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आइसलैंड में एक महीने में दूसरा ज्वालामुखी फटा:शहर की तरफ बह रहा लावा, लोगों को सुरक्षित जगह जाने के आदेश

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आइसलैंड में एक महीने में दूसरा ज्वालामुखी फटा:शहर की तरफ बह रहा लावा, लोगों को सुरक्षित जगह जाने के आदेश

आइसलैंड कोस्ट गार्ड ने ज्वालामुखी का यह वीडियो शेयर किया। - Dainik Bhaskar

आइसलैंड कोस्ट गार्ड ने ज्वालामुखी का यह वीडियो शेयर किया।

आइसलैंड के रेकयेन्स पेनिनसुला में रविवार सुबह एक और ज्वालामुखी फट गया। इसके पहले 18 दिसंबर को भी यहां वॉल्केनो फटा था। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक 13 जनवरी को ज्वालामुखी के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसके बाद आइसलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई थी।

ज्वालामुखी फटने के बाद अब इसका लावा सबसे ज्यादा आबादी वाले ग्रिंडाविक शहर की तरफ बह रहा है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शहर में रहने वाले करीब 4 हजार लोगों को जगह खाली करने के आदेश दिए हैं। आइसलैंड में 33 सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो यूरोप में सबसे ज्यादा हैं।

ज्वालामुखी की तस्वीरें…

फुटेज आइसलैंड के रेकयेन्स पेनिनसुला में उस जगह की है, जहां ज्वालामुखी फटा।

फुटेज आइसलैंड के रेकयेन्स पेनिनसुला में उस जगह की है, जहां ज्वालामुखी फटा।

ज्वालामुखी के पास एक लावा को रोकने के लिए दीवार बनाई जा रही थी। ज्वालामुखी फटने के समय यहां काफी मशीनें, ट्रक मौजूद थे, जिन्हें फौरन सुरक्षित जगह ले जाया गया।

ज्वालामुखी के पास एक लावा को रोकने के लिए दीवार बनाई जा रही थी। ज्वालामुखी फटने के समय यहां काफी मशीनें, ट्रक मौजूद थे, जिन्हें फौरन सुरक्षित जगह ले जाया गया।

ग्रिंडाविक शहर की सड़कों पर ज्वालामुखी का लावा दिखाई दे रहा है।

ग्रिंडाविक शहर की सड़कों पर ज्वालामुखी का लावा दिखाई दे रहा है।

ज्वालामुखी से निकला लावा रिहायशी इलाकों तक पहुच रहा है। फुटेज में ग्रिंडाविक शहर में बने घर, इमारतें और लावा दिख रहा है।

ज्वालामुखी से निकला लावा रिहायशी इलाकों तक पहुच रहा है। फुटेज में ग्रिंडाविक शहर में बने घर, इमारतें और लावा दिख रहा है।

3 साल में फटने वाले यह चौथा ज्वालामुखी
2021 से अब तक रेकयेन्स पेनिनसुला में फटने वाला यह चौथा ज्वालामुखी है। मार्च 2021 में एक बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। तब दरार से करीब 6 महीने तक लावा बहता रहा था। इसके बाद अगस्त 2022 में एक विस्फोट हुआ, जिसका लावा तीन हफ्तों तक बहा था। दिसंबर 2023 में जो ज्वालामुखी फटा था, उससे ग्रिंडाविक शहर में जमीन फटने लगी थी। शहर में करीब 3.5 किलोमीटर लंबी दरार भी आ गई थी।

आइसलैंड के कोस्ट गार्ड ने ज्वालामुखी फटने के बाद की यह एरियल तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की।

आइसलैंड के कोस्ट गार्ड ने ज्वालामुखी फटने के बाद की यह एरियल तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की।

आइसलैंड में हैं 140 ज्वालामुखी
आइसलैंड की आबादी करीब 4 लाख है और यहां 140 ज्वालामुखी हैं। इनमें से करीब 33 एक्टिव वॉल्केनो हैं। देश दो टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है। ये प्लेट्स खुद समुद्र के नीचे मौजूद एक पर्वत श्रृंखला से बंटी हुई है। इस पर्वत से लगातार मैग्मा निकलता रहता है।

राहत की बात ये है कि आइसलैंड में पिछले कुछ दिनों में आए भूकंप के झटकों का फिलहाल यहां के सबसे बड़े कटला ज्वालामुखी पर कोई असर नहीं पड़ा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ज्वालामुखी भी जल्द ही फट सकता है। काटला में 1721 के बाद से अब तक 5 विस्फोट हुए हैं। ये 34-78 साल के अंतराल पर होते हैं। काटला में आखिरी विस्फोट 1918 में दर्ज किया गया था।

आइसलैंड के कोस्ट गार्ड की तरफ से जारी हुई इस तस्वीर में लावा दिख रहा है।

आइसलैंड के कोस्ट गार्ड की तरफ से जारी हुई इस तस्वीर में लावा दिख रहा है।

ज्वालामुखी क्या होता है?
ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है।

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​​​​​​यूरोपीय देश आइसलैंड में पिछले 14 घंटों में 800 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इनमें सबसे बड़े झटके की तीव्रता 5.2 रही। अधिकारियों के मुताबिक धरती के नीचे हो रही गतिविधियों की वजह से ज्वालामुखी फटने का भी डर है। इस बीच नेशनल पुलिस चीफ ने वहां इमरजेंसी घोषित कर दी है।

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