बीकानेर। दीपावली पर्व के शुभ दिनों में जहाँ लोग अपने घरों आदि स्थान पर ख़ुशियाँ मना रहे थे । वहीं दूसरी तरफ़ समाजसेवी असहाय सेवा संस्थान के सेवादार पी बी एम अस्पताल, बीकानेर ट्रोमा सेंटर सहित अस्पताल में लगातार सेवाएँ प्रदान कर रहे है।
इस दीपावली पर फटाखों से जलने में अधिकतर बच्चे चपेट में आये।
फटाखो से आँखें, अंगुलिया, हाथ, जाँघ, चेहरा, मुँह, सिर, पैर, पेट, गला, छाती आदि स्थान से जल गये।
कुछ को हायर सेंटर व जयपुर अस्पताल भी रेफर होना पड़ा।
संस्थान के राजकुमार खड़गावत ने बताया व संबंधित विभागीय सरकार से अपील की है कि दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण रहा है फटाका जिसे पोटाश कहा जा रहा है। इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये।
पोटाश का चलन पिछले कुछ वर्षों से ही हूवा है।
इससे बॉम्ब ब्लास्ट की तरह शरीर के अंगों के चीथड़े तक उड़ जाते हैं इंसान विकलांग तक हो जाता है।
सरकार को इस प्रकार के पोटाश जिसे बारूद भी कहा जा सकता है के विनिर्माण या इसके किसी भी तरीक़े से इस्तेमाल करने के उपकरण व प्रकार तथा इसकी ख़रीद और बिक्री पर पूर्ण रूप से बंदिश लगा देनी चाहिये।
समय पर प्रतिबंध नहीं लगने पर इसका विस्तार भयानक रुप में हो सकता है। बच्चों और युवा पीढ़ियो को नुक़सानदायक होता नज़र आ रहा है।
संस्थान के ताहिर हुसैन ने बताया कि अब तक क़रीब १२५ से अधिक मरीज़ फटाखो से जलने से अस्पताल पहुँचे।। जिनमे कुछ को जयपुर तक रेफर हुवे है।।
असहाय सेवा संस्थान के सदस्य
सेवादार
राजकुमार खडगावत , ताहिर हुसैन
अब्दुल सत्तार ,रमजान ,मो जुनेद
मो अकरम , अब्दुल रजाक,विजय लक्ष्मण , कुलदीप आदि
ख़िदमतगार ख़ादिम सोसाइटी के सोयेब, ज़ाकिर, नसीम आदि ।
मारवाड़ जन सेवा समिति के रमेश व्यास, राजनारायण मोदी , मुनीराम, विनोद पाण्डे आदि सहयोगी रहे।।
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