हेली रा हेला। वरिष्ठ गीतकार-रचनाकार निर्मल कुमार शर्मा ने कहा कि राजेन्द्र जोशी अपनी रचनाओं के माध्यम से खुलकर सवाल करते है।
व्यंगकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि हेली रा हेला की रचनाएं आत्म से संवाद है।
चर्चामंच में नरसिंह बिन्नाणी अब्दुल शकूर सिसोदिया एवं कवि जुगल पुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए।
चर्चा मंच कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी, अविनाश व्यास ,चंद्रशेखर जोशी, एन.डी.रंगा, ओम कुबेरा, एडवोकेट महेंद्र जैन, हीरालाल हर्ष, बीकानेर.एल.नवीन, अशोक रंगा, आत्माराम भाटी, मनीष जोशी, मांगीलाल भद्रवाल, विष्णु शर्मा, दिनेश सेवग सहित अनेक लोग उपस्थित थें।

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